TopicsGeneral TopicsSpeech on Bhagat Singh in Hindi

Speech on Bhagat Singh in Hindi

भारत में हर साल 28 सितंबर को भगत सिंह जयंती मनाई जाती है। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी भगत सिंह की जयंती के रूप में मनाया जाता है। स्टूडेंट्स के लिए भगत सिंह का जीवन और उनके विचार अत्यंत प्रेरणादायक होते हैं, जो उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

    Fill Out the Form for Expert Academic Guidance!



    +91


    Live ClassesBooksTest SeriesSelf Learning




    Verify OTP Code (required)

    I agree to the terms and conditions and privacy policy.

    भगत सिंह भारतीय इतिहास के सबसे प्रमुख क्रांतिकारियों में से एक थे, जिन्होंने देश में स्वतंत्रता की नई चिंगारी सुलगाई। आज भी भारत के करोड़ों युवा उन्हें अपना आदर्श मानते हैं। अक्सर स्कूलों और विभिन्न आयोजनों में भगत सिंह पर भाषण देने के लिए कहा जाता है। इस ब्लॉग में आप 100, 200 और 300 शब्दों में भगत सिंह पर भाषण लिखने का तरीका सीखेंगे।

    Speech on Bhagat Singh in Hindi

    Shaheed Bhagat Singh के बारे में

    भगत सिंह को भारत के सबसे महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक माना जाता है। उनके बलिदान और साहस ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया था। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को लायलपुर, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। वे कम उम्र में ही भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के लिए प्रेरित हो गए थे। 1928 में, उन्होंने लाहौर में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बम विस्फोट में भाग लिया, जिसके लिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और दोषी ठहराया गया। उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई और 23 मार्च, 1931 को उन्हें फांसी दे दी गई थी।

    भगत सिंह पर स्पीच 100 शब्दों में

    प्रिय मित्रों,

    आज मैं आपसे भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के बारे में बात करने आया हूँ। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को लायलपुर, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। कम उम्र में ही उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया। 1928 में लाहौर में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बम विस्फोट करने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उनके साहस और बलिदान ने स्वतंत्रता आंदोलन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। 23 मार्च, 1931 को उन्हें फांसी दे दी गई। उनका बलिदान हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा।

    धन्यवाद।

    Also Read: Bhagat Singh Speech in English

    भगत सिंह पर स्पीच 200 शब्दों में

    प्रिय मित्रों,

    आज मैं आपसे भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के बारे में बात करने आया हूँ। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को लायलपुर, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। वे एक सच्चे देशभक्त और क्रांतिकारी थे, जिन्होंने अपने जीवन को भारत की आज़ादी के लिए समर्पित कर दिया।

    भगत सिंह ने छोटी उम्र से ही स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लेने के लिए ब्रिटिश अधिकारियों के खिलाफ संघर्ष किया। 1928 में लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए उन्होंने लाहौर में बम विस्फोट किया। इसके परिणामस्वरूप उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और दोषी ठहराया गया।

    भगत सिंह ने अपने क्रांतिकारी विचारों को प्रचारित करने के लिए कई लेख लिखे और भाषण दिए। उनके साहस और बलिदान ने लाखों भारतीयों को प्रेरित किया। 23 मार्च, 1931 को उन्हें फांसी दे दी गई। उनकी शहादत ने स्वतंत्रता आंदोलन को और भी मजबूत किया और युवाओं को प्रेरित किया।

    भगत सिंह का बलिदान हमें सिखाता है कि देश के लिए समर्पण और साहस कितना महत्वपूर्ण है। उनके आदर्श और विचार हमें सदैव प्रेरित करते रहेंगे।

    धन्यवाद।

    Also Read: Essay on Bhagat Singh

    भगत सिंह पर स्पीच 300 शब्दों में

    प्रिय मित्रों,

    आज मैं आपसे भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के बारे में बात करने आया हूँ। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को लायलपुर, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। वे एक सच्चे देशभक्त और क्रांतिकारी थे, जिन्होंने अपने जीवन को भारत की आज़ादी के लिए समर्पित कर दिया।

    भगत सिंह का देशभक्ति का सफर बहुत कम उम्र में शुरू हुआ। जलियांवाला बाग हत्याकांड ने उनके दिल और दिमाग पर गहरा असर डाला और उन्हें अंग्रेजों के खिलाफ क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। वे ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ के सदस्य बने और अपने क्रांतिकारी विचारों के प्रचार के लिए लेख लिखने और भाषण देने लगे।

    1928 में, लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए भगत सिंह और उनके साथियों ने लाहौर में बम विस्फोट किया। इस घटना के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर हत्या का मुकदमा चला। जेल में रहते हुए भी उन्होंने अपने विचारों को फैलाने का काम जारी रखा और जेल में साथी कैदियों के साथ भूख हड़ताल भी की।

    23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दे दी गई। उनके बलिदान ने पूरे देश को झकझोर दिया और स्वतंत्रता आंदोलन को और भी मजबूती प्रदान की। भगत सिंह की शहादत ने लाखों युवाओं को प्रेरित किया और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

    भगत सिंह का जीवन और उनके विचार आज भी हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने हमें सिखाया कि देश के लिए समर्पण और साहस कितना महत्वपूर्ण है। उनके आदर्श और बलिदान हमें यह सिखाते हैं कि जब तक हम अपने देश के लिए कुछ नहीं कर सकते, तब तक हमारी जिंदगी का कोई मतलब नहीं है।

