Study MaterialsCBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2017 Outside Delhi Term 2

CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2017 Outside Delhi Term 2

CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2017 Outside Delhi Term 2

CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2017 Outside Delhi Term 2 Set – I

निर्धारित समय :3 घण्टे
अधिकतम अंक : 90

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    खंड ‘क’

    प्रश्न 1.
    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए [2 × 6 = 12] प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। इसके आगे सारी समस्याएँ बौनी हैं, लेकिन समस्या एक प्रतिभा को खुद दूसरी प्रतिभा से होती है। बहुमुखी प्रतिभा को होना, अपने भीतर एक प्रतिभा के बजाय दूसरी प्रतिभा को खड़ा करना है। इससे हमारा नुकसान होता है। कितना और कैसे ?

    मन की दुनिया की एक विशेषज्ञ कहती हैं कि बहुमुखी होना आसान है, बजाय एक खास विषय का विशेषज्ञ होने की तुलना में। बहुमुखी लोग स्पर्धा से घबराते हैं। कई विषयों पर उनकी पकड़ इसलिए होती है कि वे एक में स्पर्धा होने पर दूसरे की ओर भागते हैं। वे आलोचना से भी डरते हैं और काम में तारीफ सुनना चाहते हैं। बहुमुखी लोगों में सबसे महान् माने जाने वाले ”माइकल एंजेलो से लेकर अपने यहाँ रवीन्द्रनाथ टैगोर जैसे कई लोग थे, लेकिन आज ऐसे लोगों की पूछ-परख कम होती है। ऐसे लोग प्रतिभाशाली आज भी माने जाते हैं, लेकिन असफल होने की आशंका उनके लिए अधिक होती है। आज वे लोग ‘विंची सिंड्रोम’ से पीड़ित माने जाते हैं, जिनकी पकड़ दो-तीन या इससे ज्यादा क्षेत्रों में हो, लेकिन हर क्षेत्र में उनसे बेहतर उम्मीदवार मौजूद हों।

    बहुमुखी प्रतिभा वाले लोगों के भीतर कई कामों को साकार करने की इच्छा बहुत तीव्र होती है। उनकी उत्सुकता उन्हें एक से दूसरे क्षेत्र में हाथ आजमाने को बाध्य करती है। समस्या तब होती है, जब यह हाथ आजमाना दखल करने जैसा हो जाता है। वे न इधर के रह जाते हैं, और न उधर के। प्रबंधन की दुनिया में एक के साधे सब सधे, सब साधे सब जाए’ का मंत्र ही शुरू से प्रभावी है। यहाँ उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता, जो सारे अण्डे एक टोकरी में न रखने की बात करता है। हम दूसरे क्षेत्रों में हाथ आजमा सकते हैं, पर एक क्षेत्र के महारथी होने में ब्रेकर की भूमिका न अदा करें।
    (क) बहुमुखी प्रतिभा क्या हैं? प्रतिभा से समस्या कब, कैसे हो जाती है?
    (ख) बहुमुखी प्रतिभा वालों की किन कमियों की ओर संकेत
    (ग) बहुमुखी प्रतिभागियों की पकड़ किन क्षेत्रों में होती है। और उनकी असफलता की संभावना क्यों है ?
    (घ) ऐसे लोगों का स्वभाव कैसा होता है और वे प्रायः सफल क्यों नहीं हो पाते?
    (ङ) प्रबंधन के क्षेत्र में कैसे लोगों की आवश्यकता होती है ? क्यों ?
    (च) आशय स्पष्ट कीजिए :
    “प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती।
    उत्तर:
    (क) बहुमुखी प्रतिभा अर्थात एक से ज्यादा प्रतिभा एक ही। व्यक्ति में होना। बहुमुखी प्रतिभा वाले लोग कई कामों को साकार करने में सक्षम होते हैं, जिसके कारण वे एक खास विषय के विशेषज्ञ नहीं बन पाते। बहुमुखी प्रतिभा से यह समस्या होती है कि ऐसे लोग स्पर्धा से घबराते है।

    (ख) बहुमुखी प्रतिभा वाले लोग स्पर्धा से घबराते हैं। वे आलोचना से भी डरते हैं और अपने काम की तारीफ ही सुनना चाहते हैं। ऐसे लोग ‘विंची सिंड्रोम’ से पीड़ित माने जाते हैं।

    (ग) बहुमुखी प्रतिभागियों की पकड़ दो-तीन या इससे ज्यादा क्षेत्रों में होती है, परन्तु वे किसी भी क्षेत्र के विशेषज्ञ नहीं होते। उनके असफल होने की आशंका इसलिए अष्टि कि होती है क्योंकि हर क्षेत्र में उनसे बेहतर उम्मीदवार मौजूद होते हैं।

    (घ) ऐसे लोग स्पर्धा से घबराते हैं। ये लोग आलोचना से डरते हैं और केवल अपने ही काम की तारीफ सुनना चाहते हैं। आजकल ऐसे लोगों की पूछ कम होती है। और अपने इसी स्वभाव के कारण ये लोग सफल नहीं हो पाते। प्रबन्धन के क्षेत्र में लक्ष्य-केन्द्रित व्यक्ति की आवश्यकता होती है, जो नेतृत्व कर, मिलकर काम करना जानते हों।

    (ङ) प्रबन्धन में एक क्षेत्र के महारथी लोगों का आदर किया जाता है और वे लोग दूसरों के कामों में दखलंदाजी नहीं करते।

