Study MaterialsImportant QuestionsCBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2016 Outside Delhi Term 2

CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2016 Outside Delhi Term 2

CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2016 Outside Delhi Term 2 Set-I

खण्ड ‘क’

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    प्रश्न 1.
    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए [2 × 6 = 12] महात्माओं और विद्वानों का सबसे बड़ा लक्षण है-आवाज को ध्यान से सुनना। यह आवाज कुछ भी हो सकती है। कौओं की कर्कश आवाज से लेकर नदियों की छलछल तक। मार्टिन लूथर किंग के भाषण से लेकर किसी पागल के बड़बड़ाने तक। अमूमन ऐसा होता नहीं। सच यह है कि हम सुनना चाहते ही नहीं। बस बोलना चाहते हैं। हमें लगता है कि इससे लोग हमें बेहतर तरीके से समझेंगे। हालांकि ऐसा होता नहीं। हमें पता ही नहीं चलता और अधिक बोलने की कला हमें अनसुना करने की कला में पारंगत कर देती है। एक मनौवैज्ञानिक ने अपने अध्ययन में पाया कि जिन घरों के अभिभावक ज्यादा बोलते हैं, वहाँ बच्चों में सही-गलत से जुड़ा स्वाभाविक ज्ञान कम विकसित हो पाता है, क्योंकि ज्यादा बोलना बातों को विरोधाभासी तरीके से सामने रखता है और सामने वाला बस शब्दों के जाल में फंसकर रह जाता है। बात औपचारिक हो या अनौपचारिक, दोनों स्थितियों में हम दूसरे की न सुन, बस हावी होने की कोशिश करते हैं। खुद ज्यादा बोलने और दूसरों को अनसुना करने से जाहिर होता है कि हम अपने बारे में ज्यादा सोचते हैं और दूसरों के बारे में कम। ज्यादा बोलने वालों के दुश्मनों की भी संख्या ज्यादा होती है। अगर आप नए दुश्मन बनाना चाहते हैं, तो अपने दोस्तों से ज्यादा बोलें और अगर आप नए दोस्त बनाना चाहते हैं, तो दुश्मनों से कम बोलें । अमेरिका के सर्वाधिक चर्चित राष्ट्रपति रूजवेल्ट अपने माली तक के साथ कुछ समय बिताते और इस दौरान उनकी बातें ज्यादा सुनने की कोशिश करते। वह कहते थे कि लोगों को अनसुना करना अपनी लोकप्रियता के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। इसका लाभ यह मिला कि ज्यादातर अमेरिकी नागरिक उनके सुख में सुखी होते, और दुख में दुखी।
    (क) अनसुना करने की कला क्यों विकसित होती है?
    (ख) अधिक बोलने वाले अभिभावकों का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्यों?
    (ग) अधिक बोलना किन बातों का सूचक है?
    (घ) रूजवेल्ट की लोकप्रियता का क्या कारण बताया गया है?
    (ङ) तर्कसम्मत टिप्पणी कीजिए-“हम सुनना चाहते ही नहीं।”
    (च) अनुच्छेद का मूल भाव तीन-चार वाक्यों में लिखिए।
    उत्तर:
    (क) आज हम किसी को सुनना ही नहीं चाहते हैं और अपनी ही बोलना चाहते हैं। इसी अधिक बोलने की कला के कारण अनसुना करने की कला विकसित होती है।
    (ख) अधिक बोलने वाले अभिभावकों के कारण बच्चों में सही गलत से जुड़ा स्वाभाविक ज्ञान कम विकसित होता है। ज्यादा बोलना बातों को विरोधाभासी तरीके से सामने रखता है और सामने वाला बस शब्दों के जाल में फंसकर रह जाता है।
    (ग) अधिक बोलना इन बातों का सूचक है कि हम अपने बारे में ज्यादा सोचते हैं और दूसरों के बारे में हम सोचना ही नहीं चाहते।
    (घ) रूजवेल्ट की लोकप्रियता इससे जाहिर होती है कि वे दूसरों की बातों को अधिक से अधिक सुनने का प्रयास करते थे और कम से कम बोलकर अपनी बात रखते थे। वे कहते थे लोगों को अनसुना करना अपनी लोकप्रियता से खिलवाड़ करना है।
    (ङ) जब हम खुद ज्यादा बोलते हैं और दूसरों को बोलने का मौका ही नहीं देते हैं। इस बात से पता चलता है। कि हम दूसरों को सुनना ही नहीं चाहते, उन्हें कोई अहमियत नहीं देते। बस अपनी ही कहना चाहते हैं। उन्हें लगता है इस तरह से लोग उन्हें बेहतर तरीके से समझेंगे।
    (च) हमें दूसरों की बातों को ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए। इस तरह हम अपने लोगों के बीच लोकप्रिय होंगे। अच्छे दोस्त बनाएंगे । विद्वान व्यक्ति बोलते कम और सुनते अधिक है। और साथ ही, हमारा कोई दुश्मन नहीं होगा।

