Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi B Set 1
हल सहित सामान्य
निर्देश :
• इस प्रश्न-पत्र में चार खण्ड है – क, ख, ग, घ ।।
• चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है ।
• यथासंभव प्रत्येक खण्ड के क्रमशः उत्तर दीजिए |
खण्ड ‘क’ : अपठित बोध
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
सरलता मानव का स्वाभाविक गुण है। आडम्बर जीवन को जटिल बनाता है। और हृदय में विकार उत्पन्न करके उसे कलुषित बनाता है। अहंकार आडम्बर आदि तुच्छ विचारों के कुप्रभाव से मनुष्य अब कृत्रिम बन रहा है। सरल, सहज और सादा जीवन हमें प्रकृति से जोड़ता है। संसार में किसी भी देश में महान व्यक्तियों का अभाव नहीं रहा है। कुछ व्यक्ति अपने देश में ख्याति पाते हैं। और कुछ व्यक्तियों की ख्याति संसार में फैल जाती है। संसार के विख्यात व्यक्तियों के जीवन पर यदि दृष्टि डाली जाए, फिर चाहे वह देशभक्त हो या वैज्ञानिक, साहित्यकार हो या दार्शनिक अथवा उद्योगपति, सभी में कुछ-न-कुछ विशेषता अवश्य ही मिलेगी। ऐसे व्यक्ति संसार में बहुत कम हैं जो जन्म से ही विख्यात हुए हों। अधिकांशत: लोगों को यह ख्याति उनके चरित्रबल और उदगम से ही प्राप्त होती है। संसार में ऐसे मनुष्य कम नहीं हैं, जिनका साधारण परिवार में जन्म हुआ किन्तु वे अपनी बुद्धि और लगन के कारण बहुत ऊँचे उठ गए। प्रतिदिन संसार में अनेक मनुष्य जन्म लेते हैं और मरते हैं, पर सभी का नाम उनकी मृत्यु के बाद नहीं टिका रहता। मनुष्य में विनय, उदाहरता, कष्ट-सहिष्णुता, साहस आदि चारित्रिक गुणों का विकास अत्यावश्यक है। इन गुणों का प्रभाव उसके जीवन पर पड़ता है। ये गुण व्यक्ति के जीवन को अहंकारहीन या सादा बनाते हैं। सादा जीवन या सादगी का अर्थ है-रहनसहन, वेशभूषा और आचार-विचारों का एक निर्दिष्ट स्तर। जीवन में सादगी लाने के लिए दो बातें विशेष रूप से करणीय हैं। पहला, कठिन-से-कठिन परिस्थितियों में धैर्य को न छोड़ना, दूसरा अपनी आवश्यकताओं को न्यूनतम बनाना। हमारी वास्तविक आवश्यकताएँ बहुत कम होती हैं। अपनी
आवश्यकताओं को हम स्वयं बढ़ाते हैं जो बाद में हमारे जीवन को विषम बना देती हैं। इसलिए सादा जीवन व्यतीत करना चाहिए और अपने विचारों को उच्च बनाए रखना चाहिए।
(क) प्रस्तुत गद्यांश में कौन-सा जीवन हमें प्रकृति से जोड़ता है?
(ख) कैसे व्यक्ति संसार में बहुत कम हैं? |
(ग) चारित्रिक गुण व्यक्ति के जीवन को कैसे बनाते हैं?
(घ) अपनी आवश्यकताओं को हम स्वयं बढ़ाते हैं वे बाद में हमारे जीवन को क्या बना देती हैं?
