Study MaterialsSolved CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Set 3

Solved CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Set 3

Solved CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Set 3

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    • इस प्रश्न-पत्र में चार खण्ड है – क, ख, ग, घ ।
    • चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
    • यथासंभव प्रत्येक खण्ड के क्रमशः उत्तर दीजिए |

    खण्ड ‘क’ : अपठित बोध
    1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिएशाहजहाँ जब मुगल सम्राट हुआ तब उसने निश्चय किया कि राज्य की राजधानी आगरा से पुराने स्थान पर दिल्ली स्थानान्तरित की जाए क्योंकि आगरा की गर्मी से वह परेशान था। उसने यमुना नदी के दाहिने किनारे, जहाँ सलीमगढ़ था। शाहजहाँनाबाद नामक नगर की नींव डाली। वह अपने रहने के लिए परकोटे के भीतर एक विशाल भवन बनवाना चाहता था- नगर के भीतर एक नगर। सन् 1638 ई. में उसने लाल रंग का प्रसिद्ध विशाल लाल किला बनवाना प्रारंभ किया, जिसके निर्माण में लगभग दस साल लगे और सन् 1648 ई. में वहाँ राजधानी आई। इस किले के भीतर शाहबुर्ज, रंगमहल, मुमताज महल, दीवाने आम, दीवाने खास, शाह मंडल आदि इमारतें बनाई गई जिनकी देखरेख स्वयं शाहजहाँ ने की। दिल्ली का लाल किला इकतीस सौ फुट लम्बा और सोलह सौ पचास फीट चौड़ा है और उत्तर से दक्षिण तक फैला हुआ है। ज़मीन की ओर इसकी दीवार अत्यंत मोटी और विशाल है।
    (क) मुगल साम्राज्य की राजधानी को किसने स्थानान्तरित किया और कहाँ पर किया?
    (ख) यमुना नदी के किनारे किस नगर की नींव डाली गई? उसका नाम पहले क्या था?
    (ग) ‘इसकी दीवार अत्यंत मोटी और विशाल है।’ रेखांकित शब्द को व्याकरण की दृष्टि से क्या कहेंगे?
    (घ) शाहजहाँ ने लाल किले के भीतर कौन-कौन सी इमारतें बनवाई?
    (ड) दिल्ली के लाल किले का क्षेत्रफल क्या है?
    उत्तर-
    (क) मुगल साम्राज्य की राजधानी को शाहजहाँ ने, दिल्ली स्थानान्तरित किया।
    (ख) यमुना नदी के किनारे शाहजहाँनाबाद की नींव डाली गई। उसका नाम पहले सलीमगढ़ था।
    (ग) प्रविशेषण
    (घ) शाहजहाँ ने लाल किले के भीतर शाहबुर्ज, रंगमहल, मुमताज महल, दीवाने आम, दीवाने खास, शाहमंडल आदि इमारतें बनवाई।
    (इ) दिल्ली का लाल किला इकतीस सौ फुट लंबा, सोलह सौ पचास फीट चौड़ा है और उत्तर से दक्षिण तक फैला हुआ है।

    2. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    निर्भय होकर घोषित करते
    जो अपने उद्गार विचार
    जिनकी जिहवा पर होता है।
    उनके अंतर का अंगार।
    नहीं जिन्हें चुप कर सकती है।
    आतताइयों की शमशीर
    मैं हूँ उनके साथ खड़ी जो
    सीधी रखते अपनी रीढ़

    जो चलते हैं अपने छप्पर
    के ऊपर लूका धरकर
    हार जीत का सौदा करते,
    जो प्राणों की बाजी पर,
    कूद उदधि में नहीं पलटकर,
    जो फिर ताका करते तीर,
    मैं हूँ उनके साथ खड़ी जो
    सीधी रखते अपनी रीढ़ ।

    (क) कवयित्री किसके साथ खड़ी हैं?
    (ख) प्राणों की बाजी पर वे क्या करते हैं?
    (ग) सीधी रीढ़ वाले लोग क्या घोषित करते हैं?
    उत्तर-
    (क) कवयित्री सीधी रीढ़ वालों के साथ अर्थात् आत्मविश्वास से भरे लोगों के साथ खड़ी हैं।
    (ख) प्राणों की बाजी पर वे हार-जीत का सौदा करते हैं।
    (ग) सीधी रीढ़ वाले लोग निर्भय होकर अपने उद्गार-विचार रखते हैं।