    (च) “प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती’ अर्थात जिन लोगों में कुछ कर गुजरने की चाहत और क्षमता है, उन्हें दूसरों का मुँह नहीं देखना पड़ता। प्रतिभावान मनुष्य अपना लक्ष्य, अपने ही बनाए मार्ग पर चलकर ही पाता है। प्रतिभा को अपना वर्चस्व दुनिया पर बनाने के लिए, किसी के सहारे और किसी की मदद की आवश्यकता नहीं होती।

    प्रश्न 2.
    निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए [2 × 4 = 8] भारतमाता
    ग्राम-वासिनी !
    खेतों में फैला है श्यामल
    धूल भरा मैला-सा अंचल
    गंगा-यमुना में आँसू-जल
    मिट्टी की प्रतिमा
    उदासिनी !
    दैन्य-जड़ित, अपलक नत चितवन,
    अधरों में चिर नीरव रोदन,
    युग-युग के तम से, विषण्ण मन,
    वह अपने घर में
    प्रवासिनी !
    तीस कोटि सन्तान नग्न तन
    अर्ध-क्षुधित, शोषित, निरस्त्र जन
    मूढ़, असभ्य, अशिक्षित, निर्धन
    नत मस्त तरु–तल
    निवासिनी !
    (क) भारतमाता को ग्रामवासिनी क्यों कहा गया है ?
    (ख) काव्यांश में प्रवासिनी किसके लिए आया है और क्यों ?
    (ग) भारतमाता की सन्तान के बारे में कवि ने क्या कहा है ?
    (घ) काव्यांश का केन्द्रीय भाव लिखिए।
    उत्तर:
    (क) भारतमाता को ग्रामवासिनी इसलिए कहा गया है। क्योंकि भारत की अधिकांश आबादी गाँवों में रहती है। एवं कृषि और पशु-पालन से अपना जीवन निर्वाह करती है।

    (ख) प्रवासिनी शब्द ‘भारत माता के लिए प्रयुक्त किया गया है। भारत माँ अपने ही देश में विदेशियों की भाँति रह रही है, क्योंकि गरीबी, निरक्षरता और युगों-युगों के बन्ः नि से वे अपना अस्तित्व खो चुकी है और अब अपनी ही भूमि पर प्रवासियों की भाँति रह रही है।

    (ग) तीस करोड़ भारतवासी गरीबी, अज्ञानता और अशिक्षा के कारण दीन-हीन अवस्था में जीवन बिता रहे हैं और अपनी संतान की ऐसी हालत देख भारत माँ का दिल बैठा जाता है।

    (घ) काव्यांश का केन्द्रीय भावे-गंगा-जमुना जैसी महान नदियों की स्वामिनी भारतमाता आज गरीबी, अज्ञानता और अशिक्षा जैसी बुराइयों के कारण दीन-हीन अवस्था में खड़ी दिखाई दे रही है। अतः हमें भारतमाता का वास्तविक स्वरूप लौटाने के लिए प्रेम-भाईचारे और शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना होगा।

    खण्ड ‘ख’

    प्रश्न 3.
    पद और शब्द में क्यों अन्तर है ? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए। [1 + 1 = 2] उत्तर:
    शब्द-वर्गों के सार्थक शब्द-समूह को ‘शब्द’ कहते हैं।
    जैसे ल् + अ + ड़ + अ + क् + आ = लड़का
    पद-जब कोई शब्द किसी वाक्य में प्रयुक्त हो जाता है, तब वह पद कहलाता है। जैसे लड़का बीमार है।

    प्रश्न 4.
    निर्देशानुसार वाक्य-रूपांतरण कीजिए : [1 × 3 = 3] (क) वह बगल के कमरे से कुछ बरतन ले आया। तौलिये से बरतन साफ किए। (संयुक्त वाक्य में)
    (ख) लिखकर अभ्यास करने से कुछ भूल नहीं सकते। (मिश्र वाक्य में)
    (ग) सीमा पर लड़ने वाले सैनिक ऐसे हैं कि जान हथेली पर लिए रहते हैं। (सरल वाक्य में)
    उत्तर:
    (क) संयुक्त वाक्य- वह बगल के कमरे से कुछ बरतन ले आया और उन्हें तौलिये से साफ किया।
    (ख) मिश्र वाक्य- जब लिखकर अभ्यास करते हैं, वे कुछ भूल नहीं सकते।
    (ग) सरल वाक्य- सीमा पर लड़ने वाले सैनिक जान हथेली पर लिए रहते हैं।

    प्रश्न 5.
    (क) निम्नलिखित शब्दों का समास-विग्रह करते हुए समास का नाम लिखिए : [1 + 1 = 2] (i) चंद्रमुख
    (ii) पुष्पमाला
    (ख) निम्नलिखित का समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए : [1 + 1 = 2] (i) पानी की चक्की
    (ii) महान जो पुरुष
    उत्तर:
    (क)
    (i) चन्द्रमुख- चन्द्र के समान मुख-कर्मधारय समास
    (i) पुष्पमाला- पुष्पों की माला-तत्पुरुष समास

    (ख)
    (i) पनचक्की- तत्पुरुष समास
    (ii) महापुरुष- कर्मधारय समास

    प्रश्न 6.
    निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए : [1 × 4 = 4] (क) बलिदानियों का देश सदा आभारी रहेगा।
    (ख) ये पुस्तकें मेरे को नहीं चाहिए।
    (ग) मैं तो पहले ही कहा कि ऐसा मत करो।
    (घ) क्या आप उसकी बात समझ लेते हो ?
    उत्तर:
    (क) देश बलिदानियों को सदैव आभारी रहेगा।
    (ख) ये पुस्तकें मुझे नहीं चाहिए।
    (ग) मैंने तो पहले ही कहा था कि ऐसा मत करो।
    (घ) क्या आप उसकी बात समझ जाते हो ?

