Courses
By Ankit Gupta
|
Updated on 19 Aug 2025, 17:26 IST
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 4 Utsah Aur At Nahi Rahi Hai are an important resource for students preparing for their board exams. Class 10 Hindi is a scoring subject if studied with the right approach, and the class 10 kshitij chapter 4 question answer set helps learners understand the chapter thoroughly. This chapter, written in simple yet inspiring language, highlights the importance of enthusiasm and self-control in human life. By going through the chapter 4 hindi class 10 kshitij solutions, students not only get correct answers but also learn how to write effectively in exams.
In this lesson, the author explains how a person’s life becomes meaningful only when they live with excitement, hope, and discipline. Without enthusiasm and self-restraint, even big achievements lose their value. That is why the NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 4 play an important role in helping students grasp these values while preparing for exams. These solutions provide detailed explanations in simple words, so that every student can easily understand the meaning of the lesson.
Do Check: NCERT Solutions for Class 10 Hindi
The class 10 kshitij chapter 4 question answer section is designed to match the NCERT exam pattern. Students often face challenges in writing answers in the right format. With the help of these solutions, they can improve their writing style and presentation. The ch 4 hindi class 10 kshitij question answer not only clears doubts but also strengthens conceptual understanding. Practicing these questions regularly helps students score better in exams.
When students read Chapter 4 Utsah Aur At Nahi Rahi Hai NCERT Solutions, they get a step-by-step explanation of the chapter’s theme. These solutions focus on both short-answer and long-answer type questions, making it easier for students to prepare for different types of exam questions. The class 10 hindi kshitij solutions are written in easy language so that learners can remember the key points without difficulty.
Students looking for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 4 Utsah Aur At Nahi Rahi Hai – PDF Download can easily access the complete NCERT solutions in one place. This PDF helps students understand the chapter in simple language and provides all the important question answers in an easy-to-read format. By downloading the PDF, learners can study anytime without needing the textbook.
Ques 1. कवि बादल से फुहार या रिमझिम बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए क्यों कहता है?
उत्तर: कवि चाहता है कि बादल केवल बरसे ही नहीं, बल्कि गरजे भी। यहाँ ‘गरजना’ केवल प्राकृतिक ध्वनि नहीं है, बल्कि विद्रोह और संघर्ष का प्रतीक है। कवि का मानना है कि समाज में फैले अन्याय और शोषण के विरुद्ध भी लोगों को गरजना चाहिए। केवल चुपचाप सहने से परिवर्तन संभव नहीं है। इसलिए कवि बादलों से कहता है कि वे अपनी गर्जना के माध्यम से लोगों में चेतना और विद्रोह की भावना जगाएँ।
Ques 2. कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ क्यों रखा गया है?
उत्तर: इस कविता का नाम ‘उत्साह’ इसलिए उपयुक्त है क्योंकि पूरी कविता लोगों को साहस, जोश और जागरूकता से भरने का काम करती है। कवि चाहता है कि शोषित और पीड़ित जनता अपने अंदर नई ऊर्जा का संचार करे और अन्याय का सामना करे। यह कविता पाठकों में आत्मबल जगाकर समाज में परिवर्तन की प्रेरणा देती है। इसीलिए शीर्षक ‘उत्साह’ सबसे उचित है।
JEE
NEET
Foundation JEE
Foundation NEET
CBSE
Ques 3. कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?
उत्तर: इस कविता में ‘बादल’ केवल प्राकृतिक दृश्य का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसमें कई गहरे अर्थ छिपे हैं—
(क) बादल उस शक्ति का प्रतीक है जो शोषण से पीड़ित जनता की प्यास बुझा सकती है और विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
(ख) बादल एक ऐसे नेता का रूपक है जो समाज में नया उत्साह और जोश भरता है।
(ग) बादल लोगों के हृदय में छिपी उस चमक और शक्ति की ओर संकेत करता है, जो एक शोषण-रहित समाज की कल्पना को जन्म देती है।
Ques 4. कविता में नाद-सौंदर्य उत्पन्न करने वाले शब्द लिखिए।
उत्तर: जब किसी विशेष दृश्य को और प्रभावी बनाने के लिए शब्दों का ऐसा प्रयोग किया जाता है, जिससे ध्वनि का विशेष सौंदर्य प्रकट हो, उसे नाद-सौंदर्य कहा जाता है। ‘उत्साह’ कविता में कई शब्दों में यह सौंदर्य दिखाई देता है—
इन पंक्तियों में ध्वनि और लय का ऐसा तालमेल है, जो पाठक के मन में प्रभावशाली चित्र बना देता है।
Ques 1. छायावाद की विशेषता – अंतरमन और बाहरी दुनिया का सामंजस्य
उत्तर: छायावाद की खासियत यह है कि कवि अपने मन के भावों को प्रकृति और बाहरी वातावरण से जोड़कर प्रस्तुत करता है। इस कविता की पंक्तियाँ—
इनसे यह स्पष्ट होता है कि कवि अपने अंतरमन की भावनाओं को प्रकृति से सामंजस्य स्थापित करके व्यक्त कर रहा है।
Ques 2. कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?
