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By Maitree Choube
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Updated on 23 Sep 2025, 12:14 IST
The Class 7 Hindi syllabus for the academic year 2025-26 includes many interesting chapters, and Kathaputalee from the book Vasant is one of them. This chapter introduces students to the art of puppetry and also teaches deeper life lessons through simple storytelling.
To help students understand the chapter better, we have provided a complete NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 3 Kathaputalee. These expert curated solutions are written in simple words so that students can approach every question with confidence and without any grammatical errors.
Our solutions are not just helpful for homework but also for exam preparation. Along With step-by-step answers, students will be able to write correct and impressive answers in their Class 7 Hindi exams.
Important Features of NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Kathaputalee Solutions
Chapter wise NCERT Solutions of Class 7 Hindi Vasant and other textbooks in Hindi are also available to download by students. These solutions will serve as the ideal study guide to the Class 7 students.
We have provided below the NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 3 Kathputli Question Answer in a well-structured PDF. Students can easily practice these questions and improve their preparation for exams. Along with the solutions, we have also added the literary devices and difficult words with meanings used in this chapter, so that learners get complete information in one place. This makes it simple to understand the chapter thoroughly. Students can download the Class 7 Hindi Book PDF with answers and start their practice anytime for better results.
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प्रश्न 1. कठपुतली को गुस्सा क्यों आया?
उत्तर: कठपुतली को गुस्सा इसलिए आया क्योंकि वह हर समय दूसरों की डोरियों से बंधी हुई थी और उनकी इच्छानुसार नाचने के लिए मजबूर थी। उसे यह अच्छा नहीं लगता था कि उसकी ज़िंदगी पर उसका खुद का कोई नियंत्रण न हो। अब वह अपनी डोर खुद संभालना चाहती थी और आत्मनिर्भर बनना चाहती थी।
प्रश्न 2. कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती?
उत्तर: कठपुतली के मन में स्वतंत्र होकर अपने पाँवों पर खड़े होने की इच्छा थी, लेकिन वह ऐसा कर नहीं पाती क्योंकि उसमें हिम्मत और आत्मविश्वास की कमी थी। केवल इच्छा काफी नहीं होती, स्वतंत्रता पाने के लिए साहस और दृढ़ संकल्प की भी ज़रूरत होती है। उसे यह भी डर था कि उसके कदम से बाकी कठपुतलियों पर बुरा असर न पड़ जाए।
प्रश्न 3. पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगीं?
उत्तर: जब पहली कठपुतली ने अपने पैरों पर खड़े होने और आत्मनिर्भर बनने की बात कही तो बाकी कठपुतलियाँ भी उत्साहित हो गईं। उन्हें भी लगा कि वे अब तक बेवजह डोरियों से बंधकर जी रही हैं। इसलिए पहली कठपुतली की बात उन्हें प्रेरणादायक लगी और उन्होंने उसका समर्थन किया।
प्रश्न 4. पहली कठपुतली ने कहा- ‘ये धागे क्यों है मेरे पीछे-आगे? इन्हें तोड़ दो; मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो।’ तो फिर वह चिंतित क्यों हुई?
उत्तर: पहली कठपुतली स्वतंत्र होना चाहती थी, लेकिन यह सोचकर चिंतित हो गई कि कहीं उसका यह कदम दूसरी कठपुतलियों के लिए परेशानी न बन जाए। उसे यह डर भी सताने लगा कि इतनी कम उम्र और कम अनुभव के कारण वह अपने फैसले को निभा पाएगी या नहीं। साथ ही, वह यह भी सोचने लगी कि स्वतंत्रता पाने के बाद उसे इसे कायम रखने के लिए क्या उपाय करने होंगे।
प्रश्न 1. ‘बहुत दिन हुए / हमें अपने मन के छंद छुए।’ इस पंक्ति का अर्थ लिखिए।
उत्तर: इस पंक्ति का मतलब है कि कठपुतलियों को बहुत समय से अपने मन की इच्छा के अनुसार जीने का मौका नहीं मिला। न तो उन्हें खुशी महसूस हुई और न ही जीवन में उमंग आई। उनकी डोर हमेशा दूसरों के हाथों में रही, इसी कारण वे दुखी और बंधन में जीने को मजबूर थीं।
प्रश्न 2. नीचे दो स्वतंत्रता आंदोलनों के सेनानियों के नाम लिखिए।
JEE
NEET
Foundation JEE
Foundation NEET
CBSE
(क) सन् 1857 – रानी लक्ष्मीबाई, बेगम हज़रत महल
(ख) सन् 1942 – जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. कठपुतलियाँ स्वतंत्रता के लिए कैसे लड़ी होंगी और स्वावलंबी बनने के लिए क्या प्रयत्न किए होंगे?