(इ) हमें कैसा जीवन व्यतीत करना चाहिए? 2
उत्तर-
(क) प्रस्तुत गंद्याश में सरल, सहज सादा जीवन हमें प्रकृति से जोड़ता है।
(ख) ऐसे व्यक्ति संसार में बहुत कम हैं जो जन्म से ही विख्यात हुए हों।
(ग) चारित्रिक गुण व्यक्ति के जीवन को अंहकारहीन और सादा बनाते हैं।
(घ) अपनी आवश्यकताओं को हम स्वयं बढ़ाते हैं जो बाद में हमारे जीवन को विषम बना देती हैं।
(इ) हमें सादा जीवन व्यतीत करना चाहिए और अपने विचारों को उच्च बनाए रखना चाहिए।
2. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
इन नए बसते इलाकों में
जहाँ रोज बन रहे हैं नए-नए मकान
मैं अकसर रास्ता भूल जाता हूँ
धोखा दे जाते हैं पुराने निशान
खोजता हूँ ताकता पीपल का पेड़
खोजता हूँ ढहा हुआ घर
और जमीन का खाली टुकड़ा जहाँ से बाएँ
मुड़ना था मुझे
फिर दो मकान बाद बिना रंग वाले लोहे के फाटक का
घर था इकमंजिला
और मैं हर बार एक घर पीछे
चल देता हूँ
या दो घर आगे ठकमकाता ।
यहाँ रोज कुछ बन रहा है
रोज कुछ घट रहा है
यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं
एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया
जैसे वसंत का गया पतझड़ को लौटा हूँ।
जैसे वैशाख का गया भादों को लौटा हूँ
अब यही है उपाय कि हर दरवाजा खटखटाओ
और पूछ –
क्या यही है वो घर ?
समय बहुत कम है तुम्हारे पास
आ चला पानी ढहा आ रहा अकास।
शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर
(क) नए बसते इलाकों में मैं रास्ता कहाँ भूल जाता हूँ?
(ख) दुनिया एक दिन में पुरानी कैसे पड़ जाती हैं?
(ग) मुझे (कवि को) किस बात की आशंका हैं?
उत्तर-
(क) नए बसते इलाकों में मैं अक्सर रास्ता भूल जाता हूँ क्योंकि पुरानी पहचान और निशान मिटते जा रहे हैं।
(ख) दुनिया एक दिन में पुरानी ऐसे हो जाती है-क्योंकि यहाँ रोज कुछ नया घट रहा है। हैं।
(ग) लेखक (कवि) को आंशका है कि यदि मुझे सही घर न मिला तो शीघ्र ही। पानी मैं भीग जाऊँगा क्योंकि बादल उमड़ते आ रहे हैं, पानी बरसने ही वाला है।
खण्ड ‘ख’ : व्याकरण
3. पद किसे कहते हैं? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
जब शब्द व्याकरणिक नियमों में बँधकर वाक्य में प्रयुक्त होता है, तब वह पद बन जाता है।
व्याख्यात्मक हल :
वर्गों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं। यह एक स्वतंत्र इकाई के रूप में होता है, जब यह वाक्य में प्रयुक्त होता है, तो व्याकरणिक नियमों में बँध जाने के कारण पद कहलाता है। ‘राम’ एक शब्द है यदि हम ‘राम’ का वाक्य में प्रयोग करते हैं, तो वह पद कहलाएगा।
उदाहरण- राम घर जाएगा।
4.निर्देशानुसार वाक्य रूपांतरण कीजिए –
(क) कर्म करने वाले को फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए। ( मिश्र वाक्य में बदलिए)
(ख) जो विद्वान और सत्यवादी हैं उनका सर्वत्र सम्मान होता है। ( सरल वाक्य में )।
(ग) आकाश में बादल छाते ही घनघोर वर्षा होने लगी। ( संयुक्त वाक्य में )
उत्तर-
(क) जो कर्म करता है उसे फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए।
(ख) विद्वान और सत्यवादी का सर्वत्र सम्मान होता है।
