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अपठितगद्यांश
एक बार एक किसान का बैल गहरे गड्ढे में गिर गया | वह जोर जोर से चिल्लाने लगा | किसान उसे बहार निकलने का उपाए सोचने लगा | अंत में उसने निर्णय लिया की बैल काफी बूढ़ा हो चूका है, इस लिए उसे गड्ढे में ही दफना देना चाहिए | किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया| सभी मिलकर गड्ढे में मिट्टी डालने लगे | जैसे ही बैल को सब समझ में आया, वह और जोर जोर से चिल्लाने लगा और फिर अचानक शांत हो गया |
सब लोग चुपचाप गड्ढे में मिट्टी डालते जा रहे थे | तभी किसान ने नीचे झांककर देखा तो वह चकित रहे गया | अपनी पीठ पर पड़ने वाली मिट्टी को वह बूढ़ा हिला हिलाकर नीचे गिरा देता था और उस मिट्टी पर चढ़ जाता था | जल्दी ही वह गड्ढे के किनारे तक पहुंच गया और फिर अपनी हिम्मत और सूझ बुझ के बल पर बहार आने में सफल हो गया |
अपठितगद्यांशकेआधारपरनिम्नप्रश्नोकेउत्तरदीजिये :-
(क) किसान का बैल कहा गिर गया|
(ख) बैल का चिल्लाना सुन कर किसान से क्या निर्णय लिया?
(ग) किसान के पड़ोसियों ने उसकी मदद किस प्रकार की?
(घ) किसान चकित क्यों रह गया?
(ड़) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए|
उत्तर:-
(क) किसान का बैल गहरे गड्ढे में गिर गया|
(ख) बैल का चिल्लाना सुनकर किसान से यह निर्णय लिया की बैल काफी बूढ़ा हो चूका है, इसलिए उसे गड्ढे में ही दफना देना चाहिए|
(ग) किसान के पड़ोसियों ने मिलकर गड्ढे में मिट्टी डालकर उसकी मदद की|
(घ) किसान चकित इसलिए रह गया, क्योकि उसने देखा की बैल अपनी सूझ बुझ और हिम्मत से गड्ढे से बहार निकलने में सफल हो गया था|
(ड़) सफलता
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अपठितगद्यांश
एक आदर्श छात्र शिक्षा में अच्छा होता है, अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेता है, अच्छा व्यवहार करता है और सुंदर एवं सुशील दिखता है। हर व्यक्ति उसकी तरह बनना चाहता है और हर व्यक्ति उसका दोस्त बनना चाहता है। शिक्षक भी ऐसे छात्रों को पसंद करते हैं और वे जहां भी जाते हैं उनकी सराहना की जाती है।
सभी इस तरह के छात्र के साथ बैठना या मित्रता करना चाहते हैं, तो कई लोग उनके लिए अच्छे की दुआ नहीं करते क्योंकि वे उनसे ईर्ष्या करते हैं। फिर भी इससे आदर्श छात्र के मन को कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वह अपने व्यक्तित्व से जीवन में उच्च चीजें हासिल करता है। आदर्श छात्र कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जो उत्तम है और प्रत्येक परीक्षा में पूर्ण अंक प्राप्त करता है या प्रत्येक खेल गतिविधियों, जिसमें वह भाग लेता है, और पदक जीतता है। आदर्श छात्र वह है जो अनुशासित रहता है और जीवन में एक सकारात्मक दृष्टि रखता है।
अपठितगद्यांश केआधार पर निम्नप्रश्नो के उत्तर दीजिये :
(क) आदर्श छात्र को शिक्षा के साथ साथ क्या करना चाहिए ?
(ख) आदर्श छात्र कैसा दिखाई देता हैं ?
(ग) कौन लोग आदर्श छात्र के अच्छे कि दुआ नहीं करते हैं ?
(घ) आदर्श छात्र कौन होता हैं ?