    खण्ड ‘ख’ : व्याकरण
    3. (क) निम्नलिखित शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए-
    (i) विज्ञापित
    (ii) प्रत्येक
    (ख) निम्नलिखित शब्दों में से अनुस्वार के उचित प्रयोग वाले शब्द छाँटकर लिखिए-
    (i) सयंम
    (ii) मंदाकिनी
    (iii) संगति
    (iv) हसंना

    (ग) निम्नलिखित शब्दों में उचित स्थान पर लगे अनुनासिक चिह्नों के प्रयोग वाले शब्द छाँटिए-
    (i) पूंजीपति
    (ii) मनोरंजन
    (iii) महँगाई
    (iv) सौंम

    (घ) निम्नलिखित शब्दों में उचित स्थानों पर लगे नुक्ते वाले दो शब्द लिखिए-
    (i) बेइज्ज़त
    (ii) फ़तवा
    (iii) बनियान
    (iv) शराफत
    उत्तर-

    (क) (i) व् + इ + ज् + आ + आ + प् + इ +त+ अ
    (ii) प् + र + आ + + य् + ए + क् + अ
    (ख) मंदाकिनी, संगति।
    (ग) पूँजीपति, महँगाई।
    (घ) बेइज्जत, फ्रतवा।

    4. (क) निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग व मूलशब्द को अलग-अलग कीजिए-
    (i) उनसठ
    (ii) अभियोग
    (ख) निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त प्रत्यय व मूलशब्द को अलग-अलग कीजिए-
    (i) आर्थिक
    (ii) अकेलापन
    उत्तर-
    (क)
    (i) उन + सठ
    (ii) अभि + योग
    (ख)
    (i) अर्थ + इक
    (ii) अकेला + पन

    5. (क) निम्नलिखित शब्दों में संधि कीजिए-
    (i) अभि + अंतर
    (ii) उदाहरण + अर्थ

    (ख) निम्नलिखित शब्दों में संधि-विच्छेद कीजिए-
    (i) दोषारोपण |
    (ii) चित्ताकर्षक
    (ग) निम्नलिखित वाक्यों में उचित विराम चिह्नों का प्रयोग कीजिए-
    (i) सती उसे माथे से योद्धा उसे आँखों से लगता है।
    (ii) धूल धूलि धूली धूरि आदि की व्यंजनाएँ अलग-अलग हैं।
    (iii) अभी तो उन्होंने अटूट होने का ही प्रमाण दिया है।
    उत्तर-
    (क)
    (i) अभ्यंतर
    (ii) उदाहरणार्थ
    (ख)
    (i) दोष + आरोपण
    (ii) चित्त + आकर्षक
    (ग)
    (i) सती उसे माथे से, योद्धा उसे आँखों से लगाता है।
    (ii) धूलि, धूलि, धूली, धूरि आदि की व्यंजनाएँ अलग-अलग हैं।
    (iii) अभी तो उन्होंने अटूट होने का ही प्रमाण दिया है।