    प्रश्न 7.
    निम्नलिखित मुहावरों को प्रयोग इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए : [1 + 1 = 2] प्राण सूखना, बूते से बाहर होना।
    उत्तर:
    प्राण सूखना-पुलिस को अपने सामने देखकर, हत्यारे के प्राण सूख गए।
    बूते से बाहर होना-बड़े भाई साहब के लिए अव्वल आना उनके बूते से बाहर था।

    खण्ड “ग”

    प्रश्न 8.
    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए : [2 + 2 + 1 = 5] (क) शेख अयाज के पिता भोजन छोड़कर क्यों उठ खड़े हुए ? ‘अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले पाठ के आधार पर लिखिए।
    (ख) शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना ताँबे से क्यों की गई है ? ‘पतझर में टूटी पत्तियाँ पाठ के आधार पर लिखिए।
    (ग) ‘कारतूस’ पाठ में सआदत अली को किस प्रकार का व्यक्ति बताया गया है ?
    उत्तर:
    (क) शेख अयाज के पिता ने कुएँ से लौटकर घर आकर देखा कि उनकी बाजू पर एक काला च्योंटा रेंग रहा है। वे भोजन प्रारम्भ करने ही वाले थे कि भोजन छोड़कर खड़े हो गए। उन्हें लगा कि उन्होंने एक घर वाले च्योंटे को बेघर कर दिया है। उस च्योंटो का घर कुएँ पर था अतः वे उसे उसके घर में छोड़ने कुएँ की ओर चल दिए।

    (ख) शुद्ध आदर्श, शुद्ध सोने की तरह होते हैं। जिस प्रकार शुद्ध सोने में किसी प्रकार की मिलावट नहीं होती, उसी प्रकार शुद्ध आदर्शों में भी किसी प्रकार की मिलावटे नहीं की जा सकती। शुद्ध आदर्श में भी किसी प्रकार का समझौता नहीं होता। वह पूर्णतः शुद्ध होते हैं इसलिए उन्हें सोना कहा गया है। व्यावहारिकता एक प्रकार से ताँबा है। जिस प्रकार सोने की गिन्नी बनाने के लिए उसमें ताँबा मिलाया जाता है, उसी प्रकार आदर्शों में व्यावहारिकता का ताँबा मिलाया जाता है। ताँबा सोने को चमक और मजबूती देता है, पर उसकी शुद्धता खो देता है। इसी प्रकार व्यावहारिकता देखने में तो अच्छी लगती है, पर उसके पीछे के शुद्ध आदर्श खो जाते हैं।

    (ग) सआदत अली अवध के नवाब आसिफउद्दौला का छोटा भाई था। आसिफउद्दौला के कोई लड़का न था। अतः सआदत अली यह मान बैठा था कि बड़े भाई के बाद वही अवध का नवाब बनेगा, परन्तु जब वजीर अली का जन्म हुआ तो उसके सपने चकनाचूर हो गए। सआदत अली कर्नल का दोस्त भी था। कर्नल ने उसे अपने स्वार्थ की सिद्धि के लिए अवध के तख्त पर बिठाया था। सआदत अली एक ऐश पसन्द आदमी था।

    प्रश्न 9.
    जापान में मानसिक रोग के क्या कारण बताए गए हैं ? उससे होने वाले प्रभाव का उल्लेख करते हुए लिखिए कि इसमें ‘टी सेरेमनी की क्या उपयोगिता है। [5] उत्तर:
    (क) जापान के लोग प्रगति में अमेरिका से स्पर्धा करते हैं।
    (ख) वे एक महीने का काम एक दिन में पूरा कर लेना चाहते
    (ग) वे पहले से ही तेज चलने वाले दिमाग को और तेज चलाना चाहते हैं।
    (घ) उनका मानसिक तनाव इतना बढ़ जाता है कि दिमाग , का इंजन टूट जाता है।

    उपर्युक्त तथ्यों के कारण, जापान में अस्सी प्रतिशत लोग मानसिक रोगों के शिकार है। ‘टी-सेरेमनी में शान्ति से बैठकर लगभग डेढ़ घण्टे तक एक-एक बूंद करके चाय पीनी पड़ती है, जिससे दिमाग की रफ्तार शांत हो जाती है और मानसिक राहत मिलती है।