(ड) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए|
उत्तर:-
(क) आदर्श छात्र को शिक्षा के साथ-साथ अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेना चाहिए|
(ख) आदर्श छात्र सुंदर एवं सुशील दिखाई देता हैं|
(ग) 'ईर्ष्या' करने वाले लोग आदर्श छात्र के अच्छे कि दुआ नहीं करते |
(घ) आदर्श छात्र वह है जो अनुशासित रहता है और जीवन में एक सकारात्मक दृष्टि रखता है।
(ड) 'आदर्श छात्र के गुण'
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अपठित गद्यांश
मानव जीवन के लिए जिस प्रकार भोजन, नींद और श्वास आवश्यक है, उसी प्रकार जीवन को स्वस्थ, सुंदर और सक्रिय रखने के लिए मनोरंजन भी आवश्यक है| मनोरंजन का स्तर कुछ भी हो सकता है| मनोरंजन स्वास्थ्य एवं सौंदर्य बोध के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है| इससे बौद्धिक और मानसिक विकास होता है| जिस प्रकार ढंग से पका हुआ भोजन व स्वस्थ वातावरण शरीर को स्वस्थ रखता है, उसी प्रकार मनोरंजन के अच्छे साधन मन और मस्तिष्क का उचित विकास करते हैं| नाटक, सिनेमा, घूमना, खेलना आदि यह सभी मनोरंजन के अच्छे साधन हैं|
निम्न लिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-
(क) मनुष्य के लिए मनोरंजन क्यों आवश्यक है?
(ख) मनोरंजन से मनुष्य को क्या लाभ होता है?
(ग) ‘जीवन’ शब्द का विलोम शब्द लिखिए?
(घ) भौतिक शब्द में मूल शब्द क्या है?
(ड़) इस गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए?
उत्तर-
(क) मनुष्य के जीवन को स्वस्थ, सुंदर और सक्रिय रखने के लिए मनोरंजन आवश्यक है|
(ख) मनुष्य से मनोरंजन का भौतिक और मानसिक विकास होता है|
(ग) जीवन का विलोम शब्द- ‘मरण’ है|
(घ) ‘बौद्ध’ मूल शब्द
(ड़) इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक ‘मनोरंजन से लाभ’ है|
अपठित गद्यांश
विचार-विनिमय के लिए मनुष्य को ही वाणी का वरदान प्राप्त है| पशु - पक्षी अपने भाव और विचार शारीरिक मुद्राओं ध्वनि संकेतो द्वारा प्रकट करते हैं| वाणी के अनेक रुप है, जिन्हें भाषा या बोली कहते हैं| संसार में इस समय भाषा के 3000 से भी अधिक रूप प्रचलित है| प्राय: सभी देशों की अपनी-अपनी भाषाएं हैं, उनके साथ- साथ स्थानीय बोलिया भी है, जो भाषा के ही प्रादेशिक रूप होते हैं| सबसे अधिक सरल, सुगम और स्वाभाविक भाषा मातृ भाषा कहलाती है; यह बालक को जन्मजात संस्कारों से मिलती है|
निम्न लिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए-
(क) वाणी का वरदान किसे प्राप्त है|
(ख) पशु पक्षी अपने भाव किस प्रकार प्रकट करते हैं|
(ग) ‘स्वभाविक’ में प्रत्यय है|
(घ) संसार शब्द का पर्याय है|
(ड़) इस गद्यांश का उचित शीर्षक है|
उत्तर-
(क) वाणी का वरदान मनुष्य को प्राप्त है|