    प्रश्न 2.
    निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए [2 × 4 = 8] यादें होती हैं गहरी नदी में उठी मँवर की तरह नसों में उतरती कडवी दवा की तरह। या खुद के भीतर छिप बैठे साँप की तरह। जो औचक्के में देख लिया करता है। यादें होती हैं जानलेवा खुशबू की तरह प्राणों के स्थान पर बैठे जानी दुश्मन की तरह शरीर में पॅसे उस काँच की तरह जो कभी नहीं दिखता पर जब-तब अपनी सत्ता का भरपूर एहसास दिलाता रहता है। यादों पर कुछ भी कहना। खुद को कठघरे में खड़ा करना है। पर कहना जरूरत नहीं, मेरी मजबूरी है।
    (क) यादों को गहरी नदी में उठी मँवर की तरह क्यों कहा गया है?
    (ख) यादों को जानी दुश्मन की तरह मानने का क्या आशय है?
    (ग) शरीर में पॅसे काँच से यादों का साम्य कैसे बिठाया जा सकता है?
    (घ) आशय स्पष्ट कीजिए
    “यादों पर कुछ भी कहना
    खुद को कठघरे में खड़ा करना है।”
    उत्तर:
    (क) जिस प्रकार गहरी नदी में भंवर उठता है, तो सब कुछ उसमें समा जाता है। उसके अन्दर जो भी फंस जाता है, उसका बाहर निकलना असंभव हो जाता है। ऐसे ही यादों की नदी में भंवर उठता है, तो सब कुछ नष्ट हो जाता है। मनुष्य को दुःख के सिवाय कुछ भी हासिल नहीं होता। मनुष्य उसमें उलझकर रह जाता है और उससे बाहर आना उसके लिए असंभव, मुश्किल हो जाता है।
    (ख) जब यादें मनुष्य के मन से बाहर आती हैं, तब मनुष्य को कुछ अच्छा नहीं लगता है। उन पुरानी यादों से भरे निराशा तथा दुःख के भाव उसे आ घेरते हैं, उससे दिमागी तनाव पैदा होता है, जो मनुष्य के दुश्मन की तरह उसे घेर लेता है और यादें हर वक्त पीड़ा पहुँचाती रहती हैं।
    (ग) जैसे शरीर में धंसा काँच रह-रहकर दर्द देता है तथा घाव से खून निकलता रहता है, ऐसे ही यादें मनुष्य को तकलीफ देती हैं। वह चैन से नहीं रह पाता है। अतः
    दोनों में एक ही तरह का साम्य दिखाया गया है।
    (घ) इसका आशय है कि हम यादों को कुछ कहने लायक नहीं होते हैं। वह जैसी भी हैं हमारे अन्दर हैं, हमारी हैं। हम ही उन यादों में कहीं न कहीं शामिल हैं। अतः हम उन्हें भला-बुरा कहते हैं, तो इसका आशय है कि हम स्वयं के लिए कह रहे हैं। तब हम स्वयं को दोषी। मानने लगते हैं। हर व्यक्ति को इस प्रकार की घटनाओं से गुजरना पड़ता है।

    खण्ड ‘ख’।

    प्रश्न 3.
    (i) शब्द क्या है ? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए। [1 + 1 = 2] (ii) शब्द वाक्य में प्रयुक्त होने पर क्या कहलाता है?
    उत्तर:
    (i) एक या अधिक वर्षों से बने हुए स्वतंत्र और सार्थक समूह को “शब्द” कहते हैं। उदाहरण-गंगा, कमल, किताब आदि।
    (ii) जब तक शब्द का प्रयोग वाक्य में नहीं किया जाता है, वे शब्द कहलाते हैं, परन्तु जब उनका प्रयोग वाक्य में होता है तो वे “पद” बन जाते हैं। उदाहरण-गंगा भारत
    की महत्त्वपूर्ण नदी है। यहाँ गंगा एक पद है।

    प्रश्न 4.
    निर्देशानुसार उत्तर दीजिए : [1 × 3 = 3] (i) वह पुस्तक लेने बाजार गया। (मिश्र वाक्य में बदलकर लिखिए)
    (ii) तुमने जो घड़ी खरीदी, वह अच्छी थी। (सरल वाक्य में बदलिए)
    (iii) वह वाचनालय जाकर समाचार पत्र पढ़ने लगा। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
    उत्तर:
    (i) वह बाजार गया क्योंकि उसे पुस्तक लेनी।।
    (ii) तुमने अच्छी घड़ी खरीदी।
    (iii) वह वाचनालय गया और समाचार पत्र पढ़ने लगा।

    प्रश्न 5.
    (क) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम लिखिए : [1 + 1 = 2] दहेज-प्रथा, महात्मा
    (ख) निम्नलिखित का समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए : [1 + 1 = 2] नया जो युवक, ध्यान में मग्न
    उत्तर:
    (क) दहेज की प्रथा – तत्पुरुष समास
    महान है आत्मा जिसकी – कर्मधारय समास
    (ख) नवयुवक – कर्मधारय समास
    ध्यान मग्न – तत्पुरुष समास

    प्रश्न 6.
    निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए :[1 × 4 = 4] (क) हम यहाँ सकुशलतापूर्वक हैं।
    (ख) आज लगभग कोई एक दर्जन छात्र नहीं आए हैं।
    (ग) कृपया आज का अवकाश देने की कृपा करें।
    (घ) मोहन ने घर गया और सो गया।
    उत्तर:
    (क) हम यहाँ कुशलपूर्वक हैं।
    (ख) आज लगभग एक दर्जन छात्र नहीं आए हैं।
    (ग) कृपया आज का अवकाश दे।
    (घ) मोहन घर गया और सो गया।

    प्रश्न 7.
    निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए : [1 + 1 = 2] नाकों चने चबाना, बाल-बाल बचना।
    उत्तर:
    नाकों चने चबाना-झाँसी की रानी ने अंग्रेजों को नाकों चने चबवा दिए ।
    बाल-बाल बचना हमारी माताजी और मौसी जी सड़क दुर्घटना में बाल-बाल बच गईं।

    खण्ड ‘ग’