(ग) आकाश में बादल छाए और घनघोर वर्षा होने लगी।
5.(क) निम्नलिखित शब्दों का समास-विग्रह करते हुए समास का नाम लिखिए :
(i) महाजन
(ii) जलप्रदूषण
(ख) निम्नलिखित शब्दों का समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए :
(i) नीला है जो गगन
(ii) आस और पास
उत्तर-
(क)
(i) महान है जो जन – कर्मधारय समास
(ii) जल का प्रदूषण – तत्पुरुष समास
(ख)
(i) नीलगगन – कर्मधारय समास
(ii) आस-पास – द्वंद्व समास
6. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए :
(क) यहाँ पर कल एक लड़का और लड़की बैठी थी।
(ख) मुझे केवल मात्र अपना अधिकार चाहिए।
(ग) इस विद्यालय का परीक्षा परिणाम अच्छी है।
(घ) मास्टर जी ने उसकी बड़ी प्रशंसा करी।
उत्तर-
(क) यहाँ पर कल एक लड़का और लड़की बैठे थे।
(ख) मुझे केवल / मात्र अपना अधिकार चाहिए।
मुझे अपना अधिकार मात्र चाहिए।
(ग) इस विद्यालय का परीक्षा परिणाम अच्छा है।
(घ) मास्टर जी ने उसकी बड़ी / बहुत प्रशंसा की।
7. निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य प्रयोग इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए :
बाट जोहना, सुध-बुध खोना
उत्तर-
अर्थ स्पष्ट करने वाले वाक्यों पर अंक दिए जाएँ।
व्याख्यात्मक हल :
बाट जोहना-माँ कबसे तुम्हारी बाट जोह रही है।
सुध-बुध खोना-पुलिस को देखकर चोर में चोर ने अपनी सुध-बुध खो दी।
खण्ड ‘ग’ : पाठ्यपुस्तक व पूरक पाठ्य पुस्तक
8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) बड़े भाई साहब लेखक (प्रेमचन्द्र ) से उम्र में कितने बड़े थे और वे कौन सी कक्षा में पढ़ते थे?
(ख) गिरगिट पाठ में शासन की किन प्रवृत्तियों का उल्लेख किया गया है?
(ग) बड़े-बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे क्यो धकेल रहे हैं?
उत्तर-
(क) बड़े भाई साहब छोटे भाई (प्रेमचंद्र ) से उम्र में पाँच वर्ष बड़े………
(ख) गिरगिट पाठ में शासन की चापलूस पसंदी, भाई भतीजाबाद, शोषण, निरीह जनता पर अत्याचार, न्याय का…, फरियादी की बात न सुनना, उसे दोषी । ठहराना, गलत को सही ठहराना आदि प्रवृत्तियों का उल्लेख किया गया है।
(ग) बड़े-बड़े बिल्डर समुद्री जमीन में हथियार उस पर निरंतर नई-नई इमारतें बनाकर समुद्र को पीछे धकेल रहे हैं।
9. टोपी और इफ्फन की दादी अलग-अलग मजहब की थीं पर वे एक अटूट रिश्ते में बंधी थीं। इस कथन के आलोक में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर-
टोपी और इफ्फन की दादी अलग-अलग मजहब के थे मध्य में ये अटूट रिश्ता था। प्यार का बंधन किसी जाति, धर्म को नहीं मानता। जब दिलों में दिल हो जाता है तो जाति, धर्म पीछे चला जाता है। टोपी को इफ्फन की दादी से स्नेह था और दादी को टोपी से। इस प्रकार दोनों में एक… रिश्ता था। इफ्फन की दादी के आँचल में टोपी अपना अकेलापन भूल जाता और दादी को भी टोपी के साथ अपनेपन का अहसास होता था।
10. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) ‘मनुष्यता’ कविता में कवि ने सबको एक होकर चलने की प्रेरणा क्यों दी है?
(ख) ‘मधुर-मधुर मेरे दीपक जल’ में दीपक को किसका सागर कहा गया है?
(ग) आत्मत्राण कविता का मूल संदेश क्या है?