(ख) पशु पक्षी अपने भाव शारीरिक मुद्राओ और ध्वनि - संकेतों से प्रकट करते हैं|
(ग) स्वभाविक - इक प्रत्यय
(घ) संसार- जगत
(ड़) शीर्षक- मातृभाषा
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पठितगद्यांश
पेंसिल की कहानी बहुत पुरानी नहीं है| करीब छ: सौ वर्ष पहले जर्मनी में ग्रैफाइट की चट्टानें मिली | इनका कोई टुकड़ा लेकर कागज या पत्थर पर लिखा जाता, तो निशान या लकीरे बन जाती | इसके कोई डेढ़ सौ साल बाद इंग्लैंड में शुद्ध ग्रैफाइट की चट्टान मिली | पहले गड़रियो को इनका पता चला | वे ग्रैफाइट की चट्टान का टुकड़ा लेकर अपनी भेड़ो पर निशान लगा देते | इससे उन भेड़ो की अलग से पहचान हो जाती थी |
फ़्रांस के निकोलस जेटकांते और ऑस्ट्रेलिया के जोसफ हडथरमुथ ने सबसे पहले पेंसिल बनाने में कामयाबी हांसिल की | अब तो इतनी सुन्दर पेंसिल बनती है कि बच्चे उन्हें पाने के लिए मचल उठते है | अब पेंसिल पर सुन्दर सुन्दर बच्चो के हसते खेलते चित्र होते है | कुछ पर पक्षीयो और जानवरो के भी चित्र होते है | वे इतनी रंग बिरंगी होती है कि उन्हें हाथ में लिए बगैर चैन ही नहीं पड़ता |
अपठितगद्यांशकेआधारपरनिम्नप्रश्नोकेउत्तरदीजिये :-
(क) करीब छः सौ वर्ष पहले जर्मनी में किसकी चट्टानें मिली?
(ख) ग्रैफाइट के टुकड़े से कागज या पत्थर पर लिखने से क्या बन जाता है?
(ग) ग्रैफाइट की शुद्ध चट्टानें सबसे पहले कहाँ मिली?
(घ) गडरिये ग्रैफाइट से क्या करते थे?
(ड़) सबसे पहले पेंसिल बनाने में किसने कामयाबी हासिल की?
उत्तर:-
(क) जर्मनी में छ: सौ वर्ष पहले ग्रीफाइड की चट्टानें मिली थी|
(ख) ग्रीफाइड के टुकड़े से कागज या पत्थर पर लिखने से लकीरें बन जाती थी|
(ग) ग्रैफाइट की शुद्ध चट्टान सबसे पहले इंग्लैंड में मिली|
(घ) गडरिये ग्रैफाइट के टुकड़े से भेड़ो पर निशान लगते थे|
(ड़) सबसे पहले फ़्रांस के निकोलस जेटकांते और ऑस्ट्रेलिया के जोसफ हडथरमुथ पेंसिल बनाने में सफल हुए |
अपठितगद्यांश
महात्मा बुद्ध मुस्कराये और मधुर स्वर में बोले, "मैं तो ठहर गया | भला तू खूब ठहरेगा?" अंगुलिमाल ठगा सा रह गया| उसने बहगवां बुध की तरफ देखा | महात्मा बुद्ध के चेहरे पर दृढ़ विश्वास था, बड़ी शांति थी | उनकी आँखों में करुणा थी | अंगुलिमाल जिन लोगो को रोकता था, वे थर थर कांपते थे | उन्हें सताने में उसे बड़ा मजा आता था | लेकिन यह दुबला-पतला सन्यासी तो उससे बिलकुल नहीं दर रहा था | वह बोला ," हे सन्यासी | तुम्हे बिलकुल दर नहीं लगता | देखो, मैंने कितने लोगो को मरकर उनकी अंगुलियों की माला बनाई है | अगर मैं चाहूँ, तो तुम्हे....|"
अपठितगद्यांशकेआधारपरनिम्नप्रश्नोकेउत्तरदीजिये :-
(क) महात्मा बुद्ध के चेहरे पर कैसे भाव था ?
(ख) महात्मा गाँधी ने अंगुलिमाल से क्या कहा ?
