The CBSE MCQ Solutions for Class 5 Hindi Chapter 5 – "जहाँ चाह वहाँ राह" aim to motivate young learners through a thoughtfully designed set of multiple-choice questions. Aligned with the Session 2025–26 curriculum, this collection highlights the themes of perseverance and determination. Each MCQ assesses students’ understanding of the story, characters, and moral lessons. Detailed explanations accompany every question to promote concept clarity and help students relate the story’s message to real-life inspiration. Perfect for use in education apps, these solutions make learning interactive, engaging, and meaningful.
CBSE Class 5 Chapter 5 Jaha Cha woha Raah MCQs Question with Solutions
कहानी ‘जहाँ चाह वहाँ राह’ का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर: इच्छा और परिश्रम से सब कुछ संभव है।
व्याख्या: कहानी दिखाती है कि दृढ़ इच्छा से हर मुश्किल आसान हो जाती है।
इस कहानी का मुख्य पात्र कौन है?
उत्तर: ईश्वरचंद्र विद्यासागर।
व्याख्या: कहानी उन्हीं के जीवन संघर्ष और सफलता पर आधारित है।
ईश्वरचंद्र विद्यासागर कहाँ के रहने वाले थे?
उत्तर: बंगाल के।
व्याख्या: वे बंगाल के प्रसिद्ध विद्वान थे।
बचपन में विद्यासागर जी के पास क्या नहीं था?
उत्तर: आर्थिक साधन।
व्याख्या: गरीबी के बावजूद उन्होंने शिक्षा प्राप्त की।
विद्यासागर जी ने अपनी पढ़ाई कैसे पूरी की?
उत्तर: कठिन परिश्रम और लगन से।
व्याख्या: उन्होंने मेहनत और इच्छा से शिक्षा प्राप्त की।
‘जहाँ चाह वहाँ राह’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: जहाँ इच्छा होती है, वहाँ रास्ता निकल आता है।
व्याख्या: यह कहावत दृढ़ निश्चय की शक्ति बताती है।
कहानी में ‘चाह’ शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर: इच्छा या लगन।
व्याख्या: ‘चाह’ का अर्थ किसी काम को करने की तीव्र इच्छा है।

कहानी हमें क्या सिखाती है?
उत्तर: मेहनत करने वालों को सफलता मिलती है।
व्याख्या: यह प्रेरक कहानी है जो परिश्रम का महत्व बताती है।
ईश्वरचंद्र विद्यासागर को किस विषय में विशेष ज्ञान था?
उत्तर: संस्कृत भाषा में।
व्याख्या: वे संस्कृत के महान विद्वान थे।
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विद्यासागर का अर्थ क्या है?
उत्तर: ज्ञान का सागर।
व्याख्या: उनके ज्ञान के कारण उन्हें यह उपाधि दी गई।
‘चाह’ शब्द संज्ञा है या क्रिया?
उत्तर: संज्ञा।
व्याख्या: यह इच्छा को दर्शाता है।
‘राह’ शब्द का समानार्थी शब्द है—
उत्तर: मार्ग।
व्याख्या: दोनों का अर्थ रास्ता होता है।
‘जहाँ’ का विलोम शब्द क्या होगा?
उत्तर: ‘जहाँ नहीं’।
व्याख्या: यह स्थान का द्योतक है।

‘विद्यासागर’ शब्द में कौन-सा समास है?
उत्तर: तत्पुरुष समास।
व्याख्या: जहाँ पहला शब्द दूसरे की विशेषता बताता है।
‘विद्या’ का अर्थ है—
उत्तर: ज्ञान।
व्याख्या: शिक्षा और ज्ञान को विद्या कहते हैं।
‘राह’ का बहुवचन क्या होगा?
उत्तर: राहें।
व्याख्या: बहुवचन रूप में ‘राहें’ कहा जाता है।
‘मेहनत’ का पर्यायवाची शब्द है—
उत्तर: परिश्रम।
व्याख्या: दोनों का अर्थ एक ही है।
‘इच्छा’ का विलोम शब्द है—
उत्तर: अनिच्छा।
व्याख्या: इच्छा का अभाव अनिच्छा कहलाता है।
‘जहाँ चाह वहाँ राह’ किस प्रकार का वाक्य है?
उत्तर: कहावत।
व्याख्या: यह एक प्रसिद्ध लोकोक्ति है।
‘सागर’ शब्द का अर्थ है—
उत्तर: समुद्र।
व्याख्या: सागर का अर्थ विशाल जलराशि होता है।
ईश्वरचंद्र विद्यासागर का बचपन कैसा था?
उत्तर: संघर्षपूर्ण।
व्याख्या: उन्होंने गरीबी में भी पढ़ाई जारी रखी।
उन्होंने अपनी किताबें कैसे खरीदीं?
उत्तर: खुद पैसे बचाकर।
व्याख्या: उन्होंने स्वयं परिश्रम से पुस्तकें खरीदीं।
स्कूल जाने के लिए वे क्या करते थे?