    प्रश्न 8.
    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए : [2 + 2 + 1 = 2] (क) ओचुमेलॉव की दो चारित्रिक विशेषताओं का अपने शब्दों में उल्लेख कीजिए |**
    (ख) ‘अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले पाठ के आधार पर लिखिए कि समुद्र के गुस्से का क्या कारण था? उसने अपना गुस्सा कैसे व्यक्त किया?
    (ग) सआदत अली कौन था? कर्नल उसे अवध के तख्त पर क्यों बिठाना चाहता था?
    उत्तर:
    (ख) कई सालों से बिल्डर समुद्र को पीछे धकेल रहे थे और उसकी जमीन पर अधिकार करते चले जा रहे थे। समुद्र उत्तर सिमटता जा रहा था। उसने पहले टाँगें समेटी फिर ६ धीरे-धीरे उकडू होकर बैठा। उस स्थिति में भी लोगों ने उसे न रहने दिया तो फिर खड़ा हो गया बहुत छोटी जगह में सिमटने के कारण। इसके बावजूद धीरे-धीरे जगह और कम होती गई तो उसे गुस्सा आ गया। उसने तीन जहाज फेंक दिये। एक वर्ली में समुद्र के किनारे, दूसरा बांद्रा में कार्टर रोड के सामने और तीसरा गेट वे ऑफ इंडिया पर जो बाद में टूट-फूट गया।
    (ग) सआदत अली वजीर अली का चाचा और नबावे आसिफउद्दौला का छोटा भाई था। सआदत अली अंग्रेजों का चमचा था। अंग्रेज जानते थे कि यदि अवध को अपने अधिकार में लेना है तो सआदत अली का तख्त पर बैठना आवश्यक है। वजीर अली के रहते अवध को अपने कब्जे में लेना संभव नहीं था। यही कारण था कि
    वह सआदत अली को तख्त पर बैठाना चाहते थे।

    प्रश्न 9.
    ‘झेन की देन’ पाठ में जापानी लोगों को मानसिक रोग होने के क्या-क्या कारण बताए गए हैं? आप इनसे कहाँ तक सहमत हैं ? तर्कसहित लिखिए। [2 + 2 + 1 = 2] उत्तर:
    लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के कारण बताए हैं कि मनुष्य चलता नहीं दौड़ता है। बोलता नहीं, हर समय बक-बक करता है। एक महीने का काम एक-दो दिन में करना चाहता है, दिमाग हजार गुना अधिक गति से दौड़ाता है। अतः तनाव बढ़ जाता है। मानसिक रोगों का प्रमुख कारण प्रतिस्पर्धा के कारण दिमाग का अनियंत्रित गति से काम करना है। हम भी यह मानते हैं कि मानसिक रोग अत्यधिक तनाव के कारण होते हैं। मस्तिष्क पर अत्यधिक तनाव, अत्यधिक दुख या कष्ट मानसिक रोग उत्पन्न करते हैं। यह स्थिति मनुष्य को बीमार बना देती है। आज का मनुष्य संतोष भरा जीवन व्यतीत नहीं करता है। वह बस भागते रहना चाहता है। इस दौड़ में वह दूसरों से बहुत आगे निकल जाना चाहता है। हम इस कथन से बिल्कुल सहमत हैं कि यह स्थिति ही उसे मानसिक रोगी बना देती है।

    प्रश्न 10.
    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए : [2 + 2 + 1 = 5] संसार की रचना भले ही कैसे हुई हो, लेकिन धरती किसी एक की नहीं है। पंछी, मानव, पशु, नदी, पर्वत, समंदर आदि की इसमें बराबर की हिस्सेदारी है। यह और बात है कि इस हिस्सेदारी में मानव जाति ने अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी कर दी हैं। पहले पूरा संसार एक परिवार के समान था अब टुकड़ों में बँटकर एक-दूसरे से दूर हो चुका है।
    (क) ‘मानव जाति ने अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी कर दीं-कथन का क्या आशय है?
    (ख) परिवार के टुकड़ों में बँटकर एक दूसरे से दूर होने के क्या कारण हैं?
    (ग) आशय समझाइए धरती किसी एक की नहीं है।
    उत्तर:
    (क) इसका अर्थ है कि मनुष्य ने पृथ्वी, उसके जीवों तथा स्वयं को बाँट दिया है। पहले यह संसार एक परिवार के समान था, अब वह टुकड़ो में बँट गया है।
    (ख) परिवार टुकड़ों में बँट गया है, इस कारण एक-दूसरे से दूर होने के कारण आपसी मतभेद हो गए हैं। मनुष्य ने सभी को उनके रंग, रूप, आकार तथा स्वभाव के आध पर बाँट दिया है। जिसके कारण अब वे एक नहीं बल्कि अलग-अलग हो गये हैं। इसी बँटवारे की वजह से उनमें आपस में मतभेद उत्पन्न हो गए हैं।
    (ग) इसका आशय है कि भगवान ने इस धरती को सबके उत्तर लिए बनाया है जिसमें हर प्राणी का समान अधिकार है। कोई एक व्यक्ति या समूह इस धरती को अपनी जागीर नहीं समझ सकता इसलिए अगर कोई एक इस पर अपना एकाधिकार दिखाने का प्रयास करे, तो उचित नहीं है। यह धरती सभी की है।

    प्रश्न 11.
    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए : [2 + 2 +1 = 5] (क) बिहारी ने ईश्वर प्राप्ति में किन साधनों को साधक और किनको बाधक माना है?
    (ख) महादेवी वर्मा अपने दीपक को किस प्रकार जलने के लिए कह रही है और क्यों?* *
    (ग) ‘कर चले हम फिदा’ गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि क्या है?
    उत्तर:
    (क) बिहारी के अनुसार ईश्वर को तो केवल सच्ची भक्ति से ही पाया जा सकता है। हाथ में माला लेकर जपने तथा माथे पर चन्दन का तिलक लगाकर जप करने का दिखावा करने से वह किसी काम नहीं आता है। यह सब बाहरी आडम्बर है। इस तरह के आडम्बरों से ईश्वर को पाया नहीं जा सकता। ये साधन साधक के लिए बाधा के समान हैं।
    (ग) यह गीत सन् 1962 के भारत-चीन युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। चीन ने तिब्बत की ओर से आक्रमण किया और भारतीय वीरों ने इस आक्रमण का मुकाबला वीरता से किया था।