(ग) निम्नलिखित मुहावरों के उचित अर्थ लिखिए-
ठगा सा रह जाना
थर थर कांपना |
(घ) सन्यासी देखने में कैसा लग रहा था ?
(ड़) निम्नलिखित में से व्यक्तिवाचक संज्ञा और भाववाचक संज्ञा छांटकर लिखिए- महात्मा बुद्ध, शान्ति, अंगुलिओं का मन ?
उत्तर:-
(क) महात्मा बुद्ध के चेहरा पर दृढ़ विश्वास और शान्ति थी |
(ख) " मैं तो टहर गया| भला तू कब ठहरेगा?"
(ग) 1. हैरान होना
2.बहुत घबराना
(घ) सन्यासी दुबला - पतला था|
(ड़) व्यक्तिवाचक संज्ञा – महात्मा बुद्ध, अंगुलिमाल
भाववाचक संज्ञा - शान्ति, करुणा |
अपठितगद्यांश
एक गधा जंगल में घास चर रहा था | जंगल के किनारे पर ही उसके मालिक हरिया का घर था | वह रोज जंगल में आकर घास खाकर उसे बड़ा ही मजा आता था | उसे वहाँ कभी भी कोई खतरा महसूस नहीं हुआ | मगर एक दिन अचानक ही उसे पास की झाड़ियों में सरसराहट सुनाई दी | उसने सर उठाकर देखा तो उसके प्राण सुख गए | झाड़ियों से निकलकर एक बाघ उसके सामने आ खड़ा हुआ था | गधे ने सोचा कि आज तो मारे गए | मगर आदमियों की संगत में रहकर वह भी बहुत चालाक हो गया था | उसने डरना छोड़ और लंगड़ा लगडकर चलने लगा |
अपठितगद्यांशकेआधारपरनिम्नप्रश्नोकेउत्तरदीजिये :-
(क) गधा जंगल में क्या कर रहा था ?
(ख) जंगल के किनारे किसका घर था ?
(ग) अचानक ही एक दिन गधे के सामने कौन आकर खड़ा हो गया ?
(घ) निम्नलिखित शब्दों के लिंग बदल कर लिखिए-
1.मालिक -
2.बाघ-
(ड़) गद्यांश में से दो विशेषण शब्द छांटकर लिखिए |
उत्तर:-
(क) गधा जंगल में घास खा रहा था |
(ख) जंगल के किनारे हरिया का घर था |
(ग) अचानक ही उसके सामने एक बाघ आकर खड़ा हो गया |
(घ) 1. मालकिन
2.बाघिन
(ड़) 1. हरी-हरी
2.चालाक
अपठितगद्यांश
पुस्तकालय का अर्थ है- पुस्तके रखने का घर अर्थात जहाँ एक ही जगह पर एक साथ बहुत सारी पुस्तके रखी जाती है | हर स्कूल और कॉलेज में पुस्तकालय होता है | जो लोग नौकरी करते है, उन लोगो के लिए भी पुस्तकालय होता है | इसे पब्लिक लाइब्रेरी कहा जाता है | पुस्तकालय में न केवल पुस्तके होती है, बल्कि अख़बार, पत्र-पत्रिकायें आदि भी होती है | लोग पुस्तकालय में बैठकर अपनी मनपसंद पुस्तके, पत्र-पत्रिकाएं, अख़बार आदि पढ़ते है | हमारे विद्यालय एम् भी एक बड़ा सा पुस्तकालय है | इसमें हिंदी, अंग्रेजी, गणित, संस्कृत, फ्रैंच, जर्मनी आदि विषयो की लगभग ६००० पुस्तके है | यहाँ पर विभिन्न भाषाओ के शब्दकोष, पत्र- पत्रिकाएं आदि भी है| पुस्तकालय में बैठकर पढ़ने के साथ पुस्तकों को घर ले जाकर पढ़ने की सुविधा भी होती है |
अपठितगद्यांशकेआधारपरनिम्नप्रश्नोकेउत्तरदीजिये :-
(क) पुस्तकालय किसे कहते है |
(ख) पुस्तकालय कहाँ कहाँ होते है ?