    खण्ड ‘ग’ : पाठ्यपुस्तक व पूरक पाठ्यपुस्तक
    6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    (क) रामन् के सराहनीय अनुसन्धान कार्यों के लिए उन्हें किस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया?
    (ख) ‘धर्म की आड़’ पाठ के आधार पर गाँधी जी के धर्म सम्बन्धी विचार लिखिए।
    (ग) स्नेहपूर्वक मिलने के बावजूद लेखक अपने मित्र के आने पर आशंका से क्यों ग्रस्त थे?
    उत्तर-
    (क) 1924 में रॉयल सोसाइटी की सदस्यता, 1929 में ‘सर’ की उपाधि, भौतिकी में नोबेल पुरस्कार, रोम में त्यूसी पदक, ‘भारत रत्न’ आदि की उपाधियों के प्रतिष्ठित पुरस्कारों से रामन् को सम्मानित किया गया। (ख) महात्मा गाँधी अपने जीवन में धर्म को महत्वपूर्ण स्थान देते थे। वे एक कदम भी धर्म-विरुद्ध नहीं चलते थे। परन्तु उनके लिए धर्म का अर्थ था-ऊँचे विचार तथा मन की उदारता। वे ‘कर्तव्य’ पक्ष पर जोर देते थे। वे धर्म के नाम पर हिन्दू-मुसलमान की कट्टरता के फेर में नहीं पड़ते थे। इस प्रकार से कर्तव्य ही उनके लिए धर्म था।
    (ग) पता नहीं कब तक ठहरेगा। व्याख्यात्मक हल : मित्र के आने पर लेखक उससे बहुत स्नेह के साथ मिला, लेकिन इसके साथ लेखक को अतिथि के अधिक दिन रुकने की शंका व भय था ।

    7. लेखिका के तम्बू में गिरे बर्फ-पिंड का वर्णन किस तरह किया गया है?
    उत्तर-
    लेखिका के तम्बू में गिरे बर्फ पिंड का वर्णन इस प्रकार किया है। 15-16 मई, 1984 को बुद्ध पूर्णिमा की रात लगभग 12:30 बजे लेखिका के कैम्प-तीन के नायलॉन के तम्बू के ऊपर एक भारी बर्फ पिंड आ गिरा। यह लेखिका के सिर के पिछले हिस्से से टकराया। उसकी नींद खुल गई। यह बर्फ पिण्ड कैम्प के ठीक ऊपर ल्होत्से ग्लेशियर से टूटकर नीचे आ गिरा। उसका विशाल हिमपुंज बन गया था। हिमखण्डों, बर्फ के टुकड़ों तथा जमी हुई बर्फ के इस विशालकाय पुंज ने एक एक्सप्रेस रेलगाड़ी की तेजगति और भीषण गर्जना के साथ, सीधी ढलान से नीचे आते हुए कैम्प को तहस-नहस कर दिया था। इससे प्रत्येक व्यक्ति को चोट तो लगी, पर मरा कोई नहीं।

    अथवा

    रामन् के लिए सरकारी नौकरी छोड़ना कठिन क्यों था? ‘वैज्ञानिक चेतना के वाहक’ पाठ के आधार पर लिखिए।
    उत्तर-
    प्रतिभावान छात्र सरकारी नौकरी के प्रति आकर्षित होते थे नौकरी करते हुए दस वर्ष बीत चुके थे। उस जमाने के हिसाब से एक अत्यन्त प्रतिष्ठित सरकारी पद था जिसके साथ मोटी तनख्वाह और अनेक सुविधाएँ जुड़ी थी। ऐसी हालत में सरकारी नौकरी छोड़ कर कम सुविधा वाली नौकरी में आने का फैसला करना कठिन था।
    व्याख्यात्मक हल :
    प्रतिभावान छात्र सरकारी नौकरी के प्रति आकर्षित होते थे। रामन् को भी नौकरी करते हुए दस वर्ष बीत चुके थे। उस जमाने के हिसाब से भारत सरकार के वित्त विभाग में अफसर का पद एक अत्यंत प्रतिष्ठित सरकारी पद था, जिसके साथ मोटी तनख्वाह और अनेक सुविधाएँ जुड़ी थी। ऐसी हालत में सरकारी नौकरी छोड़कर कम सुविधाओं वाली और कम वेतन वाली विश्वविद्यालय की नौकरी में आने का फैसला करना हिम्मत का काम था, क्योंकि इस तरह उनके बेहतर भविष्य की सुरक्षा के स्थान पर अनिश्चित भविष्य की स्थिति होने वाली थी।