    प्रश्न 12.
    “आत्मत्राण’ कविता में कवि की प्रार्थना से क्या संदेश मिलता है? अपने शब्दों में लिखिए। [5] उत्तर:
    “आत्मत्राणकविता रवीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा लिखित कविता है। आत्मत्राण कविता में कवि मनुष्य को भगवान के प्रति विश्वास बनाए रखने का संदेश देता है। वह प्रभु से प्रार्थना करता है कि चाहे कितना कठिन समय हो या कितनी ही विपदाएँ जीवन में हों, परन्तु हमारी आस्था भगवान पर बनी रहनी चाहिए। इनके अनुसार जीवन में थोड़े से दुःख आते ही हैं और इस कारण से भगवान पर से विश्वास हट जाता है। कवि भगवान से प्रार्थना करता है कि ऐसे समय में आप मेरे मन में अपने प्रति विश्वास को बनाए रखना। उनके अनुसार भगवान पर विश्वास ही उन्हें सारी विपदाओं व कठिनाइयों से उबरने की शक्ति देता है। दूसरे वह भगवान मनुष्य को विषम उत्त परिस्थितियों में निडर होकर लड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। उनके अनुसार भगवान में वे शक्तियाँ हैं कि वह असंभव को संभव बना सकते हैं। परन्तु कवि भगवान से प्रार्थना करते हैं। कि परिस्थितियाँ कैसी भी हों, वह उनसे स्वयं आमना-सामना करें। भगवान मात्र उसका सहयोग करें। इससे होगा यह कि वह स्वयं इतना मजबूत हो जाएगा कि हर परिस्थिति में कमजोर नहीं पड़ेगा और उसका डटकर सामना करेगा।

    प्रश्न 13.
    घर वालों के मना करने पर भी टोपी का लगाव इफ्फन के घर और उसकी दादी से क्यों था? दोनों के अनजान, अटूट रिश्ते के ‘ बारे में मानवीय मूल्यों की दृष्टि से अपने विचार लिखिए। [5] उत्तर:
    टोपी को इफ्फन से और इफ्फन की दादी से जो प्रेम था, वह अकथनीय था। उसे जितना प्रेम वहां मिला, उसे अपने घर में नहीं मिला। यही कारण है कि घरवालों के मना करने पर भी टोपी को लगाव इफ्फन के घर और उसकी दादी से था। इफ्फन की दादी ने तो जैसे उसके कोमल मन में गहरा स्थान पा लिया था। यह प्रेम ही जो था, जिसने न ६ र्मि को देखा, न उम्र को, बस हृदय को देखा और जीवन में आत्मसात हो गया। प्रेम ऐसा भाव है जिसमें व्यक्ति जाति-पांति, धर्म, ऊँच-नीच, बड़े-छोटे के सभी बंधनों को भूल जाता है। मानवीय मूल्यों में प्रेम सबसे सुंदर भाव है। प्रेम किसी जाति-पांति, ऊँच-नीच, बड़े-छोटे का गुलाम नहीं होता। हमारे बीच में प्रेम विभिन्न रूपों में विद्यमान हैऋ जैसे–माता-पिता का संतान से, भाई का भाई और बहन से, बहन का बहन और भाई से, चाचा-चाची, बुआ या मामा-मामी का अपने भतीजे-भतीजियों-भांजों से, गुरु का शिष्य से, बड़ों का छोटों से, एक मित्र का दूसरे मित्र से, मनुष्य का पशु-पक्षियों से, प्रिय का प्रियतमा से, पति का पत्नी से, दादा-दादी या नाना-नानी का अपने नाती-पोतों से, भक्त का भगवान से, भूखे इन्सान का रोटी से, पड़ोसी का पड़ोसी से रहता है। ये सभी रूप प्रेम के ही हैं। इसलिए कहा गया प्रेम न देखे जात-पात, न उमर का फासला”।

    खण्ड “घ”

    प्रश्न 14.
    दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग १०० शब्दों में अनुच्छेद लिखिए: [5] (क) मित्रता

    • मित्रता का महत्त्व
    • अच्छे मित्र के लक्षण
    • लाभ-हानि

    (ख) दहेज प्रथा-एक अभिशाप |

    • सामाजिक समस्या
    • रोकथाम के उपाय
    • युवकों का कर्तव्य

    (ग) कम्प्यूटर

    • उपयोगी वैज्ञानिक आविष्कार
    • विविध क्षेत्रों में कंप्यूटर
    • लाभ-हानि

    उत्तर:
    (क) मित्रता
    मित्रता एक अनमोल धन है। यह एक ऐसी धरोहर है जिसका मूल्य लगा पाना संभव नहीं है। इस धन व ६ गरोहर के सहारे मनुष्य कठिन से कठिन समय से भी बाहर निकल आता है। भगवान के द्वारा मनुष्य को परिवार मिलता है और मित्र वह स्वयं बनाता है। जीवन के संघर्षपूर्ण मार्ग पर चलते हुए उसके साथ उसका मित्र कन्धे से कन्धा मिलाकर चलता है। हर व्यक्ति को मित्रता की आवश्यकता होती है। वह चाहे सुख के क्षण हों या दुःख के क्षण, मित्र उसके साथ रहता है। किसी विशेष गूढ़ बात पर मित्र ही उसे सही सलाह देकर उसका मार्गदर्शन करता है। मित्र ही उसका सही अर्थों में सच्चा शुभचिंतक, मार्गदर्शक, शुभ इच्छा रखने वाला होता है। सच्ची मित्रता में प्रेम व त्याग का भाव होता है। मित्र की भलाई दूसरे मित्र का कर्तव्य होता है। सच्चा मित्र वही होता है जो विपत्ति के समय अपने मित्र के साथ दृढ़ निश्चय होकर खड़ा रहता है। हमें चाहिए कि जब भी किसी को अपना मित्र बनाएं तो सोच विचार कर बनाएं क्योंकि जहाँ एक सच्चा मित्र आपका साथ दे, आपको ऊँचाई तक पहुँचा सकता है, कपटी मित्र अपने स्वार्थ के लिए आपको पतन के रास्ते पर भी पहुँचा सकता है। जो आपके मुंह पर आपका सगा बने और पीठ पीछे आपकी बुराई करे ऐसे मित्र को दूर से नमस्कार कहने में ही भलाई है।