    प्रश्न 10.
    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए : [2 + 2 + 1 = 5] असल में दोनों काल मिथ्या हैं। एक चला गया है, दूसरा आया नहीं है। हमारे सामने जो वर्तमान क्षण है, वही सत्य है। उसी में जीना चाहिए। चाय पीते-पीते उस दिन मेरे दिमाग से भूत और भविष्य दोनों काल उड़ गए थे। केवल वर्तमान क्षण सामने था। और वह अनंत काल जितना विस्तृत था।
    (क) गद्यांश में किन दो कालों के बारे में बात गई है और उनकी क्या विशेषता है ?
    (ख) लेखक ने किस काल को सत्य माना है और क्यों ?
    (ग) गद्यांश से लेखक क्या समझाना चाहता है ?
    उत्तर:
    (क) इस गद्यांश में भूतकाल और भविष्यकाल की बात की गई है। भूतकाल बीत गया है और भविष्यकाल आया ही नहीं। ये दोनों काल मिथ्या हैं।
    (ख) वर्तमान काल ही सत्य है, उसी में जीना चाहिए। जो आज चल रहा है, वह ही सच है और उसके हर क्षण को जीना चाहिए।
    (ग) लेखक के अनुसार सत्य केवल वर्तमान है। हमें उसी में जीना चाहिए। हम अक्सर या तो गुजरे जमाने की खट्टी-मीठी यादों में उलझे रहते हैं या भविष्य के रंगीन सपने देखते रहते हैं।

    प्रश्न 11.
    (क) बिहारी ने ग्रीष्म ऋतु की तुलना किससे की है ? प्राणियों पर उसकी क्या प्रभाव पड़ता है ? [2] (ख) “मनुष्यता’ कविता में कवि ने सबको एक होकर चलने की प्रेरणा क्यों दी है ? [2] (ग) “आत्मत्राण’ कविता में कोई सहायक न मिलने पर कवि की क्या प्रार्थना है ?
    उत्तर:
    (क) बिहारी ने ग्रीष्मऋतु की तुलना तपोवन से की है। क्योंकि इतनी भयंकर गर्मी पड़ रही है कि सारा संसार ही तपोवन के समान हो गया है। इस गर्मी के कारण शत्रु भी अपनी शत्रुता भूलकर एक ही जगह बसते दिखाई दे रहे हैं। जैसे साँप और मोर, मृग और बाघ। गर्मी की मार ने शत्रुओं को भी मित्र बना दिया है।

    (ख) ‘मनुष्यता’ कविता में कवि ने सबको एक होकर चलने की प्रेरणा इसलिए दी है क्योंकि इससे आपसी हेल-मेल बढ़ता है और हमारे सभी काम सिद्ध हो जाते हैं। लोगों के बीच भिन्नता की भावना समाप्त हो जाती है। इससे आपसी विरोध की प्रवृत्ति समाप्त हो जाती है।

    (ग) ‘आत्मत्राण’ कविता में कोई सहायक न मिलने पर कवि यह प्रार्थना करता है कि तब भी उसका बल-पौरुष हिलना नहीं चाहिए अर्थात् वह सहायक की अनुपस्थिति में भी केवल अपने बलबूते पर संघर्ष कर सकता है। वह अपनी मानसिक शक्ति को बनाए रखना चाहता है।

    प्रश्न 12.
    ‘कर चले हम फिदा’ कविता की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए उसका प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए। [5] उत्तर:
    इस गीत में सन् 1962 की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में भारत पर चीन के आक्रमण का मार्मिक चित्रण किया गया है। उस युद्ध में अनेक भारतीय सैनिकों ने सीमा पर लड़ते-लड़ते अपने प्राण देकर भारत के सम्मान की रक्षा की थी, इसी युद्ध की पृष्ठभूमि पर ‘हकीकत’ फिल्म बनी थी। यह कविता देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत है। इस कविता को पढ़कर हमें अपने देश के सैनिकों पर गर्व होता है। इन सैनिकों ने अत्यन्त विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए देश की रक्षा हेतु अपना अमर बलिदान दिया। मरते दम तक वे देश रक्षा के प्रयासों में लगे रहे और अपनी इस धरोहर को अपने साथियों को सौंप कर चले गए। हम सभी को मिलकर इस देश की रक्षा करनी है। हमें किसी भी हालत में भारत माता के सिर को झुकने नहीं देना है।

    प्रश्न 13.
    पढ़ाई में तेज होने पर भी कक्षा में दो बार फेल हो जाने पर टोपी के साथ घर पर या विद्यालय में जो व्यवहार हुआ उस पर मानवीय मूल्यों की दृष्टि से टिप्पणी कीजिए। [5] उत्तर:
    पढ़ाई में तेज होने पर भी, जब टोपी पहली बार फेल हुआ तो मुन्नी बाबू इंटरमीडिएट में फर्स्ट आए और भैरव छठे में। सारे घर ने, टोपी को जबान की नोंक पर रख लिया। वह बहुत रोया क्योंकि वह फेल अपनी बुद्धि के कारण नहीं हुआ, बल्कि उसे कोई पढ़ने ही नहीं देता था। कभी उसे मुन्नी बाबू बुला लेते, कभी रामदुलारी सामान लाने को भेज देती, कभी भैरव उसी कापियों के हवाई जहाज उड़ा डालता। दूसरी बार वह टाइफाइड का शिकार हो गया, जिसके कारण वह पढ़ नहीं पाया।

    उपर्युक्त सभी कारणों को न परिवार वालों ने समझा, न ही अध्यापकों ने और न ही उसके सहपाठियों ने, बस उन्होंने समझा तो सिर्फ उसके अंकों को। सभी ने मानवीय मूल्यों के विपरीत, उसकी सिर्फ बेइज्जती और अपमान किया जो कि सरासर गलत है। बाल मानसिकता और अध्ययन के मध्य एक गहरा रिश्ता होता है जो माता-पिता और अध्यापकों को अवश्य समझना चाहिए। किसी भी बालक को कम अंक लाने के कारण प्रताड़ना और अपमानित करना अमानवीय है।