    8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
    (क) अपनी बच्ची की बीमारी के कारण सुखिया के पिता की क्या दशा हुई? ‘एक फूल की चाह’ कविता के आधार पर लिखिए।
    (ख) ‘नज़ीर अकबरावादी’ ने आदमीनामा में आदमी की किन विशेषताओं की ओर ध्यान खींचा है?
    (ग) “माँग मत’, ‘कर शपथ’, ‘लथपथ’ इन शब्दों की पुनरावृत्ति क्यों की गई है? ‘अग्निपथ’ कविता के आधार पर लिखिए।
    उत्तर-
    (क) चारों ओर अन्धकार ही अन्धकार दिखाई देने लगा। मन घोर निराशा से भर गया।
    व्याख्यात्मक हल :
    अपनी बच्ची की बीमारी के कारण सुखिया के पिता को चारों ओर अन्धकार ही अन्धकार दिखाई देने लगा। अपनी पुत्री की अन्तिम इच्छा पूरी न कर पाने के कारण उसका मन घोर निराशा से भर जाता है। क्योंकि वह सामाजिक स्थितियों को जानता था।
    (ख) आदमी के स्वभाव की विविधता की भिन्नता की। भले-बुरे गुणों से युक्त होना।
    व्याख्यात्मक हल :
    कवि अकबरावादी ने आदमीनामा में बताया है कि आदमी के स्वभाव अलग-अलग होते हैं जिससे उनके व्यवहार व व्यक्तित्व भी अलग हो जाते हैं तथा कर्मों के कारण अच्छे और बुरे व्यक्ति कहलाते हैं। कोई शरीफ होता है तो कोई शरारती। हर इंसान अलग-अलग होता है।
    (ग) शब्दों की पुनरावृत्ति करके कवि कर्मठ व्यक्तियों को जीवन-पथ की कठिनाइयों से जूझने के लिए दृढ़ करके तैयार करना चाहता है। चाहे उनके मार्ग में अनगिनत कठिनाइयाँ उन्हें घेर लें, तब भी वह जीवनपथ पर संघर्ष से नहीं थकेगा।

    9. विपत्ति में हमारा सहायक कौन बनता है? रहीम के दोहों के आधार पर उत्तर दीजिए। 5 ।
    उत्तर-
    रहीम के अनुसार विपत्तियों में अपने ही साधन और संबंध काम आते हैं। उदाहरण के लिए सूखते हुए कमल को जल ही बचा सकता है। सूरज की ऊष्मा नहीं कमल जल में से जन्म लेता है इसलिए वही उसका जीवन रक्षक होता है। यदि वही सूख गया तो । फिर सब कुछ नष्ट हो जाता है।
    व्याख्यात्मक हल :
    रहीमदास जी कहते हैं कि जिसके पास अपना कुछ नहीं, दूसरे भी उसकी सहायता नहीं कर सकते। संसार में अपनी सम्पति अपनी योग्यता के बिना कुछ भी प्राप्त नहीं होता। अत: मुसीबत के समय अपने आत्मबल को बनाए रखना चाहिए। जिस तरह सूखते हुए कमल को जल ही बचा सकता है। जल ही जलज का जीवन है, सूरज की ऊष्मा नहीं। कमल जल में से जन्म लेता है। जल के न होने पर सूरज भी कमल को जीवन प्रदान नहीं कर सकता।

    अथवा

    “गीत-अगीत’ के केन्द्रीय भाव को लिखिए। उत्तर’गीत-अगीत’ कविता का केन्द्रीय भाव यह है कि जिस भाव या विचार को स्वर के माध्यम से प्रकट करने का अवसर मिल जाता है, वह गीत बन जाता है। पर इसके साथ-साथ अगीत के महत्व को भी भुलाया नहीं जाना चाहिए। यह वह गीत होता है। जो केवल मन के अंदर ही उमड़-घुमड़कर रह जाता है। उसे स्वर नहीं मिल पाता, अत: प्रकट नहीं होता। इसकी गूंज सुनी तो नहीं जाती, पर अनुभव की जा सकती है।

