Abhyasvan Bhav Sanskrit Class 10 Solutions Chapter 5 रचनानुवादः (वाक्यरचनाकौशलम्)
अभ्यासः (पृष्ठ 35)
प्रश्न 1.
अधोलिखितवाक्यानां संस्कृतभाषया अनुवादं कुरुत
प्रश्नः — उत्तर:
(i) छात्रों को ध्यान से कार्य करना चाहिए। — छात्राः ध्यानेन कार्यं कुर्युः।
(ii) वृक्ष पर पक्षी चहचहाते हैं। — वृक्षे खगाः कलरवं कुर्वन्ति।
(iii) हम सब मिलकर गाएंगे। — वयम् मिलित्वा गास्यामः।
(iv) खिलाड़ी फुटबॉल से खेल रहे हैं। — क्रीडकाः पादकन्दुकेन क्रीडन्ति।
(v) अध्यापक ने कहा-“सदाचार का पालन करो।” — अध्यापकः अकथयत्-“सदाचारं पालयत।”
(vi) कृषक गाँव की ओर गए। — कृषकाः ग्राम प्रति अगच्छन्।
(vii) तुम दोनों खीर खाओ। — युवाम् पायसम् खादतम्।
(vii) विद्यालय के दोनों ओर वृक्ष हैं। — विद्यालयम् उभयत: वृक्षाः सन्ति।
(ix) माता बालक को दूध देती हैं। — माता बालकाय दुग्धम् यच्छति।
(x) हमें स्वास्थ्य के नियमों का पालन करना चाहिए। — वयम् स्वास्थ्यस्य नियामान् पालयेम।
(xi) कल राघव कहाँ था? — ह्यः राघवः कुत्र आसीत्?
(xii) मेरे पिता भोजन पकाते हैं। — मम पिता भोजनं पचति।
(xiii) मेरे पास आकर बैठो। — मम समीपे आगत्य तिष्ठ।
(xiv) उन सबको दीवाली उत्सव अच्छा लगता है। — तेभ्यः दीवाली-उत्सवं रोचते।
(xv) ईश्वर को नमस्कार। — ईश्वराय नमः।
(xvi) घर के बाहर कौन है? — गृहात् बहिः कः अस्ति?
(xvii) भवन के ऊपर कौए बैठे हैं। — भवनस्य उपरि काकाः तिष्ठन्ति।
(xviii) मैंने ऐसा नहीं कहा। — अहम् एवम् मा अकथयम्।
(xix) कक्षा में कितने छात्र हैं? — कक्षायाम् कति छात्राः सन्ति?
(xx) तुम बाजार से दही लाओ। — तुम आपणात् दधि आनय।
प्रश्न 2.
एतेषां वाक्यानां संस्कृतभाषया अनुवादं कुरुत
वाक्यानि — अनुवादं
(i) उसने पत्र लिखा। — सः पत्रं अलिखत्/लिखितवान्।
(ii) खाते हुए नहीं बोलना चाहिए। — खादन् मा बूर्यात्।
(iii) उस कन्या ने पुस्तक पढ़ी। — सा बालिका पुस्तकम् अपठत्।
(iv) तुम्हें भी पुस्तक पढ़नी चाहिए। — त्वया अपि पुस्तकं पठनीयम्।
(v) वह फल लेकर घर आई। — सा फलं नीत्वा गृहं आगतवती/आगच्छत्।
(vi) तुमने ऐसा नहीं सोचा। — त्वम् एवं मा चिन्तयेः।
(vii) पुस्तक पाता हुआ छात्र प्रसन्न होता है। — पुस्तकं लभमानः छात्रः प्रसीदति।
(viii) जाते हुए बालक को देखो। — गच्छन्तं बालकं पश्य।
(ix) शिमला नगर देखने योग्य है। — शिमला-नगरं दर्शनीयम् अस्ति।
(x) खाने योग्य भोजन ही खाना चाहिए। — भक्षणीयं भोजनम् एव खादितव्यम्।