उत्तर-
- परस्पर मेलजोल के लिए और भिन्नता की भावना की समाप्ति के लिए।
- परस्पर मेलजोल से सभी कामों के सिद्ध होने की संभावना के कारण।
- संगठन(किन्हीं दो बिंदुओं का उल्लेख अपेक्षित) एकता से ही विकास संभव/
व्याख्यात्मक हल :
कवि ने सबको एक होकर चलने की प्रेरणा इसलिए दी है जिससे सब मैत्री भाव से आपस में मिलकर रहे, क्योंकि एक होने से सभी कार्य सफल होते हैं ऊँचनीच, वर्ग भेद नहीं रहता है। सभी एक पिता परमेश्वर की संतान है। अत: सब एक हैं।
(ख) मधुर-मधुर मेरे दीपक जल में दीपक को प्रकाश का सागर कहा गया है।
(ग) आत्मप्राण…. का मूल संदेश है कि हम आत्मनिर्भर बनकर जीना सीखें, अपने मन की शक्ति को पहचानकर विषम परिस्थितियों का सामना करें और सुख-दुःख दोनों दशाओं में भगवान से समान रूप से याद करें।
11. “आत्मत्राण’ शीर्षक का अर्थ बताते हुए उसकी सार्थकता, कविता के सन्दर्भ में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
- ‘आत्मत्राण’ का अर्थ हैस्वयं की रक्षा।
- यहाँ कवि ईश्वर से सामथ्यवान बनने की कामना करता है। ईश्वर में सब कुछ
संभव करने का सामथ्य है लेकिन कवि नहीं चाहता कि प्रभु उसकी रक्षा करे।
कवि ईश्वर की कृपा से अपना संघर्ष स्वयं करना चाहता है। - शीर्षक में संक्षिप्तता, आकर्षण के गुण और कविता के मूलभाव से संबद्धता है।
व्याख्यात्मक हल :
‘आत्मत्राण’ का अर्थ है-स्वयं अपनी सुरक्षा करना। इस कविता में कवि ईश्वर से सहायता नहीं माँगता। वह ईश्वर को हर दुःख से बचाने के लिए नहीं पुकारता। वह स्वयं अपने दुःख से बचने और उसके योग्य बनना चाहता है। इसके लिए वह केवल स्वयं को समर्थ बनाना चाहता है। इसलिए यह शीर्षक विषय वस्तु के अनुरूप बिलकुल सही और सटीक है।
12. हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगे?
उत्तर-
हरिहर काका को महन्त और अपने भाई एक ही श्रेणी के इसलिए लगे क्योंकि दोनों को ही हरिहर काका की सम्पत्ति 15 बीघे जमीन से लगाव है। वे दोनों ही इस सम्पत्ति को प्राप्त करने के लिए हरिहर काका की जी हजूरी, आवभगत, और सेवा करते हैं और येन केन प्रकारेण उनकी जायदाद अपने नाम लिखवाना चाहते हैं। इस प्रकार महन्त और हरिहर काका के भाइयों की मानसिकता लगभग एकसमान है।
खण्ड ‘घ’ : लेखन
13. दिए गए संकेत-बिन्दुओं के आधार पर निम्नलिखित में से किसी एक विषय
पर लगभग 100 शब्दों का अनुच्छेद लिखिए :
(क) स्वच्छता अभियान
• क्या |
• क्यों और कैसे
• सुझाव
(ख) लड़कियों की शिक्षा
• भूमिका
• लड़कियों की शिक्षा की आवश्यकता
• महत्व
• उपसंहार
(ग) एक सैनिक की आत्मकथा
• भूमिका
• सैनिक का आत्म-परिचय
• सैनिक कीदिनचर्या
• कठिन परिस्तितियाँ • उपसंहार
उत्तर-
(क) स्वच्छता अभियान-स्वच्छ अभियान एक राष्ट्रीय स्वच्छता मुहिम है, जो भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है, इसके तहत 4041 सांविधिक नगरों के सड़क, पैदल मार्ग और कई स्थल आते हैं। ये एक बड़ा आन्दोलन है, जिसके तहत भारत को 2019 तक पूर्णत: स्वच्छ बनाना है। इसमें स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए महात्मा गांधी के भारत के सपने को आगे बढ़ाया गया है। इस मिशन को 2 अक्टूबर, 2014 (145वें जन्म दिवस) को बापू के जन्म दिवस के शुभ अवसर पर आरंभ किया गया है और 2 अक्टूबर 2019 (बापू के 150वें जन्म दिवस) तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। स्वच्छ भारत का सपना महात्मा गांधी के द्वारा देखा गया था, जिसके संदर्भ में गांधी जी ने कहा कि, “स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा जरूरी है।” स्वच्छ भारत अभियान के एक राष्ट्रव्यापी सफाई अभियान के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई मुहिम एक स्वच्छता अभियान है। यह एक स्वच्छ भारत की कल्पना की दृष्टि से लागू किया गया है। भारत को एक स्वच्छ देश बनाना महात्मा गांधी का सपना था।