    10. इनाम में मिली दोनों अंग्रेजी की पुस्तकों ने किस प्रकार लेखक के लिए नई दुनिया के द्वार खोल दिए? ‘मेरा छोटा-सा निजी पुस्तकालय’ पाठ के आधार पर लिखिए।
    उत्तर-
    अंग्रेजी की इन दो नई किताबों ने नई दुनिया का द्वार खोल दिया। पक्षियों से भरा आकाश और रहस्यों से भरा समुद्र और पिताजी ने सौंप दिया एक खाना अपनी लाइब्रेरी के लिए।
    व्याख्यात्मक हल :
    लेखक पाँचवीं कक्षा में फस्ट आया था। इनाम में अंग्रेजी की दो किताबें मिलीं थीं। एक किताब में दो छोटे बच्चे घोंसले की खोज में बागों और कुओं में भटकते हैं। इस तरीके से उन्हें पक्षियों की जातियों, बोलियों तथा आदतों की जानकारी मिलती है। दूसरी किताब में पानी के जहाजों की कथाएँ थीं। जहाज कितने प्रकार के होते हैं ? वे कौन-कौन सा माल लादकर लाते हैं, कहाँ से लाते हैं, कहाँ ले जाते हैं, नाविकों की। जिन्दगी कैसी होती है? कैसे-कैसे द्वीप मिलते हैं, कहाँ व्हेल होती हैं, कहाँ शार्क होती हैं ? इन किताबों से उसे पक्षियों से भरे आकाश तथा रहस्यों से भरे समुद्र का ज्ञान
    हुआ।

    अथवा

    लेखक कुएँ से चिट्ठी निकालने का काम टाल सकता था, परन्तु उसने ऐसा नहीं किया।’स्मृति’ कहानी से उसके चरित्र की कौन-सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं?
    उत्तर-
    (i) ईमानदारी
    (ii) कर्तव्यनिष्ठा
    (iii) साहस
    (iv) एकाग्रचितता
    (v) सूझ-बूझी |
    व्याख्यात्मक हल :
    लेखक के द्वारा कुएँ से चिट्ठी निकालने का काम टल सकता था। लेकिन बड़े भाई की डॉट के डर से उसने ऐसा नहीं किया। इसके साथ ही लेखक बहुत ईमानदार भी था। वह अपने भाई से झूठ बोलना अथवा बहाना लगाना नहीं चाहता था। चिट्ठियों को पहुँचाने की जिम्मेदारी, कर्तव्यनिष्ठा की भावना उसे कुएँ के पास से जाने नहीं दे रही थी। लेखक ने पूरे साहस व सूझ-बूझ के साथ कुएँ में नीचे उतरकर एकाग्रचित हो साँप की गतिविधियों को ध्यान में रखकर चिट्ठियाँ बाहर निकाल लीं। इस तरह हमें लेखक की ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा के साथ उसके साहस, दृढ़ निश्चय, एकाग्रचिता व सूझ-बूझ की जानकारी भी मिलती है।

    अथवा

    गिल्लू को जाली के पास बैठकर अपनेपन से बाहर झाँकते देखकर लेखिका ने इसे मुक्त करना आवश्यक क्यों माना? तीन कारणों सहित स्पष्ट कीजिए।
    उत्तर-

    • गिल्लू की भावनाओं को समझने के कारण
    • बंधन से मुक्ति
    • जीवों के प्रति दया तथा उनकी इच्छा का सम्मान

    अथवा

    गिल्लू को मुक्त कराने की आवश्यकता क्यों समझी गयी और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किए?
    उत्तर-
    व्याख्यात्मक हल :
    जब गिल्लू के जीवन का पहला बसंत आया तब बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिक-चिक की आवाज करके मानो कुछ कहने लगीं। गिल्लू भी जाली के पास बैठकर अपनेपन से बाहर झाँकता रहता। तब लेखिका को लगा कि इसे मुक्त करना आवश्यक है। इसलिए कीलें निकालकर जाली का एक कोना खोल दिया। ऐसे लगा कि गिल्लू ने इससे बाहर जाकर जैसे मुक्ति की साँस ली। लेखिका के हृदय में जीवों के प्रति दया का भाव था वह उनकी इच्छाओं का सम्मान करती थी। वह पशु-पक्षियों को किसी बंधन या कैद में नहीं रखना चाहती थी। जब । उन्हें महसूस हुआ कि गिल्लू बाहर जाना चाहता है तो उन्होंने उसे बाहर जाने के लिए स्वयं रास्ता दे दिया।
    । जाना चा