    खण्ड “घ”

    प्रश्न 14.
    निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए : [5] (क) पुस्तकें पढ़ने की आदत

    • पढ़ने की घटती प्रवृत्ति
    • कारण और हानि
    • पढ़ने की आदत से लाभ

    (ख) कम्प्यूटर हमारा मित्र

    • क्या है।
    • विद्यार्थियों के लिए उपयोग
    • सुझाव

    (ग) स्वास्थ्य की रक्षा

    • आवश्यकता
    • पोषक भोजन
    • लाभकारी सुझाव

    उत्तर:
    (क) पुस्तकें पढ़ने की आदत
    किताब/पुस्तक पढ़ना एक ऐसी आदत है, जिसके लाभों की गणना नहीं की जा सकती। अतः छोटे-बड़े सबको विशेषकर बच्चों को किताब पढ़ने भी आदत डालनी चाहिए। जिस व्यक्ति या बच्चे ने पुस्तकें पढ़ने की आदत डाल ली उसने स्वयं को नाना प्रकार की बुराइयों से बचा लिया। पुस्तकें पढ़ने वाले का आत्मविश्वास पुस्तकें न पढ़ने वाले की अपेक्षा अधिक होता है। जो व्यक्ति पुस्तकें पढ़ने की आदत डाल लेता है, वह स्वयं को ज्ञान में वृद्धि के स्रोत से जोड़ लेता है, ऐसे लोग अपनी इच्छाओं को और अधिक तार्किक बना लेते हैं। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि अध्ययन वे पुस्तकें आत्मा का भोजन है। शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चों के लिए ऐसी किताबों का चयन करना चाहिए, जो बच्चों में जिज्ञासा की भावना को प्रोत्साहित करने का कारण बनें।

    (ख) कम्प्यूटर हमारा मित्र आज के युग को यदि हम कम्प्यूटर का युग कहें तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी। शिक्षा, मनोरंजन, चिकित्सा, यातायात, संचार आदि सभी क्षेत्रों में कम्प्यूटर ने अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। शिक्षा के क्षेत्र में कम्प्यूटर अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। कम्प्यूटर के माध्यम से पठन-पाठन का स्तर भी अच्छा हुआ है। कार्यालयों में इसके माध्यम से कार्य करना अत्यंत सहज एवं सरल हो गया है। महत्वपूर्ण आँकड़ों व तथ्यों को ‘फाइल’ में सुरक्षित रखा जाता है। इसी कारण से प्रत्येक सरकारी, गैर-सरकारी और निजी कार्यालयों में कम्प्यूटर का प्रयोग अनिवार्य हो गया है। इसने संचार के क्षेत्र में एक क्रान्ति ला दी है। ‘ई-मेल के माध्यम से हजारों मील दूर बैठे अपने सम्बन्धी अथवा मित्रों को हम, कम खर्च और कम समय में सन्देश भेज सकते हैं। ‘इंटरनेट के माध्यम से मनुष्य हर प्रकार की जानकारी का आदान-प्रदान विश्व के किसी भी कोने से करने में सक्षम है। इन सभी कारणों से कम्प्यूटर हमारा मित्र है।

    (ग) स्वास्थ्य की रक्षा खानपान तथा स्वास्थ्य रक्षा के अन्य नियमों में त्रुटि आने पर ही शरीर में रोगों का जन्म होता है। यदि स्वास्थ्य रक्षा सम्बन्धी सभी नियमों का यथाविधि पालन किया जाए तो कभी बीमार होने के अवसर ही उपस्थित नहीं होंगे। प्रतिदिन स्नान, व्यायाम और योग करने से हम अपने स्वास्थ्य की काफी हद तक रक्षा कर सकते हैं। अच्छा स्वास्थ्य जीवन के समस्त सुखों का आधार है। धन से वस्तुएँ खरीदी जा सकती हैं, परन्तु उनका उपभोग अच्छे स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। अच्छे स्वास्थ्य की कामना करने वाले बहुत हैं, परन्तु उसके लिए जागरूक होकर प्रयत्न करने वाले थोड़े ही हैं। अच्छा एवं सन्तुलित आहार नियमित दिनचर्या और नियमित व्यायाम स्वास्थ्य को बनाए रखने वाले तीन मूलभूत तत्व हैं। भोजन में फल, अनाज, सब्जी और दूध का समन्वये होना चाहिए। फल, हरी ताजी सब्जियाँ, अंकुरित अनाज तथा दूध की कुछ-न-कुछ मात्रा प्रतिदिन लेने से व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को कर्तव्य है। कि वह स्वास्थ्यप्रद जीवनशैली अपनाए और अपने तन को स्वस्थ और मन को आनंदित रखे।

    प्रश्न 15.
    विद्यालय के गेट पर मध्यावकाश के समय ठेले और रेहड़ी वालों द्वारा जंक फूड बेचे जाने की शिकायत करते हुए प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर उन्हें रोकने का अनुरोध कीजिए। [5] उत्तर:
    सेवा में,
    प्रधानाचार्य महोदय
    क. ख, ग विद्यालय
    अ. ब. स स्थान
    25 जनवरी, 20XX
    विषय–विद्यालय के गेट पर मध्यावकाश में जंक फूड बेचने से रोके जाने के सम्बन्ध में पत्र।
    महोदय,
    सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय के गेट पर मध्यावकाश के समय ठेले और रेहड़ी वालों द्वारा जंक फूड बेचा जाता है। जंक फूड मिलने की वजह से अधिकतर विद्यार्थियों ने टिफिन लाना भी बंद कर दिया है। यह जंक फूड विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। जंक फूड खाने से कई बच्चों की तबियत भी खराब हुई है।

    अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप यथाशीघ्र इन्हें हटवाने का प्रबन्ध करें।
    धन्यवाद
    आपकी आज्ञाकारी शिष्या
    क, ख, ग
    कक्षा-दसवीं

    प्रश्न 16.
    विद्यालय में छुट्टी के दिनों में भी प्रातःकाल में योग की अभ्यास कक्षाएँ चलने की सूचना देते हुए इच्छुक विद्यार्थियों द्वारा अपना नाम देने हेतु सूचना-पट्ट के लिए एक सूचना लगभग 30 शब्दों में लिखिए।
    उत्तर:
    क. ख. ग. पब्लिक स्कूल
    अ. ब. स. स्थान
    सूचना
    07 अप्रैल, 20XX
    प्रातःकाल में योगाभ्यास कक्षा
    सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि विद्यालय में छुट्टी के दिनों में प्रातःकाल में योग की अभ्यास कक्षाएँ चलाई जाएँगी। जो भी विद्यार्थी योगाभ्यास की कक्षाओं का लाभ उठाना चाहते हैं, वे अपना नाम अपने कक्षाध्यापक/ कक्षाध्यापिका को लिखा सकते हैं। नाम देने की आखिरी तारीख 26 अप्रैल 20XX है।

    योगाभ्यास कार्यक्रम
    स्थान : विद्यालय का बास्केटबॉल मैदान
    समय : प्रातः 6-7 बजे प्रतिदिन सोमवार से शनिवार
    प्रातः 7-9 बजे रविवार एवं छुट्टी के दिन
    अभिनव छाबड़ा
    अधिकृत

    प्रश्न 17.
    परीक्षा में आपकी शानदार उपलब्धियों पर आपके और पिताजी के बीच हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए। [5] उत्तर:
    पिता – बेटा! आज तुम्हारा परीक्षाफल देखकर में बहुत प्रसन्न हूँ और कामना करता हूँ कि भविष्य में भी तुम ऐसे ही सफलता के मार्ग पर आगे बढ़ते रहोगे।
    बेटा – धन्यवाद पिताजी! यह सब आपके आशीर्वाद और मेहनत का परिणाम है। पिताजी इस बार बहुत से होशियार बच्चे भी, उतना अच्छा परिणाम नहीं दे पाए, जितना कि वे दे सकते थे।
    पिता – बेटा ऐसा तो हर साल ही होता है।
    बेटा – आजकल परीक्षा को योग्यता जाँचने का माध्यम बना दिया गया है। अंकों को व्यक्ति की बुद्धिमत्ता का मापदण्ड माना जाता है। इसलिए जो विद्यार्थी पढ़कर उत्तीर्ण हो जाते हैं, उन्हें कक्षा में श्रेष्ठ माना जाता है।
    पिता – इसी कारण परीक्षा विद्यार्थियों में भय का कारण बन गई है, जिसके कारण बहुत से होनहार छात्र भी परीक्षा में अच्छे अंक नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं।
    बेटा – हाँ जी! मुझे लगता है यह नहीं सोचना चाहिए कि जिन विद्यार्थियों को कम अंक मिले हैं, वे योग्य नहीं है। शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं हैं। प्रतिदिन के जीवन के लिए सामान्य ज्ञान भी अत्यन्त आवश्यक है।
    पिता – शाबाश बेटा! तुम्हारे विचार जानकर मुझे तुम पर गर्व है।

    प्रश्न 18.
    सड़क पर टहलते हुए आपको एक बैग मिला, जिसमें कुछ रुपये, मोबाइल फोन तथा अन्य कई महत्वपूर्ण कागजात थे। लगभग 25 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए कि अधिकारी व्यक्ति आपसे सम्पर्क कर अपना बैग ले जाए।
    उत्तर:
    खोया-पाया-मैं पार्थ छाबड़ा, दिल्ली निवासी आप सभी को सूचित करना चाहता हूँ कि मुझे 12 अप्रैल 20xx को हरियाण T रोडवेज से उतरते हुए, पीरागढ़ी चौक पर एक काला बैग मिला जिसमें कुछ जरूरी कागजात, आधार व पैन कार्ड, रुपये और एक मोबाइल फोन है।
    जिस किसी का हो प्रमाण देकरे ले जाएँ-दूरभाष
    011981139459

    CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2017 Outside Delhi Term 2 Set – II

    निर्धारित समय :3 घण्टे
    अधिकतम अंक : 90

    खण्ड ‘ख’

    प्रश्न 3.
    ‘शब्द’ किसे कहते हैं ? उदाहरण देकर समझाइए। [1 + 1 = 2] उत्तर:
    वर्गों को सार्थक समूह शब्द कहलाता है। जैसे— क् + अ + म् + अ + ल + अ = कमल।