    (ख) दहेज प्रथा-एक अभिशाप दहेज प्रथा हिन्दू समाज की नवीनतम बुराईयों में से एक है। विगत बीस-पच्चीस वर्षों में यह बुराई इतनी बढ़कर सामने आई है कि इसका प्रभाव समाज की आर्थिक एवं नैतिक अवस्था की कमर तोड़ रहा है। इस प्रथा के पीछे लोभ की दुष्प्रवृत्ति है। दहेज प्रथा भारत के सभी क्षेत्रों और वर्गों में व्याप्त है। दहेज प्रथा को जीवित रखने वाले तो थोड़े से व्यक्ति हैं, परन्तु समाज पर इसका कुप्रभाव अत्यधिक पड़ रहा है। कितनी ही बार देखा जाता है। कि पिता को अपनी सुंदर लड़की की शादी धन के अभाव के कारण किसी भी बिना पढ़े-लिखे, अवगुणों से भरपूर लड़के के साथ करनी पड़ती है। कई बार सुनने में आता है कि दहेज प्रथा के कारण यो तो लड़की ने आत्महत्या कर ली या ससुराल में उसे प्रताड़ित करते हुए जलाकर अथवा किसी भी तरीके से मार दिया गया। दहेज प्रथा की बीमारी पढ़े-लिखे लोगों में अनपढ़ लोगों की अपेक्षा अधिक फैली हुई है। सरकार ने दहेज प्रथा के विरुद्ध कानून बना दिया है, लेकिन दहेज प्रथा के विरुद्ध प्रताड़ित होने के बावजूद कोई वकील और कचहरी के चक्कर लगाना नहीं चाहता। अतः कानून को और सख्त बनाना पड़ेगा।

    लड़कियों को उच्च शिक्षा दिलवाना आवश्यक है ताकि वह स्वयं के अधिकारों के प्रति जागरूक हों। इस प्रथा को तो समाज का युवावर्ग ही तोड़ने में समर्थ हो सकता है। वह वर्तमान परम्पराओं को एक बार तिरस्कार कर दे, तो दहेज प्रथा धीरे-धीरे खत्म हो सकती है।
    कम्प्यूटर कम्प्यूटर के आविष्कार से जीवन, आफिस, संचार एवं/ फोटो/डाटा के क्षेत्र में जो क्रांति आई है, वह आज तक के दूसरे आविष्कारों के मुकाबले बहुत तीव्र है। कम्प्यूटर के माध्यम से डिजाइनिंग व छपाई को एक नया आयाम मिला। कम्प्यूटर के आविष्कार के साथ कई नये कार्यक्षेत्रों का जन्म हुआ जिससे रोजगार के नये अवसर पैदा हुए। आज कम्प्यूटर हर क्षेत्र में अपना स्थान बना चुका है। रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा, सरकारी या गैर-सरकारी कार्यालय, बैंक, पत्र-पत्रिकाओं।

    समाचार पत्रों का कार्यालय हो, कुछ ही क्षणों में हम कम्प्यूटर के माध्यम से अपने कार्यों को सफलतापूर्वक कर सकते हैं। अपने कार्यों को और अच्छी बनाने के लिए ई-मेल का सहारा लेते हैं। आज ई-मेल भी हर क्षेत्र की महत्वपूर्ण जरूरत के रूप में सामने आया है। इसी तरह से दुनिया के किसी शहर क्षेत्र की जानकारी, कोई महत्वपूर्ण सूचना या प्रसिद्ध व्यक्तियों के बारे में जानकारी हमें “गूगल” से मिल जाती है। कम्प्यूटर के लाभ हैं, तो इससे जुड़ी हानियाँ भी कम नहीं हैं। यदि कम्प्यूटर में वायरस आ जाए, तो समस्त जानकारियाँ, फाइल इत्यादि नष्ट हो जाती हैं। कुछ आपराधिक मानसिकता के लोगों द्वारा, तो कई बैंकों या देश की सुरक्षा संबंधी क्षेत्रों में कम्प्यूटर व इन्टरनेट के माध्यम से घुसपैठ की जाती है। साइबर क्राइम इसी से जुड़ा होता है जो अत्यधिक चिन्ता का विषय है। इसके अतिरिक्त कम्प्यूटर पर ज्यादा बैठने वाले लोगों को, सिर दर्द, पीठ दर्द, स्पोन्डोलाइटिस, आँखों संबंधी परेशानी जैसी कई बीमारियाँ हो जाती हैं।

    प्रश्न 15.
    आपके नाम से प्रेषित एक हजार रु. के मनीआर्डर की प्राप्ति न होने का शिकायत पत्र अधीक्षक पोस्ट आफिस को लिखिए। [5] उत्तर:
    47, अशोक नगर
    बरेली
    सेवा में,
    अधीक्षक,
    मुख्य डाकघर, बरेली
    दिनांक : 25 मार्च, 20XX
    विषय-मनीआर्डर की प्राप्ति नहीं होने पर कार्यवाही हेतु पत्र
    महोदय,
    मैं बरेली का रहने वाला हूँ। मेरे घर से मेरे पिताजी ने दिनांक 3 मार्च, 20XX को 1000 रुपये का मनीआर्डर (रसीद संख्या XXXX) किया था, परन्तु अभी तक यह मनीआर्डर मुझे प्राप्त नहीं हुआ है। इस विषय में मैंने अपने क्षेत्र के पोस्ट आफिस के स्टाफ से संपर्क किया। परन्तु उनका कहना है कि उनको इसकी कोई जानकारी नहीं है। हमारा परिवार बहुत गरीब है और पिताजी दिहाड़ी की मजदूरी मेहनत करके मुझे पैसे भेजते हैं। आपसे निवेदन है कि इस दिशा में कुछ ठोस कदम उठाएं और जल्द से जल्द मुझे मनीआर्डर वाले पैसे दिलवाएं।
    मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप मेरी इस समस्या पर ध्यान देते हुए, उचित कार्यवाही करेंगे। मैं सदैव आपका आभारी रहूँगा।
    धन्यवाद सहित
    भवदीय
    अ.ब.स.
    9873XXXXXX

