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By Ankit Gupta
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Updated on 19 Aug 2025, 16:12 IST
The NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3 Aatmkathya are an essential resource for students preparing for their board exams. This chapter, written in the form of an autobiography, helps learners understand the author’s personal experiences, struggles, and perspectives on life. By going through the Chapter 3 Aatmkathya NCERT Solutions, students not only improve their comprehension but also strengthen their answer-writing skills.
The class 10 hindi kshitij textbook includes several important lessons, and chapter 3 hindi class 10 kshitij holds special importance because it combines real-life lessons with literary richness. With the help of these solutions, students can easily prepare class 10 kshitij chapter 3 question answer in a structured way.
The ch 3 hindi class 10 kshitij question answer section has been prepared according to the CBSE marking scheme, ensuring that students get the right direction for writing accurate and to-the-point answers. Whether it is a long-answer type question or a short one, these NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3 give clarity and help reduce exam stress.
One of the biggest advantages of referring to the class 10 kshitij chapter 3 solutions is that they save time during revision. Students do not have to struggle with difficult parts of the text, as the solutions simplify even the most complex ideas. With repeated practice of the chapter 3 hindi class 10 kshitij answers, learners gain confidence and develop the ability to frame well-structured responses.
Do Check: NCERT Solutions for Class 10 Hindi
The NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3 Aatmkathya are also useful for self-study. Since every answer is written in simple words, students can revise on their own without external help. These solutions not only prepare them for exams but also improve their overall command of the Hindi language.
Students of Class 10 can easily access Hindi Kshitij Chapter 3 Aatmkathya – PDF Download to study and revise anytime. This PDF includes all the important chapter 3 hindi class 10 kshitij question answer explained in simple words, making it easy for learners to understand the lesson. By downloading the NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 3 Aatmkathya PDF, students can prepare effectively for exams without depending on heavy textbooks.
Ques 1. कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है?
उत्तर: कवि आत्मकथा लिखने से इसलिए बचना चाहता है क्योंकि उसे लगता है कि उसके जीवन में कोई ऐसी प्रसन्नता या उल्लेखनीय घटना नहीं है, जिसे दूसरों के सामने प्रस्तुत किया जा सके। उसका जीवन अधिकतर दुखों और पीड़ाओं से भरा रहा है। कवि नहीं चाहता कि वह अपने इन दुखों को समाज के साथ बाँटे। वह मानता है कि दुखों को फैलाने से केवल निराशा ही बढ़ेगी। इसलिए कवि अपने कष्टों को अपने तक ही सीमित रखना चाहता है और उन्हें सार्वजनिक नहीं करना चाहता।
Ques 2. आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में "अभी समय भी नहीं" कवि ऐसा क्यों कहता है?
JEE
NEET
Foundation JEE
Foundation NEET
CBSE
उत्तर: जब कवि कहता है – "अभी समय भी नहीं," तो उसका आशय यह है कि उसने अब तक जीवन में कोई ऐसी बड़ी उपलब्धि या सफलता प्राप्त नहीं की, जिसे आत्मकथा के रूप में दूसरों के सामने रखा जा सके। उसका जीवन सुख की जगह कठिनाइयों और संघर्षों से भरा रहा है। इस समय कवि कुछ हद तक अपने दुखों को भूल चुका है और वह उन्हें याद कर फिर से दुखी नहीं होना चाहता। इसलिए वह आत्मकथा लिखने या सुनाने को अभी उचित समय नहीं मानता।
Ques 3. स्मृति को ‘पाथेय’ बनाने से कवि का क्या आशय है?
उत्तर: ‘पाथेय’ का अर्थ है – यात्रा में साथ लिया जाने वाला भोजन या सहारा। कवि जब कहता है कि वह स्मृतियों को अपना पाथेय बनाना चाहता है, तो उसका तात्पर्य है कि उसकी प्रेयसी (प्रिय) उससे दूर जा चुकी है, लेकिन उसकी यादें ही अब कवि का जीवन-सहारा हैं। कवि इन स्मृतियों के सहारे ही अपना शेष जीवन जीना चाहता है। यही यादें उसके जीवन की शक्ति और प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं।
Ques 4. भाव स्पष्ट कीजिए
(क) "मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया।
आलिंगन में आते-आते मुस्क्याकर जो भाग गया।"
भावार्थ:
इन पंक्तियों में कवि कहता है कि उसने भी दूसरों की तरह सुखमय जीवन जीने का सपना देखा था। उसे सुख पाने का अवसर भी मिला, परंतु वह हाथ आते-आते छिन गया। उसकी पत्नी की असमय मृत्यु हो गई, जिससे कवि का सुखद जीवन अधूरा रह गया।
(ख) "जिसके अरुण कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।
अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।"
भावार्थ:
इन पंक्तियों में कवि अपनी पत्नी के सौंदर्य का वर्णन करता है। उसके गाल (कपोल) इतने लाल और मनोहर थे कि प्रातःकाल की उषा भी अपनी लाली उसी से लेती प्रतीत होती थी। कवि की प्रेयसी के कपोल प्राकृतिक सुंदरता से भी अधिक आकर्षक और मनमोहक थे।
Ques 5. ‘उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की’ – कवि का आशय
उत्तर: कवि कहना चाहता है कि उसने अपनी पत्नी के साथ चाँदनी रातों में जो सुखद और मधुर क्षण बिताए थे, वे उसके जीवन की सबसे सुंदर स्मृतियाँ हैं। ये स्मृतियाँ उसके लिए अब पवित्र और उज्ज्वल गाथा जैसी हैं, जो उसे अकेलेपन में सहारा देती हैं। लेकिन वह इन स्मृतियों को सबके सामने व्यक्त नहीं करना चाहता क्योंकि इससे उसकी निजी भावनाएँ जगजाहिर हो जाएँगी और वह स्वयं को असहज महसूस करेगा। इसलिए कवि इन स्मृतियों को अपने तक ही सीमित रखना चाहता है।
Ques 6. ‘आत्मकथ्य’ कविता की भाषा-शैली की विशेषताएँ
उत्तर: जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित ‘आत्मकथ्य’ कविता की भाषा की मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं –
Ques 7. कवि ने सुख के स्वप्न को किस रूप में व्यक्त किया है?