    प्रश्न 4.
    निर्देशानुसार वाक्य-रूपान्तरण कीजिए : [1 × 3 = 3] (क) वह रोज व्यायाम करता है, इसलिए स्वस्थ रहता है। (सरल वाक्य में)
    (ख) परिश्रमी व्यक्ति कभी खाली नहीं बैठता (मिश्र वाक्य में)
    (ग) आज्ञाकारी श्याम माता-पिता की सेवा करता है। (संयुक्त वाक्य में)
    उत्तर:
    (क) सरल वाक्य- वह रोज व्यायाम करने के कारण स्वस्थ रहता है।
    (ख) मिश्र वाक्य- जो व्यक्ति परिश्रमी है, वह कभी खाली नहीं बैठता।
    (ग) संयुक्त वाक्य- श्याम आज्ञाकारी है इसलिए माता-पिता की सेवा करता है।

    प्रश्न 5.
    (क) निम्नलिखित शब्दों का समास-विग्रह करते हुए समास का नाम लिखिए : [1 + 1 = 2] (i) तीसरी कसम
    (i) दिन-रात
    (ख) निम्नलिखित शब्दों को समस्त-पद बनाकर समास का नाम लिखिए :
    (i) मुख है जो चन्द्र के सम
    (ii) तीन राहों का समूह
    उत्तर:
    (क)
    (i) तीसरी है जो कसम-कर्मधारय समास
    (ii) दिन और रात-द्वंद्व समास

    (ख)
    (i) चन्द्रमुखी-कर्मधारय समास
    (ii) तिराहा-द्विगु समास

    प्रश्न 6.
    निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए : [1 × 4 = 4] (क) आप उससे क्या कहे हैं ?
    (ख) हमारे घर में उसकी बात होता रहता है।
    (ग) इस गलती की दुबारा पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
    (घ) बच्चा लोग बहुत शोर कर रहा है।
    उत्तर:
    (क) आपने उससे क्या कहा है ?
    (ख) हमारे घर में उसकी बात होती रहती है।
    (ग) इस गलती की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
    (घ) बच्चे बहुत शोर कर रहे हैं।

    प्रश्न 7.
    निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य प्रयोग इस प्रकार कीजिए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए : [1 + 1 = 2] बेराह चलना, अन्धे के हाथ बटेर लगना।।
    उत्तर:
    बेराह चलना-जो खुद बेराह चलते हैं, वे दूसरों को नसीहतें देते अच्छे नहीं लगते।
    अन्धे के हाथ बटेर लगना-बगैर पढ़े रवीना ने कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर लिया, इसे कहते हैं अंधे के हाथ बटेर लगना।

    खण्ड ‘ग’

    प्रश्न 11.
    (क) “बिहारी के दोहे’ के आधार पर लिखिए कि माला जपने और तिलक लगाने से क्या होता है। ईश्वर किससे प्रसन्न रहते हैं।
    उत्तर:
    (क) बिहारी जी कहते हैं जप माला, छापा, तिलक आदि बाहरी दिखावा करने वालों को कुछ भी प्राप्त नहीं होता, ईश्वर उन लोगों से प्रसन्न रहते हैं जिनकी भक्ति सच्ची व निष्ठा श्रद्धा से होती है।

    खण्ड “घ”

    प्रश्न 16.
    स्वच्छता अभियान पर माँ-बेटी के संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए। [5] उत्तर:
    माँ – बेटी, आजकल स्वच्छता अभियान के विषय में बहुत चर्चा हो रही है। आखिर ये स्वच्छता अभियान क्या है ?
    बेटी – माँ! यह भारत सरकार द्वारा हमारे देश को साफ और स्वच्छ रखने के लिए चलाया गया है। हम सभी को इसमें अपना योगदान देकर, इसे सफल बनाना है।
    माँ – बेटी हम पूरे भारत को कैसे स्वच्छ बना सकते हैं।
    बेटी – माँ! हम अपने-अपने मौहल्लों और कस्बों की गलियों को साफ करके, कचरे को कूड़ेदान में डालकर, अपने भारत को ही तो स्वच्छ करेंगे। वैसे भी इससे हमारा ही भला होगा।
    माँ – तुमने सही कहा बेटी। इससे हम गन्दगी से होने वाली बीमारियों से भी बचे रहेंगे।
    बेटी – माँ। चलो हम भी इस मुहिम का हिस्सा बन जाते हैं।

    प्रश्न 18.
    विद्यालय की कार्यानुभव-प्रयोगशाला में बनी मोमबत्तियाँ तथा अन्य उपयोगी वस्तुओं की बिक्री हेतु लगभग 25 शब्दों में एक विज्ञापन लिखिए। [5] उत्तर:
    CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2017 Outside Delhi Term 2 1

    CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2017 Outside Delhi Term 2 Set – III

    निर्धारित समय :3 घण्टे
    अधिकतम अंक : 90

    खण्ड ‘ख’

    प्रश्न 3.
    पद किसे कहते हैं ? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए। [1 + 1 = 2] उत्तर:
    जब कोई सार्थक स्वतन्त्र इकाई अर्थात शब्द, किसी वाक्य में प्रयुक्त हो जाता है, तब वह शब्द उस वाक्य का पद कहलाता है। जैसे शब्द-कमल पद-कमल एक फूल है।