उत्तर: कठपुतलियाँ अपने बंधनों से आज़ाद होने के लिए एकजुट होकर खड़ी हुई होंगी। उन्होंने साहस और धैर्य के साथ अपनी डोरें तोड़ी होंगी। स्वतंत्र होने के बाद उन्होंने खुद को मजबूत बनाने और अपने फैसले खुद लेने की कोशिश की होगी। यदि किसी ने उन्हें फिर से धागों में बाँधने की कोशिश की होगी तो वे मिलकर उसका विरोध करतीं और अपनी आज़ादी को सुरक्षित रखतीं।
प्रश्न 1. ‘काठ’ और ‘पुतली’ से ‘कठपुतली’ बना। इसी तरह के शब्द बनाइए।
उत्तर:
हाथ → हथकड़ी, हथकरघा
सोना → सोनजुही, सोनभद्र
मिट्टी → मटमैला, मटकोड
प्रश्न 2. कविता की भाषा में लय बनाने के लिए शब्दों की जोड़ियाँ बदली जाती हैं। उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
दुबला-पतला → पतला-दुबला
इधर-उधर → उधर-इधर
ऊपर-नीचे → नीचे-ऊपर
दाएँ-बाएँ → बाएँ-दाएँ
गोरा-काला → काला-गोरा
लाल-पीला → पीला-लाल
इस कविता में कवि ने कठपुतली के माध्यम से जीवन की गहरी सच्चाइयों को दिखाया है। कठपुतली डोरियों से बंधी होती है और जैसे ही डोरी हिलती है, वह नाचने लगती है। असल में, उसका नाचना उसके अपने बस में नहीं होता, बल्कि डोर चलाने वाले के हाथ में होता है।
इसी तरह हमारे जीवन में भी सब कुछ हमारे बस में नहीं होता। इंसान चाहे जितनी कोशिश कर ले, लेकिन कई बार हमारी डोर भी नियति और समय के हाथों में होती है। कठपुतली का नाच हमें यह एहसास दिलाता है कि जीवन नश्वर है और सब कुछ एक दिन समाप्त हो जाता है।
कवि यह संदेश देना चाहते हैं कि हमें जीवन को समझदारी से जीना चाहिए। जैसे कठपुतली हँसती-नाचती है, वैसे ही हमें भी अपने जीवन को खुशी और संतुलन के साथ जीना चाहिए।
सीख (Moral): कविता हमें सिखाती है कि जीवन अस्थायी है और हमें इसे व्यर्थ चिंता में न गँवाकर हँसी-खुशी और संतुलन के साथ जीना चाहिए।
S.No. | NCERT Solutions Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 Chapter Wise PDF |
1. | Chapter 1 – हम पंछी उन्मुक्त गगन के |
2. | Chapter 2 – हिमालय की बेटियाँ |
3. | Chapter 3 – कठपुतली |
4. | Chapter 4 – मिठाईवाला |
5. | Chapter 5 – पापा खो गए |
6. | Chapter 6 – शाम-एक किसान |
7. | Chapter 7 – अपूर्व अनुभव |
8. | Chapter 8 – रहीम के दोहे |
9. | Chapter 9 – एक तिनका |
10. | Chapter 10 – खानपान की बदलती तसवीर |
11. | Chapter 11 – नीलकंठ |
12. | Chapter 12 – भोर और बरखा |
13. | Chapter 13 – वीर कुँवर सिंह |
14. | Chapter 14 – संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज |
15. | Chapter 15 – आश्रम का अनुमानित व्यय |
क्रमांक | साहित्यिक उपकरण (Literary Device) | उदाहरण (From the Chapter) | प्रयोग का उद्देश्य (Purpose/Effect) |
1 | उपमा अलंकार (Simile) | कठपुतली की हरकतों की तुलना जीवन की हरकतों से | तुलना द्वारा चित्र अधिक जीवंत बनाना |
2 | मानवीकरण (Personification) | कठपुतली को मानो मनुष्य की तरह भावनाएँ दी गईं | निर्जीव वस्तु को जीवंत रूप में प्रस्तुत करना |
3 | रूपक अलंकार (Metaphor) | कठपुतली को जीवन का प्रतीक दिखाना | जीवन की सच्चाई को संक्षेप और प्रभावी रूप में समझाना |
4 | अनुप्रास अलंकार (Alliteration) | पंक्तियों में ध्वनि-रूपक पुनरावृत्ति (जैसे 'ढोल-डमरू…') — पाठ से उदाहरण | भाषा को मधुर और प्रभावशाली बनाना |
5 | प्रतीक (Symbolism) | कठपुतली = इंसान का जीवन, डोर = भाग्य/नियति | गहन भावों और विचारों को सरल चिन्हों से व्यक्त करना |
6 | रस (Rasa) | कठपुतली के नाच में करुण रस और शांति का अनुभव | पाठक में संवेदना और चिंतन प्रेरित करना |
7 | चित्रात्मकता (Imagery) | नृत्य और दृश्यों का जीवंत वर्णन | पाठक के मन में स्पष्ट दृश्य उत्पन्न करना |
8 | भावुकता (Emotional Appeal) | कठपुतली के माध्यम से जीवन और मृत्यु की सूक्ष्म बातें | छात्रों को सोचने और महसूस करने पर मजबूर करना |
NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 4 Kathaputalee Question Answer is really helpful. Here are some of the key benefits students feel while practicing them:
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The main theme of the poem is that life is not always in our control. Just like a puppet dances with strings, sometimes our life is controlled by destiny and time. The poet teaches us to live with joy, balance, and wisdom.
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The moral of the poem is that life is short and temporary, so instead of wasting it in worries, we should live happily, wisely, and make the best use of our time.
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