उत्तर: कवि ने सुख का स्वप्न अपनी प्रेयसी (पत्नी) के माध्यम से व्यक्त किया है। वह कहता है कि जब वह उसे पाने वाला था, तभी वह मुस्कुराकर उससे दूर हो गई। इसका आशय है कि कवि ने जीवन में सुख पाने की कल्पना की थी, लेकिन वह अधूरी रह गई। उसकी पत्नी के असमय चले जाने से उसका सुख छिन गया। कवि का मानना है कि जीवन का सुख केवल छलावा है – यह स्वप्न की तरह आता है और पलभर में गायब हो जाता है।
Ques 8. प्रसाद जी का व्यक्तित्व – कविता के आधार पर
उत्तर: इस कविता से जयशंकर प्रसाद जी के व्यक्तित्व की झलक इस प्रकार सामने आती है –
Ques 9. आप किन व्यक्तियों की आत्मकथा पढ़ना चाहेंगे और क्यों?
उत्तर: मैं उन महान व्यक्तियों की आत्मकथा पढ़ना चाहूँगा जिन्होंने अपने देश की आज़ादी और सम्मान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। ऐसे लोगों ने सुख-सुविधाओं को त्यागकर संघर्ष किया और आवश्यकता पड़ने पर मृत्यु को भी गले लगाया। उदाहरणस्वरूप – राणा प्रताप, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और सुभाष चंद्र बोस। इनकी आत्मकथा पढ़कर हमें प्रेरणा मिलती है कि सच्चा जीवन वही है, जो राष्ट्र और समाज की सेवा में लगाया जाए।
Ques 10. आत्मकथात्मक शैली में स्वयं के बारे में लिखिए।
उत्तर: (यह उत्तर छात्र अपने अनुभव के अनुसार लिख सकते हैं। एक उदाहरण नीचे दिया जा रहा है)
"मेरा नाम ___ है। मैं एक साधारण विद्यार्थी हूँ। मेरे जीवन में कई कठिनाइयाँ आईं, पर मैंने हमेशा उन्हें साहस से सामना किया। पढ़ाई मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य है और मैं चाहता हूँ कि अपने परिवार का नाम रोशन कर सकूँ। मुझे किताबें पढ़ना और नई बातें सीखना पसंद है। मेरा मानना है कि जीवन में मेहनत और ईमानदारी ही सफलता की कुंजी है।"
आत्मकथ्य कविता के कवि जयशंकर प्रसाद हैं। इस कविता का मुख्य विषय कवि के जीवन की पीड़ा, अधूरी इच्छाएँ और उनकी पत्नी की स्मृतियाँ हैं, जिन्हें वे अपने जीवन का सहारा मानते हैं।
कवि को लगता है कि उसके जीवन में प्रसन्नता से जुड़ी कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। उसका जीवन दुखों और कठिनाइयों से भरा रहा है। इसलिए वह अपने कष्टों को दूसरों से साझा नहीं करना चाहता और उन्हें अपने तक सीमित रखना चाहता है।
पाथेय का अर्थ है – यात्रा में सहारा। कवि का आशय यह है कि उसकी पत्नी अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी यादें ही उसके जीवन का एकमात्र सहारा हैं। इन स्मृतियों के बल पर ही वह आगे जीना चाहता है।
इस कविता से हमें पता चलता है कि प्रसाद जी सीधे-सादे, विनम्र और आत्मसम्मान रखने वाले व्यक्ति थे। वे अपने दुखों को सार्वजनिक नहीं करना चाहते थे और अपनी सरलता के कारण मित्रों के धोखे का शिकार भी हुए।
कवि ने अपनी पत्नी के साथ सुखमय जीवन का सपना देखा था, लेकिन उसकी असमय मृत्यु के कारण वह सपना अधूरा रह गया। इस कारण कवि का जीवन दुख और पीड़ा से भर गया।
इस कविता से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जीवन में सुख-दुख आते-जाते रहते हैं। हमें कठिनाइयों में भी धैर्य रखना चाहिए और अपनी यादों और अनुभवों को जीवन का सहारा बनाना चाहिए।