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By Swati Singh
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Updated on 1 Nov 2025, 10:26 IST
आज के इस लेख में हम आपको भगवान श्रीकृष्ण के प्रेरणादायक विचारों (Krishna Motivational Quotes in Hindi) से परिचित करवाएँगे। श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है।
उन्होंने अपने ज्ञान और उपदेशों के माध्यम से सदा लोगों को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है, जिसका सर्वोत्तम उदाहरण भगवद गीता है।
ऐसा कहा जाता है कि मानव जीवन की हर समस्या का समाधान भगवद गीता में निहित है। इस लेख में हम आपको श्रीकृष्ण द्वारा कहे गए कुछ ऐसे अनमोल वचनों के बारे में बताएँगे, जो जीवन को सकारात्मक दिशा प्रदान करते हैं।
“कर्म किए जा, फल की चिंता मत कर।”
“जो हुआ, वह अच्छे के लिए हुआ। जो हो रहा है, वह भी अच्छे के लिए हो रहा है। जो होगा, वह भी अच्छे के लिए ही होगा।”
“क्रोध से भ्रम उत्पन्न होता है, भ्रम से स्मृति लोप होती है, और स्मृति लोप से बुद्धि नष्ट हो जाती है।”
“अहंकार मत करो, यह शरीर नाशवान है।”
“मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा वह विश्वास करता है, वैसा ही बन जाता है।”

“जब तुम्हें अपने मार्ग का विश्वास हो, तो किसी की राय की आवश्यकता नहीं होती।”
“जो अपने मन को जीत लेता है, वह संसार को जीत सकता है।”

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“जिसने स्वयं को जीत लिया, उसके लिए यह संसार शांति का स्थान है।”
“दूसरों के दोष देखने से पहले अपने दोषों को देखो।”
“हर कार्य को भक्ति भाव से करो, क्योंकि वही तुम्हारा धर्म है।”
“संयम ही सबसे बड़ी शक्ति है।”

“जो व्यक्ति अपने कर्म में आनंद पाता है, वही सच्चा योगी है।”
“असफलता की चिंता मत करो, प्रयास करना ही सच्चा धर्म है।”
“जीवन में परिवर्तन ही स्थिरता का संकेत है।”
“मित्र वही है जो सत्य कहे, चाहे वह कटु क्यों न लगे।”
“जब मनुष्य का मन स्थिर होता है, तभी वह सच्चा निर्णय ले सकता है।”
“जिसका मन अपने वश में है, उसके लिए सब कुछ संभव है।”
“भक्ति का अर्थ है, अपने अस्तित्व को भगवान में समर्पित कर देना।”
“हर दुख किसी बड़े सुख की ओर जाने का मार्ग होता है।”
“जीवन में सबसे बड़ा युद्ध स्वयं से होता है।”
“जो दूसरों के कल्याण में आनंद पाता है, वही सच्चा भक्त है।”
“कर्म ही तेरी पूजा है, कर्म ही तेरा धर्म है।”
“अच्छा कार्य करने वाले को कभी बुरा परिणाम नहीं मिलता।”
“जो दूसरों के हित में काम करता है, वही सच्चा भक्त है।”
“असंभव कुछ नहीं, बस विश्वास मजबूत होना चाहिए।”
“जो अपने कर्म को भगवान को अर्पित करता है, वह कभी दुखी नहीं होता।”
“जब मनुष्य का मन शांत होता है, तभी वह सच्ची खुशी पाता है।”
“संसार का हर कार्य कारण से होता है, कोई भी घटना व्यर्थ नहीं जाती।”
“मुझे पाने के लिए किसी तीर्थ की नहीं, सच्चे मन की आवश्यकता होती है।”
“जिसका मन पवित्र है, वही सच्चे अर्थों में भक्त है।”