    खण्ड ‘घ’ : लेखन
    11. दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर किसी एक विषय पर लगभग 80 से 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए-
    (क) गरीबों की बस्ती
    (i) रहन-सहन
    (ii) अभावपूर्ण जीवन
    (iii) क्या करें
    (ख) मेरा प्रिय खिलाड़ी
    (i) मेरा प्रिय खिलाड़ी-सचिन तेन्दुलकर
    (ii) सचिन और क्रिकेट-एक दूसरे के पूरक
    (iii) सफल कप्तान
    (ग) विज्ञान: वरदान या अभिशाप
    (i) विज्ञान और हमारा अस्तित्व
    (ii) विज्ञान-सदुपयोग के साथ दुरुपयोग भी
    (iii) विज्ञान का दुरुपयोग रोकना आवश्यक
    उत्तर-
    (क) गरीबों की बस्ती
    हमारे नगर की दक्षिण दिशा में गरीबों की बस्ती है। इसमें अधिकतर वे लोग रहते हैं। जो हाथ के कारीगर हैं। राज-मिस्त्री, मजदूर, प्रेस वाले, सब्जी का ठेला लगाने वाले, बढ़ई, फल बेचने वाले, बर्फ का ठेला लगाने वाले इस बस्ती की झुग्गी-झोंपड़ी में निवास करते हैं। किसी के पास भी रहने का अपना पक्का मकान नहीं है। वे रोज कमाने वाले, रोज खाने वाले लोग हैं। परिवार में सदस्यों की संख्या अधिक होने से वहाँ निरंतर अभाव रहता है कभी दाल बन गयी तो कभी सब्जी तो कभी सूखी रोटी अचार से खा ली। साफ-सफाई का प्रबंध भी वहाँ नहीं है तथा स्कूल जाने की उम्र में ही बच्चों को काम पर लगा दिया जाता है जिससे परिवार की आमदनी बढ़ सके। उनके लिए स्वच्छ, सार्वजनिक शौचालय बनाये जाने चाहिए, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए, तथा बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए। परिवार नियोजन पर भी ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है तभी उनकी दशा में कुछ सुधार हो सकता है।

    (ख) मेरा प्रिय खिलाड़ी
    • विषयवस्तु
    • प्रस्तुति
    • शुद्धभाषा
    व्याख्यात्मक हल :
    मेरा प्रिय खिलाड़ी क्रिकेट की दुनिया का जादूगर व बादशाह सचिन तेन्दुलकर है। वे क्रिकेट के विश्व प्रसिद्ध खिलाड़ी हैं। प्रत्येक खिलाड़ी उनके समान खेलने व बनने के स्वप्न देखता है। सचिन ने जब क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा उस समय वह सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे। अपने सधे हुए खेलने के तरीके व अपनी खेल भावना के कारण वह एक प्रिय खिलाड़ी हैं। सचिन एक गम्भीर स्वभाव के खिलाड़ी हैं। जब वह मैदान पर होते हैं तो सभी दर्शकों की निगाहें उन्हीं पर टिकी रहती हैं। उनके खेलने के अंदाज को देखकर सभी दाँतों तले अपनी आँगुलियाँ दबा लेते हैं। खेल के विपरीत परिस्थितियों में होने पर भी वह अपना संयम नहीं खोते हैं और सामान्य होकर खेल को खेलते हैं। विपक्षी खिलाड़ियों में सदैव ही उन्हें आउट करने की होड़ लगी रहती है। उन्होंने अब तक कई शतक और अर्द्धशतक बनाए हैं। उनके खेलने के तरीके की प्रशंसा केवल उनके साथी खिलाड़ी ही नहीं वरन् अन्य देशों के खिलाड़ी भी करते हैं। सचिन जब भी मैदान पर आते हैं तो शतक अथवा अर्द्धशतक पूरा होने तक मैदान पर डटे रहते हैं। उनमें एक सफल कप्तान के भी सभी गुण विद्यमान है। उनकी कप्तानी में भारत ने कई मैच भी जीते हैं।

