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The Ant and the Cricket Summary In English
Desperate Cricket
There was a cricket. He used to sing all through the pleasant months of summer and spring. When winter arrived, he found that there was no food at home. Then he said “What will become of me ?” He became desperate by starvation. Went to an ant. He requested him to lend him a shelter from rain and some food. However he promised to return it. He added that if the ant did not do what he wanted, he would die.
Miserly Ant
The ant replied that the ants did not ever borrow or lend. He, however, asked the cricket if he did not lay by anything in good weather. He asked him what he did during the warm weather. The cricket replied he was very glad in that pleasant weather. In his happiness, he kept on singing all the time. At this the ant advised him to pass away the winter by danc¬ing. Saying so, the ant turned the cricket out of his house.
The Story—a Lesson
The poet ends his story with a moral. He says that this is not a fable but truth. He goes on to add that some human beings are also like the cricket of the story.
The Ant and the Cricket Summary In Hindi
निराश झींगुर
एक झींगुर था। वह गर्मी और बसंत के सुहावने समूचे महीनों को गाने में बिता देता था। सर्दी आने पर उसने पाया कि उसके घर में भोजन बिल्कुल न था। तब वह बोला, “मेरा क्या होगा ?” वह भूख से बेहाल हो गया। वह एक चींटी के पास गया। उसने उससे वर्षा से बचने के लिए आश्रय और कुछ भोजन की याचना की। उसने इसे वापस करने का वचन दिया। उसने यह भी कहा कि अगर चींटी ने उसकी बात नहीं मानी तो वह मर जायेगा।
कंजूस चींटी
चींटी ने उत्तर दिया कि चींटियाँ न तो उधार लेती हैं और न ही उधार देती हैं। फिर भी उसने झींगुर से पूछा कि क्या उसने अच्छे मौसम में कोई बचत नहीं की। उसने उससे पूछा कि गर्मियों में उसने क्या किया। झींगुर ने उत्तर दिया कि उस अच्छे मौसम में वह बहुत खुश था। खुशी में वह हर समय गाता ही रहा। इस पर चींटी ने उसे सलाह दी कि वह सर्दियाँ नाचकर बिता दे। ऐसा कह कर चींटी ने झींगुर को अपने घर से निकाल दिया।
कहानी-एक सीख
कवि एक नैतिक शिक्षा के साथ अपनी कहानी समाप्त करता है। वह कहता है कि यह केवल एक कहानी नहीं बल्कि यथार्थ है। वह आगे कहता है कि कुछ मनुष्य भी इस कहानी के झींगुर की तरह ही होते हैं।