    प्रश्न 4.
    निर्देशानुसार वाक्य-रूपान्तरण कीजिए : [1 × 3 = 3] (क) कर्म करने वाले को फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए। (मिश्र वाक्य में)
    (ख) जो विद्वान् और सत्यवादी हैं उनका सर्वत्र सम्मान होता है। (सरल वाक्य में)
    (ग) आकाश में बादल छाते ही घनघोर वर्षा होने लगी। (संयुक्त वाक्य में)
    उत्तर:
    (क) मिश्र वाक्य- जो कर्म करता है, उसे फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए।
    (ख) सरल वाक्य– विद्वान और सत्यवादी लोगों का सर्वत्र सम्मान होता है।
    (ग) संयुक्त वाक्य- आकाश में बादल छाए और घनघोर वर्षा होने लगी।

    प्रश्न 5.
    (क) निम्नलिखित शब्दों का समास-विग्रह करते हुए समास का नाम लिखिए : [1 + 1 = 2] (i) महाजन
    (ii) जलप्रदूषण
    (ख) निम्नलिखित शब्दों को समस्त-पद बनाकर समास का नाम लिखिए : [1 + 1 = 2] (i) नीला है जो गगन
    (ii) आस और पास
    उत्तर:
    (क)
    (i) महान है जो जन-कर्मधारय समास
    (ii) जल का प्रदूषण-तत्पुरुष समास

    (ख)
    (i) नीलगगन-कर्मधारय समास
    (ii) आस-पास-द्वन्द्व समास

    प्रश्न 6.
    निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए : [1 × 4 = 4] (क) यहाँ पर कल एक लड़का और लड़की बैठी थी।
    (ख) मुझे केवल मात्र अपना अधिकार चाहिए।
    (ग) इस विद्यालय का परीक्षा परिणाम अच्छी है।
    (घ) मास्टर जी ने उसकी बड़ी प्रशंसा करी।
    उत्तर:
    (क) यहाँ पर कल एक लड़का और लड़की बैठे थे।
    (ख) मुझे केवल अपना अधिकार चाहिए।
    (ग) इस विद्यालय का परीक्षा परिणाम अच्छा है।
    (घ) मास्टर जी ने उसकी बहुत प्रशंसा की।

    प्रश्न 7.
    निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग इस प्रकार कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए : [1 + 1 = 2] बाट जोहना, सुध-बुध खोना
    उत्तर:
    (i) बाट जोहना-बच्चे स्कूल की छुट्टी होते ही अपने
    माता-पिता की बाट जोहते हैं।
    (ii) सुध-बुध खोना-वजीर अली से मुलाकात होने के बाद,
    कर्नल अपनी सुध-बुध खो बैठा।

    खण्ड ‘ग’

    प्रश्न 11.
    (क) सच्चे मन में ईश्वर बसते हैं इस भाव के सन्दर्भ में बिहारी के दोहे का भाव स्पष्ट कीजिए। [2] उत्तर:
    (क) सच्चे मन में ईश्वर बसते हैं इस भाव में बिहारी जी कहते हैं ईश्वर उन लोगों के मन में बसते हैं जिनकी भक्ति सच्ची होती है।

    प्रश्न 17.
    ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन के बारे में अपने मित्र से हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए। [5] उत्तर:
    अक्षत – सौरभ आज सुबह-सुबह दौड़ रहे हो, क्या बात है ? तबीयत तो ठीक है न।।
    सौरभ – हाँ अक्षत तबीयत बिलकुल ठीक है। बस पिताजी ने निर्णय लिया है कि मुझे प्रतिदिन व्यायाम करवाएँगे और ओलंपिक्स में भेजेंगे।
    अक्षत – यह तो बहुत बढ़िया निर्णय लिया है, अंकल ने। वैसे भी इस बार तो पी. वी. सिन्धु, साक्षी मलिक और ललिता बबर ने ओलंपिक में कमाल कर दिया।
    सौरभ – हाँ भाई! पी. वी. सिन्धु ने चाँदी का पदक जीत कर भारत का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया।
    अक्षत – साइना नेहवाल भी थोड़ा और अच्छा खेलती तो पुरस्कार दूर नहीं था।
    सौरभ – आजकल ओलंपिक हो, राष्ट्रीय खेल हो या अन्तर्राष्ट्रीय सभी क्षेत्रों में हमारे भारतीय खिलाड़ी नाम कमा रहे हैं।
    अक्षत – आने वाले सालों में तुम भी तो ओलंपिक जीत कर आओगे।
    सौरभ – हाँ भाई! कोशिश तो पूरी करूँगा चलो अब मैं अपनी दौड़ पूरी कर लँ फिर मिलेंगे।
    अक्षत – चलो ध्यान रखना, फिर मिलेंगे।

    प्रश्न 18.
    विद्यालय के ‘रंगायन’ द्वारा प्रस्तुत नाटक के बारे में नाम, पात्र, दिन, समय, टिकट-दर आदि की सूचना देते हुए एक विज्ञापन का आलेख लगभग 25 शब्दों में लिखिए। [5] |
    उत्तर:
    आषाढ़ का एक दिन
    “रंगायन” द्वारा प्रस्तुत
    निर्देशक एवं निर्माता-राज उपाध्याय
    नाटक “आषाढ़ का एक दिन”
    दिनांक-26 जनवरी, 20xx
    स्थान– श्री राम सेंटर, मंडी हाउस, दिल्ली
    समय-प्रातः 9:00-11:00 बजे
    सायं-5:00-7:00 बजे
    टिकट-दर-250 = प्रति सीट
    पात्र परिचय-रामा यादव, मयंक गुप्ता, विनीत खत्री, मीनल जैन
    संपर्क करें-दूरभाषः 0119899223935/www.rangayan.com

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