उत्तर: कवि की दृष्टि फागुन की सुंदरता से इसलिए नहीं हट रही है क्योंकि इस महीने में प्रकृति अपने पूर्ण सौंदर्य पर पहुँच जाती है। हर तरफ हरियाली छा जाती है, वृक्षों पर नई शाखाएँ और पत्तियाँ निकल आती हैं। पेड़ों पर फूल खिलने से वातावरण रंग-बिरंगा हो जाता है। हवा में पुष्पों की सुगंध फैल जाती है और पूरा माहौल मनमोहक हो जाता है। इस अद्भुत दृश्य को देखकर कवि की आँखें बार-बार वहीं ठहर जाती हैं।
Ques 3. कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है?
उत्तर: कवि निराला ने ‘अट नहीं रही है’ कविता में प्रकृति की विशालता को कई रूपों में प्रस्तुत किया है—
इन सभी चित्रों के माध्यम से कवि ने प्रकृति की व्यापकता और जीवनदायिनी शक्ति का सुंदर चित्रण किया है।
Ques 4. फागुन का सौंदर्य अन्य ऋतुओं से अलग क्यों होता है?
उत्तर: फागुन का महीना अन्य ऋतुओं से इसलिए भिन्न है क्योंकि इस समय प्रकृति नवजीवन का अनुभव कराती है। पेड़ों पर नए फूल और पत्तियाँ आती हैं, जिससे वातावरण सुगंधित और रंगीन हो जाता है। मौसम सुहावना और मनमोहक हो जाता है। पक्षी स्वतंत्र रूप से आकाश में उड़ते हैं और वातावरण में उल्लास भर देते हैं। लोग भी आनंद और उत्साह से भर उठते हैं। इसीलिए फागुन का सौंदर्य बाकी ऋतुओं से अलग और विशेष होता है।
Ques 5. निराला के काव्य शिल्प की विशेषताएँ
उत्तर: निराला जी छायावाद के प्रमुख कवि हैं। उनकी कविताओं में काव्य शिल्प की कई विशेषताएँ मिलती हैं—
Chapter 4 में दो कविताएँ दी गई हैं – ‘Utsah’ और ‘At Nahi Rahi Hai’. पहली कविता सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ द्वारा लिखी गई है और दूसरी कविता भी निराला जी की रचना है।
Utsah कविता का मुख्य संदेश है कि समाज को शोषण और अन्याय के विरुद्ध खड़ा होना चाहिए। कवि ने बादलों की गरज को विद्रोह का प्रतीक बताया है और लोगों को नई ऊर्जा, साहस और जागरूकता से भरने की प्रेरणा दी है।
इस कविता में कवि ने फागुन मास को प्रकृति की सबसे सुंदर ऋतु बताया है। इस समय चारों ओर हरियाली छा जाती है, वृक्षों पर नई शाखाएँ और फूल खिलते हैं, पुष्पों की सुगंध वातावरण को महकाती है और लोग उल्लास से भर उठते हैं।
इन दोनों कविताओं से विद्यार्थियों को कई बातें सीखने को मिलती हैं –
इन solutions की मदद से विद्यार्थी कविताओं का भाव आसानी से समझ सकते हैं। इसमें सरल भाषा में प्रश्न-उत्तर दिए गए हैं, जिससे परीक्षा की तैयारी आसान हो जाती है। साथ ही इसमें कठिन शब्दों के अर्थ और व्याख्या भी स्पष्ट की गई है।