इस मिशन का उद्देश्य सफाई व्यवस्था की समस्या का समाधान निकालना, साथ ही सभी को स्वच्छता की सुविधा के निर्माण द्वारा पूरे भारत में बेहतर मल प्रबंधन करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति तक भारत में इस मिशन की कार्यवाही निरंतर चलती रहनी चाहिए। भौतिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक कल्याण के लिए भारत के लोगों में इसका एहसास होना बेहद आवश्यक है। ये सही मायनों में भारत की सामाजिक स्थिति को बढ़ावा देने के लिए है, जो हर तरफ स्वच्छता लाने से शुरू किया जा सकता है इसके लिए निम्न सुझाव है
भारत में हर घर में शौचालय हो साथ ही खुले में शौच प्रवृत्ति को भी खत्म करने की आवश्यकता है।
हाथ के द्वारा की जाने वाली साफ-सफाई की व्यवस्था का जड़ से खात्मा जरूरी है।
नगर-निगम के कचरे का पुनर्चक्रण और इस्तेमाल सुरक्षित समापन, वैज्ञानिक तरीके से मल प्रबंधन को लागू करना।
खुद के स्वास्थ्य के प्रति भारत के लागों की सोच और स्वभाव में परिवर्तन लाना और स्वास्थकर साफ-सफाई की प्रक्रियाओं का पालन करना।
इसमें कार्य करने वालों को स्थानीय स्तर पर कचरे के निष्पादन का नियंत्रण करना, खाका तैयार करने के लिए मदद करना।
पूरे भारत में साफ-सफाई की सुविधा को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्रों की हिस्सेदारी बढ़ाना।
(ख) लड़कियों की शिक्षा-लड़कियों की शिक्षा का हमारे देश में अत्यंत महत्व है। आज भी हमारे देश में लड़के और लड़कियों
में भेदभाव किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो लड़कियों की स्थिति सोचनीय होती है। आज समय तेजी से बदल रहा है। पुरुषों के बराबर स्त्रियों की भी शिक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार द्वारा ऐसी अनेक योजनाएँ चलायी जा रही हैं, जिससे बालिकाओं के लिए नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जा सके। लोगों में जागरूकता फैलाने का काम स्वयंसेवी संस्थाएं कर रही हैं। शिक्षा के द्वारा ही मनुष्य विनम्रता, उदारता और सहनशीलता जैसे महान गुणों को सीखता है। आज लड़कियों को शिक्षा की विशेष आवश्यकता है।
बालिका, जिसके जन्म पर घर में कोई प्रसन्न नहीं होता, जो जीवन भर । सामाजिक कुरीतियों, भेदभाव, प्रताड़ना, उत्पीड़न, कुपोषण और शोषण का शिकार होती रहती हैं, ऐसी बालिका के लिए शिक्षा ही एक ऐसा आज बन सकता है, जो न केवल ‘ उसे उसके नैतिक, सामाजिक और शैक्षणिक अधिकार दिलाएगी, बल्कि उसे जीवन में आने वाली कठिनाईयों के सामने एक सशक्त महिला के रूप में खड़ा करेगा, अत: बालिका के साथ शिक्षा के संबंध को नकारा नहीं जा सकता।