उत्तर: पैदल चलते थे।
व्याख्या: पैसे की कमी के कारण वे पैदल स्कूल जाते थे।
उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में क्या योगदान दिया?
उत्तर: महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा दिया।
व्याख्या: वे सामाजिक सुधारक भी थे।
‘जहाँ चाह वहाँ राह’ कहानी किस प्रकार की है?
उत्तर: प्रेरक कहानी।
व्याख्या: यह बच्चों को मेहनत का संदेश देती है।
इस कहानी का नैतिक संदेश क्या है?
उत्तर: इच्छाशक्ति से सब संभव है।
व्याख्या: मनुष्य को कभी हार नहीं माननी चाहिए।
विद्यासागर जी की सफलता का रहस्य क्या था?
उत्तर: लगन और परिश्रम।
व्याख्या: यही उनके जीवन की नींव थी।
उन्होंने समाज में कौन-सी बुराई को दूर करने का प्रयास किया?
उत्तर: बाल विवाह और अशिक्षा।
व्याख्या: वे सामाजिक सुधारक थे।
कहानी में कौन-सा गुण सबसे महत्वपूर्ण बताया गया है?
उत्तर: दृढ़ निश्चय।
व्याख्या: यही सफलता का मार्ग है।
कहानी के शीर्षक से क्या समझ में आता है?
उत्तर: इच्छा और प्रयास से राह मिलती है।
व्याख्या: शीर्षक कहानी का सार है।
अगर हम मेहनत करें तो क्या मिलेगा?
उत्तर: सफलता।
व्याख्या: मेहनत हमेशा फल देती है।
विद्यासागर जी ने जीवन में कौन-सा मूल्य अपनाया?
उत्तर: सादगी और सेवा।
व्याख्या: वे विनम्र और समाजसेवी थे।
कहानी हमें किससे प्रेरणा देती है?
उत्तर: कठिनाइयों से लड़ने की।
व्याख्या: संघर्ष से सफलता मिलती है।
अगर ‘चाह’ न हो तो क्या होगा?
उत्तर: कोई कार्य पूरा नहीं होगा।
व्याख्या: इच्छा ही प्रेरणा का स्रोत है।
कहानी में कौन-सा भाव प्रमुख है?
उत्तर: दृढ़ निश्चय का भाव।
व्याख्या: यही कहानी का मूल तत्व है।
कहानी किस कक्षा के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त है?
उत्तर: कक्षा 5 के लिए।
व्याख्या: यह NCERT पाठ्यक्रम का भाग है।
‘जहाँ चाह वहाँ राह’ हमें क्या सिखाती है?
उत्तर: लगन और मेहनत से सफलता।
व्याख्या: यह जीवन की प्रेरक सीख है।
ईश्वरचंद्र विद्यासागर की सबसे बड़ी विशेषता क्या थी?
उत्तर: ज्ञान के प्रति लगन।
व्याख्या: वे सदैव सीखते रहे।
क्या विद्यासागर ने कभी हार मानी?
उत्तर: नहीं।
व्याख्या: उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
हमें इस कहानी से क्या सीखना चाहिए?
उत्तर: कभी हार न मानना।
व्याख्या: यही कहानी का मूल संदेश है।
अगर किसी के पास साधन न हों तो क्या वह पढ़ सकता है?
उत्तर: हाँ, इच्छा और मेहनत से।
व्याख्या: विद्यासागर इसका उदाहरण हैं।
कहानी में कौन-सी समस्या दिखाई गई है?
उत्तर: गरीबी और कठिनाई।
व्याख्या: पात्र ने इनसे लड़कर सफलता पाई।
‘राह’ का प्रतीक क्या है?
उत्तर: सफलता का मार्ग।
व्याख्या: यह मंज़िल पाने का प्रतीक है।
क्या इच्छा के बिना सफलता संभव है?
उत्तर: नहीं।
व्याख्या: इच्छा ही प्रयास को जन्म देती है।
कहानी में कौन-सा मूल्य जीवन में अपनाना चाहिए?
उत्तर: परिश्रम।
व्याख्या: सफलता का यही मूल है।
यह कहानी किस प्रकार प्रेरणादायक है?
उत्तर: यह दिखाती है कि इच्छाशक्ति से सब संभव है।
क्या आज के विद्यार्थी इस कहानी से कुछ सीख सकते हैं?
उत्तर: हाँ, दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास।
कहानी में ‘जहाँ चाह वहाँ राह’ किसके जीवन से जुड़ा है?
उत्तर: ईश्वरचंद्र विद्यासागर के।
अगर तुम विद्यासागर की जगह होते तो क्या करते?
उत्तर: कठिन परिश्रम से शिक्षा प्राप्त करता।
इस कहानी का सारांश क्या है?
उत्तर: दृढ़ इच्छा और मेहनत से सफलता मिलती है।
| क्रमांक | अध्याय का नाम |
| 1 | राख की रस्सी |
| 2 | फसलों के त्योहार |
| 3 | खिलौनेवाला |
| 4 | नन्हा फनकार |



