    प्रश्न 16.
    विद्यालय में आयोजित होने वाली वाद-विवाद प्रतियोगिता के लिए एक सूचना लगभग 30 शब्दों में साहित्यिक क्लब के सचिव की ओर से विद्यालय सूचना पट के लिए लिखिए। [5] उत्तर:
    सूचना पट के लिए सूचना
    नवोदय विद्यालय (स्थान और शहर)
    सूचना
    दिनांकः 20 जनवरी, 20XX
    सूचना नम्बर XX
    वाद-विवाद प्रतियोगिता की सूचना
    इस विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि दिनांक 5 फरवरी 20XX को विद्यालय के सेंट्रल हाल में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। विषय-नदियों का प्रदूषण
    इस विषय के पक्ष और विपक्ष में वाद-विवाद प्रतियोगिता में भाग लेने के इच्छुक विद्यार्थी दिनांक 30 जनवरी, 20XX तक अपने नाम अपने कक्षा अध्यापक को दे दें। हस्ताक्षर
    साहित्यिक क्लब/प्रधानाचार्य
    नवोदय विद्यालय

    प्रश्न 17.
    खाद्य-पदार्थों में होने वाली मिलावट के बारे में मित्र के साथ हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए। [5] उत्तर:
    खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावट के बारे में दो दोस्तों के बीच संवाद-
    अनुराग – अरे समीर! तुम यहाँ?
    समीर – मैं यहाँ इस स्टोर में कुछ सामान वापस करने आया हूँ।
    अनुराग – मतलब! कोई खास चीज?
    समीर – अरे यार! क्या बताऊँ? मैं यहाँ से दाल ले गया था, इसमें छोटे-छोटे कंकड़ और बिल्कुल सफेद रंग के पत्थरों की इतनी मिलावट है, क्या बताऊं। माँ और बहन कंकड़ पत्थर चुनते-चुनते परेशान हो गईं। आखिर में तंग आकर उन्होंने कहा कि दाल के पैकेट को वापस करके आओ।
    अनुराग – तुम कहते तो सही हो समीर ।
    समीर – अभी कुछ दिन पहले गोयल अंकल सरसों का तेल ले गए थे, और उससे बने खाने से घर के सभी सदस्य बीमार पड़ गये। उन्होंने तो तेल की शिकायत पुलिस व खाद्य विभाग दोनों में कर दी।
    अनुराग – कल ही मैंने देखा कि बड़ी-बड़ी कंपनियों के सामान में भी मिलावट पाई गई है और त्योहार पर मिठाइयों में बहुत ज्यादा मिलावट कर दी जाती है। इससे लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है।
    समीर – सरकार को इस विषय में सख्त कानून बनाकर मिलावट करने वाले व्यापारियों पर कार्यवाही करनी चाहिए।
    अनुराग – बिल्कुल सही कहा।

    प्रश्न 18.
    अपने पुराने मकान के बेचने संबंधी विज्ञापन का आलेख लगभग 25 शब्दों में तैयार कीजिए। [5] उत्तर:
    [बिकाऊ है।
    बिकाऊ है।
    बिकाऊ है।
    200 वर्ग गज में निर्मित 2 मंजिल
    एक पुराना रहने योग्य मकान बाजार, सब्जी मण्डी, मेन सड़क, स्कूल तथा रेलवे स्टेशन के नजदीक बाबू गुलाब राय मार्ग, देहली गेट आगरा। सम्पर्क करें
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    CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2016 Outside Delhi Term 2 Set-II

    निर्धारित समय :3 घण्टे
    अधिकतम अंक : 90

    प्रश्न 4.
    निर्देशानुसार उत्तर दीजिए : [1 × 3 = 3] (i) मैंने एक बीमार व्यक्ति को देखा। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
    (ii) यद्यपि वह बहुत मेहनती है फिर भी सफल नहीं हो सका। (रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए)
    (iii) शरीर से कमजोर व्यक्ति के लिए यह प्रतियोगिता नहीं (मिश्र वाक्य में बदलिए) |
    उत्तर:
    (i) संयुक्त वाक्य-मैंने एक व्यक्ति को देखा, और वह बहुत बीमार था।
    (ii) मिश्र वाक्य
    (iii) मिश्र वाक्य-जो शरीर से कमजोर व्यक्ति है, उसके लिए यह प्रतियोगिता नहीं है।

    प्रश्न 5.
    (क) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम बताइए : [1 + 1 = 2] जनहित, मधुरफल
    (ख) निम्नलिखित का समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए : [1 + 1 = 2] स्वप्न देखने वाला, अपनी रक्षा
    उत्तर:
    (क) (i) जन का हित – तत्पुरुष समास
    (ii) मधुर है जो फल – कर्मधारय समास
    (ख) (i) स्वप्नदर्शी – तत्पुरूष समास
    (ii) आत्मरक्षा – तत्पुरूष समास

    प्रश्न 6.
    निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए : [1 × 4 = 4] (क) एक गरम कप चाय पीलो।
    (ख) उससे हमारा बात हो गया है।
    (ग) यहाँ केवल मात्र दो पुस्तकें रखी हैं।
    (घ) वह तुमसे भली भाँति सुपरिचित है।
    उत्तर:
    शुद्ध वाक्य
    (क) एक कप गरम चाय पी लो।
    (ख) उससे हमारी बात हो गयी है।
    (ग) यहाँ केवल दो पुस्तकें रखी हैं।
    (घ) वह तुमसे भली-भाँति परिचित है।

