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By Swati Singh
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Updated on 11 Jun 2025, 18:39 IST
Chapter 1 of the Class 5 Hindi book, Raakh Ki Rassi, takes students on a journey through a captivating story that explores themes of friendship, trust, and the significance of meaningful connections. The protagonist, Raakh, exemplifies how strong relationships can profoundly impact our lives. This chapter highlights important values such as loyalty and the strength of bonds, encouraging readers to reflect on their personal friendships.
These NCERT solutions are designed to help students better grasp the chapter’s central themes, characters, and key takeaways, making the learning process smoother and more exam-friendly. Be sure to refer to the updated CBSE Class 5 Hindi Syllabus and begin practicing Hindi (Rimjhim) Class 5 Chapter 1 for better preparation.
1. राख की रस्सी किसकी कहानी है?
उत्तर: राख की रस्सी एक बच्ची की कहानी है, जो एक बड़े संघर्ष से गुजरती है। यह कहानी बताती है कि संघर्ष से किस तरह निपटना चाहिए।
2. कहानी में मुख्य पात्र कौन है?
उत्तर: कहानी में मुख्य पात्र "कुसुम" है।
3. कुसुम का सपना क्या था?
उत्तर: कुसुम का सपना था कि वह अपनी मेहनत से अपने माता-पिता को खुश कर सके और उन्हें एक अच्छा जीवन दे सके।
4. कुसुम को किसने राख की रस्सी दी थी?
उत्तर: कुसुम को उसकी दादी ने राख की रस्सी दी थी।
5. राख की रस्सी का क्या महत्व था?
उत्तर: राख की रस्सी का महत्व यह था कि यह कुसुम को संघर्ष से लड़ने और जीवन की कठिनाइयों का सामना करने का साहस देती थी।
6. कुसुम की किस बात ने दादी को प्रभावित किया?
उत्तर: कुसुम की मेहनत और लगन ने दादी को प्रभावित किया।
7. कुसुम को किसका डर था?
उत्तर: कुसुम को अपनी गरीबी और परिस्थितियों के कारण डर था कि वह अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाएगी।
8. कहानी में राख की रस्सी का कौन सा प्रतीक है?
उत्तर: राख की रस्सी संघर्ष, साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक है।
9. कुसुम ने अपनी कठिनाइयों का सामना कैसे किया?
उत्तर: कुसुम ने अपने संघर्षों को पूरी मेहनत और साहस के साथ स्वीकार किया और कभी हार नहीं मानी।
10. कुसुम के माता-पिता का क्या विचार था?
उत्तर: कुसुम के माता-पिता हमेशा उसे प्रोत्साहित करते थे और उसकी कठिनाईयों के बावजूद उसके साथ खड़े रहते थे।
11. कुसुम ने दादी से क्या सीखा?
उत्तर: कुसुम ने दादी से संघर्ष करने और जीवन में कभी हार न मानने का पाठ सीखा।
12. कुसुम का जीवन किससे प्रेरित था?
उत्तर: कुसुम का जीवन अपनी दादी और उनकी दी गई राख की रस्सी से प्रेरित था।
13. कुसुम को किस प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
उत्तर: कुसुम को आर्थिक समस्याओं, परिवार की कठिनाइयों, और अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ा।
14. कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर: कहानी का मुख्य संदेश है कि जीवन में कठिनाइयाँ आएंगी, लेकिन हमें संघर्ष और मेहनत से इनका सामना करना चाहिए।
15. कुसुम ने अपनी स्थिति को कैसे बदला?
उत्तर: कुसुम ने अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से अपनी स्थिति को बदला।
16. राख की रस्सी किसे जीवन की कठिनाईयों का प्रतीक माना गया है?
उत्तर: राख की रस्सी को जीवन की कठिनाइयों और संघर्षों का प्रतीक माना गया है।
17. कुसुम के संघर्ष से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर: कुसुम के संघर्ष से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में संघर्ष के बावजूद हमें हार नहीं माननी चाहिए और पूरी मेहनत के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
18. कुसुम की कहानी को पढ़ने के बाद हमें क्या महसूस होता है?