    हम सबको भगत सिंह के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने देश की सेवा में तत्पर रहना चाहिए। उनका बलिदान हमें यह याद दिलाता है कि स्वतंत्रता की कीमत बहुत बड़ी होती है और हमें इसे बनाए रखने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

    धन्यवाद।

    Also Check: Bhagat Singh Biography

    भगत सिंह पर स्पीच 500 शब्दों में

    प्रिय मित्रों,

    आज मैं आपसे भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, शहीद भगत सिंह के बारे में बात करने आया हूँ। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को लायलपुर, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। वे एक सच्चे देशभक्त और क्रांतिकारी थे, जिन्होंने अपने जीवन को भारत की आज़ादी के लिए समर्पित कर दिया।

    भगत सिंह का जन्म एक सिख परिवार में हुआ था, जो स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से शामिल था। उनके पिता किशन सिंह और चाचा अजीत सिंह दोनों ही स्वतंत्रता सेनानी थे। बचपन से ही भगत सिंह के मन में देशभक्ति की भावना प्रबल थी। उन्होंने लाहौर के नेशनल कॉलेज में अध्ययन किया, जहां उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए खुद को तैयार किया।

    1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह के मन में गहरा प्रभाव डाला। इस घटना ने उन्हें अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया। वे महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में भी शामिल हुए, लेकिन चौरी चौरा कांड के बाद गांधीजी द्वारा आंदोलन वापस लेने पर वे निराश हो गए।

    भगत सिंह ने ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (HSRA) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1928 में लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए भगत सिंह और उनके साथियों ने सॉन्डर्स की हत्या की। इसके बाद, 1929 में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली की सेंट्रल असेंबली में बम विस्फोट किया। उनका उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं था, बल्कि ब्रिटिश सरकार को संदेश देना था कि भारतीय युवा स्वतंत्रता के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

    बम विस्फोट के बाद भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त को गिरफ्तार कर लिया गया। जेल में रहते हुए भी भगत सिंह ने अपने क्रांतिकारी विचारों का प्रचार किया और साथी कैदियों के साथ भूख हड़ताल की। उन्होंने अपने लेखों और पत्रों के माध्यम से भारतीय युवाओं को जागरूक किया और स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।

    भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च, 1931 को फांसी दी गई। उनकी शहादत ने पूरे देश को झकझोर दिया और स्वतंत्रता आंदोलन को और भी मजबूती प्रदान की। उनकी मृत्यु ने लाखों भारतीयों को प्रेरित किया और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।

    भगत सिंह ने अपने लेखों और भाषणों के माध्यम से समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और मानवाधिकारों के प्रति अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने जोर देकर कहा कि सच्ची आजादी केवल विदेशी शासन से मुक्त होने में नहीं है, बल्कि समाज के हर व्यक्ति को समान अधिकार और अवसर प्रदान करने में है। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और हमें समाज में न्याय और समानता के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देते हैं।

    भगत सिंह का जीवन और उनके विचार आज भी हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने हमें सिखाया कि देश के लिए समर्पण और साहस कितना महत्वपूर्ण है। उनके आदर्श और बलिदान हमें यह सिखाते हैं कि जब तक हम अपने देश के लिए कुछ नहीं कर सकते, तब तक हमारी जिंदगी का कोई मतलब नहीं है। हम सबको भगत सिंह के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने देश की सेवा में तत्पर रहना चाहिए। उनका बलिदान हमें यह याद दिलाता है कि स्वतंत्रता की कीमत बहुत बड़ी होती है और हमें इसे बनाए रखने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

    धन्यवाद।

    Must Read: Bhagat Singh Slogans

    FAQs on Speech on Bhagat Singh in Hindi

    भगत सिंह कौन थे और उनका जन्म कब और कहाँ हुआ था

    भगत सिंह भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनका जन्म 28 सितंबर, 1907 को लायलपुर, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था।

    भगत सिंह ने कौन सी प्रमुख क्रांतिकारी घटनाओं में भाग लिया था?

    भगत सिंह ने 1928 में लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए सॉन्डर्स की हत्या की और 1929 में दिल्ली की सेंट्रल असेंबली में बम विस्फोट किया।

    भगत सिंह को कब और किस कारण से फांसी दी गई थी?

    भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 को लाहौर षड्यंत्र केस के तहत फांसी दी गई थी, जिसमें उन्होंने ब्रिटिश अधिकारी सॉन्डर्स की हत्या की थी।

    भगत सिंह का योगदान स्वतंत्रता संग्राम में क्या था?

    भगत सिंह ने अपने क्रांतिकारी विचारों और कार्यों से स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित किया और युवाओं को जागरूक किया। उनके साहस और बलिदान ने भारतीयों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया।

    भगत सिंह के विचार और आदर्श क्या थे?

    भगत सिंह समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और मानवाधिकारों के समर्थक थे। उन्होंने सच्ची आजादी की परिकल्पना की थी जिसमें हर व्यक्ति को समान अधिकार और अवसर मिले। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और हमें समाज में न्याय और समानता के लिए प्रेरित करते हैं।

    Chat on WhatsApp Call Infinity Learn

      Talk to our academic expert!



      +91


      Live ClassesBooksTest SeriesSelf Learning




      Verify OTP Code (required)

      I agree to the terms and conditions and privacy policy.