बालिका के लिए शिक्षा अत्यन्त आवश्यकता है, स्त्रियों का परिवार समाज व राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है, बालिकाओं पर भी किसी भी देश का भविष्य निर्भर करता है क्योंकि बालिकाएं आगे चलकर माँ बनती हैं और माँ किसी भी प्रकार की केन्द्रीय इकाई होती हैं, यदि माँ को शिक्षा प्राप्त नहीं होती है और वह बचपन में पोषण व अज्ञानता की शिकार हैं, तो वह एक स्वस्थ शिक्षित परिवार व उत्रत समाज को जन्म देने में विफल रहेगी, अत: बालिका के लिए शिक्षा नितांत आवश्यक है। आज बालिका शिक्षा को राष्ट्रीय आवश्यकता समझकर जोर दिया जा रहा है। परिणामत: बालिकाओं की स्थिति में सुधार हुआ है। आज बालिकाएँ, बालकों से किसी क्षेत्र में कम नहीं है, वे आज हर प्रतियोगी युग में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। इसलिए इस कार्य के लिए मातापिता का सहयोगी होना अत्यन्त आवश्यक है। उन्हें चहिए कि लड़के व लड़कियों में भेदभाव न करें। बल्कि उन्हें इस कार्य का श्रीगणेश अपने-अपने घरों में ही आरम्भ करना चहिए। जिससे हमारे देश में अशिक्षा का सूरज डूबेगा व उत्रत, विकसित, शिक्षित व सम्पन्न देश के लिए नए सूरज का उदय होगा।
(ग) एक सैनिक की आत्मकथा-मैं भारतीय सेना का एक सैनिक हूँ। मेरा नाम करतार सिंह है। मैं मथुरा जनपद के बलदेव कस्बे का रहने वाला हूँ तथा मधुबन (करनाल) के सैनिक स्कूल में पढ़ा हूँ। स्कूल के समय से ही मैंने सैनिक अनुशासन व कठोर दिनचर्या का पालन किया है। सुबह चार बजे जागकर परेड करना मेरे जीवन का अंग बन चुका है। देश की पर्वतीय सीमा पर हमें बड़ी विषम परिस्थितियों में जीवन बिताना पड़ता है। सर्दी में जब तापमान शून्य से भी नीचे चला जाता है तब भी हाड़ कपा देने वाली ठण्ड में हम पूरी सजगता और निष्ठा से देश की सीमा की सुरक्षा में लगे रहते हैं। देश की अन्य सीमाओं पर भी हम अनेक असुविधाओं और कठिनाईयों को भोगते हुए अपने कर्तव्य का पालन करते हैं। देशवासी चैन की नींद सो सकें इसके लिए हम रातों में जागकर पहरा देते हैं। घुसपैठियों व आतंकवादियों से जुझते हुए। हम हमेशा अपने प्राण न्यौछावर करने को तैयार रहते हैं। इस प्रकार से डयूटी के दौरान मैंने लेह के बफीले इलाकों का भी आनन्द लिया और जैसलमेर की तपती बालू का भी। हम सैनिकों की जिन्दगी में एक अजब दीवानापन होता है। प्रतिदिन कोई न कोई नई चुनौतियाँ हमारे सामने होती हैं। हमारी किसी सॉस का कोई भरोसा नहीं होता। मौत हर दम हमारे सामने नाचती रहती है किन्तु हम दीवाने उससे खेलते रहते हैं। हम कहीं भी हों, मस्ती हमारा साथ नहीं छोड़ती।
14. आए दिन बस चालकों की असावधानी के कारण हो रही दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए किसी समाचार पत्र के संपादक को एक पत्र लिखिए।
उत्तर-
• पत्रलेखन
• विषयवस्तु
• विषयानुकूल भाषा
सेवा में,
संपादक
दैनिक जागरण
आग्रा ।
विषय : बस चालकों की असावधानी के कारण हो रही दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए पत्र
मान्यवर,
मुझे दुःख है कि आज आपके लिए पत्र लिख रहा हूँ। यह बहुत ही चिंता का विषय है। कि आए दिन बस चालकों की असावधानियों के कारण दुर्घटनाओं की संख्या दिनप्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बस चालक यातायात के नियमों का पालन नहीं करते। बहुत ही तीव्र गति से बसें चलाते हैं। जिसके कारण किसी और वाहन से टकरा जाते हैं और वह दुर्घटना भीषण रूप ले लेती हैं। जिसके कारण कई मौतें हो जाती हैं। किसी-किसी का तो परिवार ही उजड़ जाता है।
आशा है कि आप अपने समाचार-पत्र के द्वारा अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित करेंगे।
भवदीय
अ.ब.स.