(ग) पुस्तकालय में पुस्तकों के अलावा क्या चीज़े मिलती है |
(घ) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए |
(ड़) गद्यांश में से 'पुस्तकालय' तथा 'स्कूल' शब्द के लिए समानथी शब्द छांटकर लिखिए |
उत्तर:-
(क) पुस्तकालय का अर्थ है- पुस्तके रखने का घर अर्थात जहाँ एक ही जगह पर एक साथ बहुत सारी पुस्तके राखी जाती है|
(ख) हर स्कूल और कॉलेज में पुस्तकालय होता है |
(ग) पुस्तकालय में पुस्तकों के अलावा अख़बार, पत्र-पत्रिकाएँ आदि होती है |
(घ) गद्यांश का उचित शीर्षक- 'पुस्तकालय' है|
(ड़) 1. पुस्तकालय- लाइब्रेरी
2.स्कूल – विद्यालय
अपठितगद्यांश
सरदार वल्लभभाई पटेल का बचपन गांव में बिता था| उनके गांव में कोई अंग्रेजी स्कूल नहीं था, इसलिए गांव के बच्चे रोज़ दस-ग्यारह किलोमीटर पैदल चलकर दूसरे गांव में पढ़ने जाते थे | एक दिन छात्रों की टोली निकली तो उन्होंने पाया कि उनमे से एक छात्र काम है | वल्लभभाई पीछे रहे गए थे | लड़को ने मुड़कर देखा तो पाया कि वे खेत कि मेड पर किसी चीज़ को उखाड रहे है | साथियों ने दूर से ही आवाज़ दी क्या हुआ ? वल्लभभाई ने कहा जरा यह पत्थर हटा लूँ, तो आता हूँ | साथियों को ध्यान आया कि खेत कि मोड़ पर एक नुकीले पत्थर से कई बार उन्हें ठोकर लग चुकी थी, पर आज तक किसी ने उसे नहीं हटाया | वल्लभभाई ने जब पत्थर हटा लिया तो साथियो के साथ चलते हुये बोले-रास्ते के इस पत्थर से कितनो को ठोकर लगी होगी | ऐसी चीज को हटा ही देना चाहिये | सारे बच्चे आश्चर्य से उन्हें देख रहे थे |
अपठितगद्यांशकेआधारपरनिम्नप्रश्नोकेउत्तरदीजिये :-
(क) गांव के बच्चे पढ़ने के लिए दूसरे गांव क्यों जाते थे ?
(ख) वल्लभभाई पीछे क्यों रह गए थे ?
(ग) नुकीला पत्थर हटाने का क्या कारण था |
(घ) रास्ते से पत्थर हटाने वाले काम से वल्लभभाई के चरित्र की किस विशेषता का पता चलता है ?
(ड़) अर्थ लिखिए-
1.टोली -
2.मेड –
उपरोक्तप्रश्नोकेसंभावितउत्तर:-
(क) गांव के बच्चे पढ़ने के लिए दूसरे गांव जाते थे क्योकि उनके गांव में कोई अंग्रेजी स्कूल नहीं था, इसलिए गांव के बच्चे रोज़ दस ग्यारह किलो मीटर पैदल चलकर दूसरे गांव में पढ़ने जाते थे |
(ख) वल्लभभाई पीछे रहे गए क्योकि वे खेत के मेड़ पर पड़े पत्थर को हटाने के लिए रुक गए थे |
(ग) खेत के मेड़ पर पड़े नुकीले पत्थर से कई बार उन्हें ठोकर लग चुकी थी|
(घ) वल्लभभाई बड़े ही मददगार और दयालु थे |
(ड़) 1. समूह
2.रास्ते
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