    प्रश्न 7.
    निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए : [1 + 1 = 2] पानी-पानी होना, सिर पर कफन बाँधना ।
    उत्तर:
    पानी-पानी होना-नरेश की चोरी पकड़ी जाने पर वह सबके सामने पानी-पानी हो गया। सिर पर कफन बाँधना- भारतवर्ष की स्वतंत्रता की माँग को लेकर भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने अपने सिर पर कफन बाँध लिया और फांसी पर चढ़ गए।

    प्रश्न 9.
    पाठ के आधार पर प्रतिपादित कीजिए कि दूसरों के दुःख से दुःखी होने वाले अब कम मिलते हैं। [5] उत्तर:
    इस पाठ में लेखक सुलेमान, पैगंबर लशकर, शेख अयाज़ और अपनी माताजी के माध्यम से यह संदेश देना चाहता है कि अब संसार में इस तरह के लोग नहीं है, जो किसी दूसरे के दुःख में उसी प्रकार दुःखी होते हैं मानो उनका अपना ही दुःख हो इंसान आज इतना स्वार्थी हो गया है कि इस स्वार्थ के वशीभूत होकर वह दूसरों के हितों का भी हनन करने से नहीं चूकता। ईश्वर ने उसे यह सुंदर दुनिया दी ताकि वह इसमें सभी प्राणियों के साथ मिलकर रहे, लेकिन वह यह भूल गया है कि इस दुनिया में उसके अतिरिक्त और कोई भी रहता है। वे अपने लिए इसका व अन्य जीव-जन्तुओं का नाश करने से भी नहीं चूका। उसे यही भ्रम है कि वह इस पृथ्वी पर सबसे शक्तिशाली है। इस मद में मदमस्त होता हुआ, वह जाने अनजाने स्वयं के लिए गड्ढा खोद चुका है।

    प्रश्न 15.
    नेशनल बुक ट्रस्ट के प्रबंधक को पत्र लिखकर हिंदी में प्रकाशित नवीनतम बाल साहित्य की पुस्तकें भेजने हेतु अनुरोध कीजिए। [5] उत्तर:
    परीक्षा भवन
    नई दिल्ली।
    दिनांक : 20 जनवरी, 20XX
    सेवा में,
    प्रबंधक नेशनल बुक ट्रस्ट
    मुख्य डाकघर
    नई दिल्ली।
    विषय : पुस्तक मंगाने हेतु प्रार्थना-पत्र।
    महोदय,
    हमने छोटे बच्चों के लिए एक वाचनालय की शुरुआत की है, जिसमें छोटी-छोटी कहानियों का संग्रह, नेताओं की जीवनी, रामायण व महाभारत संबंधित पुस्तकों का संकलन होगा। मुझे निम्नलिखित दस पुस्तकें शीघ्र भिजवा दें और यहाँ प्रकाशित बच्चों संबंधित किताबों की एक सूची भी भिजवा दें। इस आर्डर की पुस्तकों की कीमत की अग्रिम राशि 1,000 रुपये का बैंक ड्राफ्ट नं XXXXX दिनांक 20 जनवरी, 20XX बैंक, ग्रामीण आर्यावर्त बैंक इस पत्र के साथ भेज रहा हूँ। पुस्तकें भेजते हुए पहले यह सुनिश्चित कर लीजिएगा कि पुस्तकें अंदर से या बाहर से कटी-फटी न हों और प्रत्येक पुस्तक : कवर चढ़ी हुई हो। आपसे करबद्ध अनुरोध है कि सारी पुस्तकें बच्चों के वाचनालय हेतु हैं अतः हमारे द्वारा माँगी हुई सभी किताबों, पत्र-पत्रिकाओं पर यथासम्भव “छूट दें।
    आपसे विनम्र निवेदन है जितना शीघ्र हो सके, निम्न पुस्तकों की 5-5 प्रतियाँ भिजवा दें :
    1. मन्दाकिनी
    2. अमन, प्रेम व आजादी
    3. चम्पक
    4. चन्द्रकान्ता
    5. नन्दन
    6. पंचतन्त्र की कहानियाँ
    7. बच्चों की जातक कथाएँ
    8. जंगल बुक
    9. सिंहासन बत्तीसी
    10. हितोपदेश
    धन्यवाद!
    भवदीय
    सचिव, वाचनालय
    मनीआर्डर भेजने का पता-
    ईशान्त चावला
    नई दिल्ली।

    CBSE Previous Year Question Papers Class 10 Hindi B 2016 Outside Delhi Term 2 Set-III

    निर्धारित समय :3 घण्टे
    अधिकतम अंक : 90

    प्रश्न 4.
    निर्देशानुसार उत्तर दीजिए : [1 × 3 = 3] (i) माता-पिता की सेवा करने वाले को किसी अन्य की सेवा नहीं चाहिए। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
    (ii) प्रातःकाल टहलने के कारण वह स्वस्थ रहता है। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
    (iii) परिश्रमी व्यक्ति को दुःख नहीं झेलना पड़ता। (रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए)
    उत्तर:
    (i) मिश्र वाक्य-जो माता-पिता की सेवा करता है, वह किसी और की सेवा सहायता नहीं चाहता।
    (ii) संयुक्त वाक्य-वह स्वस्थ रहता है, जो प्रातःकाल टहलने जाता है।
    (iii) सरल वाक्य