“भक्ति में कोई ऊँच-नीच नहीं, केवल भाव की शुद्धता मायने रखती है।”
“सफलता कर्म में छिपी है, केवल इच्छा में नहीं।”
“जो दूसरों की भलाई में आनंद पाता है, वही ईश्वर का सच्चा सेवक है।”
“हर परिस्थिति में धैर्य रखना ही सच्ची शक्ति है।”
“मोह और लोभ ही मनुष्य को विनाश की ओर ले जाते हैं।”
“मनुष्य अपने विचारों से ही स्वर्ग या नर्क बनाता है।”
“जो हर जीव में मुझे देखता है, वही सच्चा ज्ञानी है।”
“कर्म ही पूजा है, और भक्ति ही मार्ग है।”
“हर आत्मा मेरा अंश है, इसलिए किसी से द्वेष मत करो।”
“जिसे स्वयं पर विश्वास है, वही वास्तव में मुझ पर भी विश्वास करता है।”
“अच्छाई का मार्ग कठिन है, परंतु वही सच्ची शांति देता है।”
“जो दूसरों को क्षमा करता है, वही सबसे महान है।”
“कर्म करना तुम्हारा अधिकार है, फल की चिंता करना नहीं।”
“जीवन में जो भी होता है, वह अच्छे के लिए होता है।”
“मनुष्य अपने विचारों से ही स्वर्ग और नर्क का निर्माण करता है।”
“जो अपने मन पर नियंत्रण रखता है, वही सच्चा विजेता है।”
“क्रोध, काम और लोभ –ये तीनों आत्मा के शत्रु हैं।”
“हर आत्मा मुझसे जुड़ी है, कोई भी मुझसे अलग नहीं।”
“जब तक मनुष्य अपने मन को नहीं जीतता, तब तक शांति नहीं पा सकता।”
“कर्म ही पूजा है, और भक्ति ही मार्ग है।”
“जिसका मन स्थिर है, वही जीवन में सफल है।”
“जो व्यक्ति अपने कर्म में आनंद पाता है, वही सच्चा योगी है।”
“अहंकार का त्याग कर दो, क्योंकि वही विनाश की जड़ है।”
“भक्ति का अर्थ है –स्वयं को पूरी तरह ईश्वर में समर्पित कर देना।”
“हर व्यक्ति अपने कर्मों का निर्माता है।”
“दूसरों के कल्याण में जो सुख पाता है, वही सच्चा भक्त है।”
“जो हुआ, वह अच्छे के लिए हुआ; जो हो रहा है, वह भी अच्छे के लिए है।”
“मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उसका अपना असंयमित मन है।”
“धैर्य और विश्वास –यही भक्ति के दो आधार हैं।”
“मुझे पाने के लिए किसी मंदिर की नहीं, सच्चे मन की आवश्यकता है।”
“हर कठिनाई में अवसर छिपा होता है, बस दृष्टि साफ होनी चाहिए।”
“सफलता का मार्ग कर्म से होकर जाता है, भाग्य से नहीं।”
“जो दूसरों की भलाई चाहता है, वही सबसे बड़ा ज्ञानी है।”
“दुख और सुख जीवन के दो पहलू हैं, दोनों को समान भाव से स्वीकार करो।”
“सच्चा प्रेम कभी स्वार्थ से उत्पन्न नहीं होता।”
“हर व्यक्ति अपने विचारों से ही बंधन या मुक्ति प्राप्त करता है।”
“कभी अपने कर्म को छोटा मत समझो, हर कर्म का अपना महत्व होता है।”
“जो सच्चे मन से कर्म करता है, उसे कोई हरा नहीं सकता।”
“संयम ही जीवन की सबसे बड़ी शक्ति है।”
“मोह से दूरी ही सच्ची आज़ादी है।”
“जो क्षमा कर सकता है, वही सच्चा बलवान है।”
“जीवन एक कर्मभूमि है, इसे खेल समझो और ईमानदारी से निभाओ।”
“ज्ञान वही है जो मनुष्य को विनम्र बनाता है।”
“हर हृदय में मैं ही वास करता हूँ, इसलिए किसी से घृणा मत करो।”
“संतोष सबसे बड़ा धन है, और शांति सबसे बड़ा सुख।”
“सफल वही है जो असफलता में भी मुस्कुराता है।”