उत्तर: कुसुम की कहानी को पढ़ने के बाद हमें यह महसूस होता है कि कठिनाइयाँ सबके जीवन का हिस्सा होती हैं, लेकिन मेहनत और धैर्य से हम उन्हें पार कर सकते हैं।
19. कुसुम के जीवन में किसका बड़ा योगदान था?
उत्तर: कुसुम के जीवन में उसकी दादी का बड़ा योगदान था, जिन्होंने उसे संघर्ष की दिशा दिखायी और राख की रस्सी दी।
20. कुसुम ने अपनी दादी के दी गए प्रेरणा को कैसे अपनाया?
उत्तर: कुसुम ने अपनी दादी के दी गए प्रेरणा को अपनाया और कठिनाइयों का सामना साहस के साथ किया, जिससे उसे सफलता मिली।
21. कुसुम को राख की रस्सी किस परिस्थिति में मिली थी?
उत्तर: कुसुम को राख की रस्सी तब मिली थी जब वह अपनी मुश्किलों से जूझ रही थी और दादी ने उसे साहस देने के लिए दी थी।
22. कुसुम की दादी ने उसे क्या सिखाया था?
उत्तर: कुसुम की दादी ने उसे यह सिखाया कि जीवन में चाहे जैसी भी कठिनाइयाँ हों, हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए और पूरी मेहनत से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए।
23. कुसुम ने अपनी गरीबी के बावजूद कैसे संघर्ष किया?
उत्तर: कुसुम ने अपनी गरीबी के बावजूद साहस और आत्मविश्वास से काम किया। उसने कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि उसकी कठिनाइयाँ उसे रोक सकती हैं।
24. कुसुम के संघर्ष के कारण वह क्या हासिल करने में सफल हुई?
उत्तर: कुसुम अपने संघर्ष और मेहनत के कारण अंततः सफलता प्राप्त करने में सफल हुई, और उसने अपने सपनों को साकार किया।
25. राख की रस्सी को कुसुम के जीवन में किस रूप में देखा गया?
उत्तर: राख की रस्सी को कुसुम के जीवन में एक प्रतीक के रूप में देखा गया, जो संघर्ष, साहस और आत्मविश्वास का प्रतीक थी।
26. कुसुम के जीवन में दादी की भूमिका क्या थी?
उत्तर: कुसुम के जीवन में दादी की भूमिका एक मार्गदर्शक और प्रेरणादायक स्रोत के रूप में थी, जिन्होंने उसे संघर्ष करने का हौसला दिया।
27. कहानी में कुसुम की मदद के लिए और कौन था?
उत्तर: कुसुम की मदद के लिए उसके माता-पिता थे, जो हमेशा उसकी कठिनाइयों में साथ खड़े रहते थे और उसे प्रोत्साहित करते थे।
28. कुसुम को अपनी शिक्षा के लिए कौन सी सबसे बड़ी चुनौती थी?
उत्तर: कुसुम के लिए सबसे बड़ी चुनौती उसकी गरीबी और संसाधनों की कमी थी, लेकिन उसने इन कठिनाइयों को पार करके अपनी शिक्षा पूरी की।
29. कुसुम की कड़ी मेहनत का परिणाम क्या था?
उत्तर: कुसुम की कड़ी मेहनत का परिणाम यह था कि वह अपने सपनों को साकार करने में सफल रही और अपने माता-पिता को गर्व महसूस कराया।
30. कुसुम के संघर्ष से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर: कुसुम के संघर्ष से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि किसी भी परिस्थिति में हार मानने की बजाय, हमें अपने लक्ष्य की ओर मेहनत और धैर्य से बढ़ना चाहिए।
31. कुसुम को दादी ने राख की रस्सी क्यों दी थी?
उत्तर: कुसुम को दादी ने राख की रस्सी इसलिए दी थी ताकि वह जीवन के संघर्षों का सामना साहस के साथ कर सके और हमेशा उम्मीद बनाए रख सके।
32. कुसुम को अपनी कठिनाइयों के बावजूद क्या विश्वास था?
उत्तर: कुसुम को अपनी कठिनाइयों के बावजूद विश्वास था कि वह अपनी मेहनत से कुछ बड़ा कर सकती है और अपने सपनों को पूरा कर सकती है।
33. कुसुम की कहानी से बच्चों को क्या सिखने को मिलता है?