    (ग) विज्ञान : वरदान या अभिशाप
    आज यदि हम अपने को विज्ञान से अलग करके देखें तो शायद हमारा कोई अस्तित्व ही नहीं रहेगा। वैज्ञानिक उन्नति के कारण ही हमारी दिनचर्या इतनी सहज हो गई है। कि कितने ही काम मिनटों में निपट जाते हैं। लिखना, पढ़ना, खाना-पीना यहाँ तक कि सोना भी विज्ञान पर निर्भर करता है। कागज-कलम, टोस्टर, फ्रिज, गैस, पंखा, क्लर, हीटर सभी तो विज्ञान की ही देन हैं। संचार, यातायात के साधन, टेलीविजन, इंटरनेट ने तो हमारी दूरियाँ ही समाप्त कर दी हैं। घर बैठे ही सबकी खोज-खबर ले लो। जहाँ दृष्टि डालो विज्ञान ही विज्ञान है। उपग्रहों के माध्यम से शिक्षा का प्रसार, मौसम की जानकारी, कृषि के नये तौर-तरीके, सुरक्षा के साधन और न जाने क्या-क्या। चिकित्सा के क्षेत्र में तो इसकी उन्नति के क्या कहने? बस आत्मा को छोड़कर सब कुछ तैयार किया जा सकता है, अदला-बदला जा सकता है। आज अनेक व्यक्ति अंग-प्रत्यारोपण से जीवन-दान पा रहे हैं। विज्ञान हमारे लिये वरदान है, पर हर चीज में अच्छाई के साथ-साथ कुछ बुराई भी होती है। विज्ञान का दुरुपयोग होने लगा है। विभिन्न अस्त्रशस्त्रों के निर्माण और रासायनिक बमों के प्रयोग का भय विश्व में बना हुआ है। मानव को प्रकृति के महत्व को समझकर विज्ञान का सदुपयोग करना चाहिए और उसकी विनाशक शक्ति से बचना चाहिए यह तभी संभव है जब हम विज्ञान की शक्ति का दुरुपयोग न करें।

    12. पशु-पक्षियों के प्रति क्रर व्यवहार न करने की सलाह देते हुए मित्र/सखी को पत्र लिखिए।
    उत्तर-

    सखी को पत्र

    321, आर्यनगर
    लेन नं. 12, कनाट प्लेस
    नई दिल्ली
    दिनांक : 10 जुलाई, 20…….
    प्रिय सखी।
    नमस्कार ।
    मैं यहाँ पर कुशलता से हूँ और तुमसे भी यही आशा करती हूँ। मुझे तुम्हारी किसी सखी से पता चला है कि तुम पशु-पक्षियों के प्रति बहुत क्रूर होती जा रही हो। यह जानकर मुझे बहुत दुःख हुआ है। इसलिए मैं तुम्हें कुछ विशेष बातें बताना चाहती हूँ। ये भोले-भाले पशु-पक्षी तो हमारी प्रकृति की शान हैं, वातावरण का संगीत हैं। ये अपने सुरों से हमारा मानसिक तनाव दूर करते हैं। ये हमें हर पल एक सन्देश देते हैं। इसलिये हमें इनकी रक्षा हेतु सदा तत्पर रहना चाहिए। मुझे आशा है कि मेरा पत्र पढ़कर पशु-पक्षियों के प्रति अपना व्यवहार बदलने का अवश्य प्रयास करोगी। शेष बातें अगले पत्र में अपने माता-पिता को मेरा सादर नमस्कार कहना। अपनी छोटी बहन
    को मेरा प्यार देना।
    तुम्हारी सखी
    क. ख. गा.