“भक्ति का अर्थ है प्रेम में समर्पण, न कि केवल पूजा में प्रदर्शन।”
“जहाँ प्रेम है, वहाँ राधा कृष्ण हैं।”
“राधा का नाम कृष्ण के बिना अधूरा है, जैसे जीवन प्रेम के बिना अधूरा है।”
“प्रेम वह नहीं जो शरीर से जुड़ा हो, प्रेम वह है जो आत्मा से जुड़ जाए।”
“राधा और कृष्ण का प्रेम सच्चे समर्पण का प्रतीक है।”
“भक्ति तब पूर्ण होती है जब प्रेम निस्वार्थ होता है।”
“कृष्ण बिना राधा के नहीं, और राधा बिना कृष्ण के नहीं।”
“जिस हृदय में राधा-कृष्ण का वास है, वहाँ कभी द्वेष नहीं रहता।”
“प्रेम का अर्थ अधिकार नहीं, समर्पण है।”
“राधा कृष्ण का प्रेम समय से परे है, यह अनंत है।”
“कृष्ण कहते हैं –सच्चा प्रेम पाने की नहीं, देने की चीज़ है।”
“जो प्रेम में ईश्वर को देखे, वही सच्चा भक्त है।”
“राधा का प्रेम ईश्वर को भी झुका देता है।”
“कृष्ण ने राधा को पाया नहीं, फिर भी प्रेम किया –यही सच्चा प्रेम है।”
“जहाँ भक्ति है, वहाँ राधा है; जहाँ माधुर्य है, वहाँ कृष्ण हैं।”
“प्रेम वह है जिसमें ‘मैं’ और ‘तू’ का भेद मिट जाए।”
“राधा और कृष्ण ने दिखाया कि प्रेम आत्मा का मिलन है, शरीर का नहीं।”
“सच्चा प्रेम बिना शर्तों के होता है, जैसे राधा का कृष्ण के प्रति।”
“कृष्ण हर हृदय में हैं, पर उन्हें महसूस केवल राधा जैसी आत्माएँ करती हैं।”
“राधा का नाम कृष्ण से पहले लिया जाता है क्योंकि प्रेम ईश्वर से पहले आता है।”
“भक्ति का सर्वोच्च रूप राधा का प्रेम है।”
“कृष्ण ने गीता में कर्म सिखाया, और राधा ने प्रेम सिखाया।”
“जब दिल सच्चा होता है, तो प्रेम स्वयं ही राधा-कृष्ण बन जाता है।”
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क्योंकि उनके वचन जीवन के हर पहलू — कर्म, प्रेम, धर्म, और आत्मज्ञान — को सरल लेकिन गहरे अर्थों में समझाते हैं। विशेष रूप से भगवद गीता में दिए गए उनके उपदेश जीवन का मार्गदर्शन करते हैं।
अधिकांश उद्धरण भगवद गीता और पुराणों में वर्णित उनके उपदेशों से लिए गए हैं। कुछ उनके जीवन और लीलाओं पर आधारित विचारों से प्रेरित हैं।
सबसे प्रसिद्ध वचन है —
“कर्म किए जा, फल की चिंता मत कर।”
यह उद्धरण गीता के अध्याय 2, श्लोक 47 से है।
उनके वचन हमें मानसिक शांति, आत्मविश्वास, और कर्म पर केंद्रित रहने की प्रेरणा देते हैं। यह सिखाते हैं कि जीवन में स्थितियाँ चाहे कैसी भी हों, मन को स्थिर रखना चाहिए।
नहीं। श्रीकृष्ण के विचार आध्यात्मिक होने के साथ-साथ प्रैक्टिकल लाइफ फिलॉसफी भी हैं। वे नेतृत्व, निर्णय, और भावनात्मक संतुलन सिखाते हैं।
हाँ। राधा-कृष्ण के उद्धरण सच्चे, निस्वार्थ और आत्मिक प्रेम का प्रतीक हैं। वे बताते हैं कि प्रेम का सार “समर्पण” है, अधिकार नहीं।
बिलकुल। लोग इन्हें Instagram, WhatsApp Status, Facebook Captions, और Motivational Reels के रूप में साझा करते हैं क्योंकि ये गहरे और सार्वभौमिक संदेश देते हैं।
नहीं। श्रीकृष्ण के उपदेश मानवता के लिए हैं। उनके विचार धर्म से ऊपर उठकर जीवन की सच्चाई सिखाते हैं।