उत्तर: कुसुम की कहानी से बच्चों को यह सिखने को मिलता है कि जीवन में कठिनाइयाँ आएंगी, लेकिन हमें उन्हें साहस और मेहनत से पार करना चाहिए।
34. कुसुम की कहानी में संघर्ष का क्या संदेश दिया गया है?
उत्तर: कुसुम की कहानी में संघर्ष का संदेश यह दिया गया है कि जीवन में हर मुश्किल को हराने के लिए हमें पूरी मेहनत और समर्पण के साथ काम करना चाहिए।
35. कुसुम के जीवन में दादी की दी गई रस्सी का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: दादी द्वारा दी गई राख की रस्सी ने कुसुम को अपने संघर्षों का सामना करने के लिए प्रेरित किया और उसे साहस और आत्मविश्वास दिया।
36. कुसुम की सफलता के पीछे सबसे बड़ा कारण क्या था?
उत्तर: कुसुम की सफलता के पीछे उसकी मेहनत, धैर्य और संघर्ष करने का जज्बा था। वह कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ती रही।
37. कुसुम की संघर्ष की कहानी का हमारे जीवन पर क्या असर हो सकता है?
उत्तर: कुसुम की संघर्ष की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में चाहे जैसी भी चुनौतियाँ आएं, हमें उन्हें आत्मविश्वास और साहस से पार करना चाहिए और अपनी मेहनत पर विश्वास रखना चाहिए।
38. कुसुम के जीवन में कौन सा विशेष बदलाव आया?
उत्तर: कुसुम के जीवन में सबसे बड़ा बदलाव यह आया कि उसने अपनी गरीबी और मुश्किलों को पार कर, अपने सपनों को साकार किया और अपने माता-पिता को गर्व महसूस कराया।
39. कुसुम ने दादी से राख की रस्सी लेने के बाद क्या महसूस किया?
उत्तर: कुसुम ने दादी से राख की रस्सी लेने के बाद यह महसूस किया कि वह अपने संघर्षों से अकेली नहीं है और उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।
40. कुसुम की कहानी के माध्यम से क्या संदेश दिया गया है?
उत्तर: कुसुम की कहानी के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ हमें कमजोर नहीं बनातीं, बल्कि हमें मजबूत और संघर्षशील बनाती हैं।
पाठ 'राख की रस्सी' एक छोटी बच्ची, कुसुम की कहानी है, जो जीवन में आई कठिनाइयों का सामना करती है और अपनी मेहनत और साहस से उन्हें पार करती है। यह कहानी प्रेरणादायक है और हमें संघर्ष और आत्मविश्वास का महत्व सिखाती है।
कुसुम को उसकी दादी ने राख की रस्सी दी थी ताकि वह जीवन के संघर्षों का सामना कर सके और हमेशा आत्मविश्वास से भरी रहे। यह रस्सी कुसुम के लिए संघर्ष का प्रतीक बन गई थी।
कुसुम की दादी ने उसे संघर्ष और कठिनाईयों के बावजूद हमेशा साहस और मेहनत से जीवन जीने की प्रेरणा दी। दादी के दिए गए संदेश और राख की रस्सी ने कुसुम को जीवन की कठिनाइयों से जूझने का आत्मविश्वास दिया।
'राख की रस्सी' का प्रतीकात्मक अर्थ यह है कि जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, लेकिन यदि हम साहस और मेहनत से उनका सामना करें, तो हम उन्हें पार कर सकते हैं। यह हमें संघर्ष से उबरने का हौसला देती है।
कुसुम को गरीबी, परिवार की समस्याओं, और शिक्षा की दिशा में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। फिर भी उसने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत से सफलता प्राप्त की।
कुसुम की कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में कठिनाइयाँ सभी के सामने आती हैं, लेकिन हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। संघर्ष और साहस से ही हम इन कठिनाइयों को पार कर सकते हैं।
हाँ, कुसुम के माता-पिता का भी उसकी कहानी में अहम रोल था। उन्होंने कुसुम को हमेशा प्रोत्साहित किया और उसका साथ दिया, जिससे उसे अपनी कठिनाइयों का सामना करने का हौसला मिला।