    प्रश्न 5.
    (क) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम बताइए : [1 + 1 = 2] चिंतारहित, शुभदिन
    (ख) निम्नलिखित का समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए : [1 + 1 = 2] माता का भक्त, चाँद जैसा मुख।
    उत्तर:
    (क)
    (i) चिंता से रहित – अपादान तत्पुरुष समास
    (ii) शुभ है जो दिन – कर्मधारय समास
    (ख)
    (i) मातृ-भक्त – तत्पुरुष समास
    (ii) चंद्रमुखी – कर्मधारय समास

    प्रश्न 6.
    निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए : [1 × 4= 4] (क) हमने पिताजी से मिलना है।
    (ख) उत्तम चरित्र-निर्माण हमारा लक्ष्य होने चाहिए।
    (ग) कितने लोग हमारा बुराई करता रहता है।
    (घ) शिक्षक ने शशांक को बुलाए ।
    उत्तर:
    (क) हमें पिताजी से मिलना है।
    (ख) उत्तम चरित्र निर्माण हमारा लक्ष्य होना चाहिए।
    (ग) कितने लोग हमारी बुराई करते रहते हैं।
    (घ) शिक्षक ने शशांक को बुलाया।

    प्रश्न 7.
    निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए : [1 × 1 = 2] खून सूखना, कागजी घोड़े दौड़ाना।
    उत्तर:
    मुहावरों का प्रयोग
    खून सूखना-डॉक्टर ने जब हमारे पिताजी को कैंसर से पीड़ित बताया तो घर के सभी सदस्यों का खून सूख गया।
    कागजी घोड़े दौड़ाना–मात्र योजनाएँ बनाना, परन्तु उस पर कार्य न करना-कागजी घोड़े दौड़ाने से काम नहीं चलता सरकार द्वारा आगरा की पेयजल समस्या को हल करने के लिए गंगा जल अभी तक नहीं लाया गया।

    प्रश्न 9.
    ‘टी सेरेमनी’ की तैयारी और उसके प्रभाव पर चर्चा कीजिए। [5] उत्तर:
    जापानी में चाय पीने की विधि को “चा-नो-यू’ कहते हैं जिसका अर्थ होता है-“टी-सेरेमनी और चाय पिलाने वाला “चाजीन” कहलाता है। जहाँ चाय पिलाई जाती है, वहाँ की सजावट पारम्परिक होती है और इस स्थान में केवल तीन लोग बैठकर चाय पी सकते हैं। यहाँ अत्यन्त शांति और गरिमा के साथ-साथ चाय पिलाई जाती हैं। टी-सेरेमनी में चाजीन द्वारा अतिथियों का उठकर स्वागत करना, आराम से अंगीठी सुलगाना, चायदानी रखना, दूसरे कमरे से चाय के बर्तन लाना, चाय को बर्तनों में डालना, सभी क्रियाएं गरिमापूर्ण ढंग से की जाती हैं। चाय पीने के बाद लेखक ने महसूस किया कि जैसे उनके दिमाग की गति मंद पड़ गई हो। धीरे-धीरे उसका दिमाग चलना भी बंद हो गया। उन्हें लगा कि मानो वे अनंतकाल से जी रहे हैं। वे भूत और भविष्य दोनों का चिंतन न करके वर्तमान काल में जी रहे हों।

    प्रश्न 12.
    ‘कर चले हम फिदा’ कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए। [5] उत्तर:
    इस कविता में देशभक्ति की भावना को प्रतिपादत किया गया हैं। इस कविता को पढ़कर हमें अपने देश के सैनिकों पर गर्व होता है। इन सैनिकों ने अत्यंत विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए देश की रक्षा हेतु अपना अमर बलिदान दिया। मरते दम तक वे देश रक्षा के प्रयासों में लगे रहे और अपनी इस ६ रोहर को अपने साथियों को सौंपकर वीरगति को प्राप्त हुए। देश की धरती अत्यंत पवित्र है। हम सभी को मिलकर इस देश की रक्षा करनी है। इस देश की रक्षा में अनेक सैनिकों ने अपना रक्त बहाया है। हिमालय हमारे देश के मान-सम्मान का प्रतीक है। हमें किसी भी हालत में इसके सिर को झुकने नहीं देना है।

    प्रश्न 14.
    रेल द्वारा बुक कराकर भेजा गया घरेलू सामान आपके निवास के निकटस्थ स्टेशन तक नहीं पहुँचा है, इसकी शिकायत करते हुए रेल प्रबंधक को एक पत्र लिखिए।
    उत्तर:
    अ.ब.स.
    94, साबरमती गार्डन
    अहमदाबाद |
    सेवा में,
    रेल प्रबंधक
    वाराणसी कैन्ट रेलवे स्टेशन
    वाराणसी
    दिनांक : 25 मार्च, 20XX
    विषय-सामान न पहुंचने का शिकायती पत्र।
    महोदय,
    मैं एक सरकारी कर्मचारी हूँ और अहमदाबाद से तबादले के बाद वाराणसी आया हूँ। मैंने अपना ज्यादातर घरेलू सामान लकड़ियों और स्टील के बक्सों में अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर वाराणसी कैन्ट स्टेशन के लिए बुक किया था। रेलवे की बुकिंग रसीद संख्या XXXX दिनांक 25 फरवरी, 20XX है।
    क्योंकि घरेलू सामान अभी तक यहाँ वाराणसी नहीं पहुँचा है, मैंने पार्सल घर और स्टेशन मास्टर से सम्पर्क किया, परन्तु वे कोई सन्तोषजनक उत्तर नहीं दे पा रहे हैं। रेलवे की पार्सल ट्रैकिंग की इन्टरनेट सेवा भी काम नहीं कर रही है। क्योंकि सामान घरेलू है इसलिए हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आपसे अनुरोध है कि हमारा घरेलू सामान जल्द से जल्द वाराणसी स्टेशन पर मँगवाया जाए और हमें हमारा सामान दिया जाए।
    अग्रिम धन्यवाद
    भवदीय
    अ.ब.स.
    9568XXXXXX

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