सेक्टर-5
बोदला, आगरा
15. विद्यालय भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। प्रधानाचार्य की ओर से विद्यार्थियों के लिए 20-25 शब्दों में सूचना पट के लिए यह सूचना तैयार कीजिए कि विद्यार्थी वहाँ न जाएं।
उत्तर-
आवश्यक सूचना
समस्त छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि विद्यालय-भवन की शिवाजी विंग में निर्माण कार्य होने के कारण वहाँ की सभी
कक्षाएँ आज से रानी लक्ष्मीबाई विंग में लगेगी। अत: आज से कोई भी विद्यार्थी शिवाजी विंग की ओर न जाये।
आज्ञा
वीरेन्द्र सिंह
(प्रधानाचार्य)
16. छात्रा और अध्यापिका के बीच गृहकार्य न कर पाने के संदर्भ में एक संवाद
लेखक लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
छात्रा और अध्यापिका के मध्य संवाद
अध्यापिका : (पूनम की ओर संकेत करती हुई) पूनम! अपना गृह कार्य दिखाओ।
पूनम : (डरते हुए) मैडम! आज मैं गृहकार्य करके नहीं ला सकी।
अध्यापिका : क्यों?
पूनम : कल मेरी माताजी की तबीयत अचानक खराब हो गई थी जिसके कारण मैं अपना गृहकार्य पूरा नहीं कर पाई।
अध्यापिका : क्या तुम सच बोल रही हो? ।
पूनम : हाँ मैडम, मैं बिल्कुल सच कह रही हूँ।
अध्यापिका : कोई बात नहीं। अब कैसी तबीयत है तुम्हारी माँ की?
पूनम : पहले से बेहतर है।
अध्यापिका : ठीक है, कल आज और कल दोनों दिन का गृहकार्य पूरा करके लाना और दिखाना।
पूनम : ठीक है मैडम! कल दोनों दिन का गृहकार्य पूरा करके आपको दिखा देंगी।
17. संस्कार गारमेंट्स, गंज बाजार, देहरादून की ओर से 25-30 शब्दों में एक विज्ञापन का प्रारूप लिखिए जिसमें सभी प्रकार के गारमेण्ट्स पर 25% छूट की बात कही गई हो।
उत्तर-
संस्कार गारमेंट्स
गंज बाजार देहरादून (उत्तराखंड)
खुशखबरी! खुशखबरी! खुशखबरी!
आपके नगर में बच्चों के आकर्षक व किफायती परिधानों का नया शोरूम खुला है। यहाँ पर बच्चों के लिए बाबा सूट, नेकर, टीशर्ट व केप्री उचित दामों में उपलब्ध है। शीघ्र करें 25% डिकाउंट क्तूपन का लाभ उठायें।
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