    अथवा

    आपका मित्र अनिल बीमारी के कारण अपनी परीक्षाएँ नहीं दे पाया, इससे वह निराश है। एक प्रेरणा-पत्र लिखकर उसका हौंसला बढ़ाइए।
    उत्तर-
    मित्र को पत्र
    39-सी, कमलानगर, आगरा
    दिनांक : 22 जनवरी, 20….
    प्रिय मित्र अनिल।
    सप्रेम नमस्ते ।
    कल ही तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ कि बीमारी के कारण तुम इस वर्ष परीक्षा नहीं दे पाए इसलिए तुम्हारा हृदय व्यथित है। मेरे मित्र! तुम जानते हो कि जीवन में अनेक घटनाएँ ऐसी होती हैं जिन पर हमारा वश नहीं होता। हमें इन घटनाओं का साक्षी बनकर रहना चाहिए तथा अपने मन को शान्त रखना चाहिए। तुम अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान दो। हमेशा याद रखो कि प्रभु का प्रत्येक विधान मंगलमय होता है। परीक्षा न दे पाने के लिए तुम दोषी नहीं हो, अत: तुम्हें दुःखी होने की आवश्यकता नहीं है। मुझे आशा है कि तुम अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहोगे। तुम्हारे मम्मी-पापा को प्रणाम तथा रीनू को प्यार।
    तुम्हारा अभिन्न मित्र
    पंकज जैन

    13. दिए गए चित्र को ध्यान से देखकर अपने मन में उभरे विचारों को 20-30 शब्दों में अपनी भाषा में प्रस्तुत कीजिए। विचारों का वर्णन स्पष्ट रूप में चित्र से सम्बद्ध होना चाहिए।
    Solved CBSE Sample Papers for Class 9 Hini B Paper 3 13
    उत्तर-
    चित्र की समझ विषय-वस्तु वर्णन भाषा
    व्याख्यात्मक हल :
    (i) प्रस्तुत चित्र में समुद्र तट का दृश्य प्रदर्शित किया गया है।
    (i) आसमान साफ है और समुद्र भी शांत दिख रहा है।
    (iii) समुद्र के किनारे एक नाव खड़ी है। जिसे स्थिर रखने के लिए लंगर डाला गया है।
    (iv) कुछ लोग नाव पर खड़े हैं व कुछ नाव के पास नीचे पानी में हैं।
    (v) सब लोग जाल को पकड़े हुए हैं। शायद जाल में कुछ अटक अथवा फंस गया है, जिससे जाल को मुक्त कराने का प्रयास किया जा रहा है।

    14. बढ़ते जल प्रदूषण से परेशान दो नदियों के बीच होने वाले संवाद को 50 शब्दों में लिखिए।
    उत्तर-
    दो नदियों के बीच संवाद पहली नदी – क्या बात है बहन? आज बहुत दुःखी दिखाई दे रही हो।
    दूसरी नदी – क्या बताऊँ? आजकल मेरा पानी पहले से भी अधिक प्रदूषित होता जा रहा है।
    पहली नदी – सच कहा तुमने। लोग अपना कचरा नदियों में बहा देते हैं। अपने जानवरों को भी हमारे पानी में नहला कर पानी प्रदूषित कर रहे हैं।
    दूसरी नदी – इतना ही नहीं कारखानों से निकलने वाले रासायनिक पदार्थ व नालों, सीवर आदि का पानी भी सीधे हमारे में मिलाया जा रहा है।
    पहली नदी – हम ही नहीं हमारे जल में रहने वाले जीव-जन्तु, मछलियाँ आदि भी इस प्रदूषण से परेशान हैं।
    दूसरी नदी – मनुष्य इतना स्वार्थी हो गया है कि अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए प्रकृति से खिलवाड़ कर रहा है।
    पहली नदी – जल ही जीवन है जब तक मनुष्य इस बात को नहीं समझेगा, इस जल प्रदूषण से मुक्ति सम्भव नहीं है।

    15. ‘राजा’ फिल्म के लिए लड़के-लड़कियों की प्रतिभा को परखने हेतु 25-50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए।
    उत्तर-
    सुनहरा मौका अभिनय के क्षेत्र में अपना हुनर दिखाने का सुनहरा अवसर। क्या आप अभिनय में रुचि रखते हैं और इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं तथा फिल्मों में आना चाहते हैं? तो आइए और ‘राजा’ फिल्म में अभिनय करने के लिए अपनी प्रतिभा सिद्ध कीजिए। ऑडिशन कल प्रातः 10 बजे से प्रारंभ
    स्थान : दवितीय तल, कावेरी सेक्टर (आजाद पेट्रोल पम्प के सामने) संजय प्लेस, आगरा। फोन : 080000921

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